रेलवे के इलेक्ट्रिक लोको शेड में कर्मचारियों ने किया काम बंद

एसएसई की मौत के बाद एक अफसर के संक्रमित होने से पसरा खौफ
कोरोना संक्रमण रोकने कोई उपाय नहीं बरतने का लगाया आरोप
भिलाई । चरोदा रेलवे में इन दिनों कोविड-19 के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां के अधिकारी सेनेटाईज कराने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने सहित अन्य एहतियात बरतने के प्रति बिलकुल लापरवाही और उदासीन बने हुए है। रेलवे के चरोदा स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड के एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर की कोरोना के मौत और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद भी भारी लापरवाही बरती जा रही है, यहां कोरोना संक्रमण रोकने कोई उपाय नहीं बरतने से रेलवे के चरोदा स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड में कार्य करने वाले कर्मचारियों का गुस्सा आज फूट पड़ा और यहां सामान्य पाली में काम करने वाले करीब 2 सौ कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया और डीईई शशांक कोष्टा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इन कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि लोको शेड में सीनियर सेक्शन इंजीनियर रहे देवकुमार सोनवानी की 30-31 सितंबर की दरम्यानी रात तबियत बिगडऩे के बाद अस्पताल ले जाने पर मौत हो गई थी। बाद में कोरोना जांच में सोनवानी के संक्रमित होने की पुष्टि हई थी। बावजूद इसके लोको शेड में संक्रमण रोकने के लिए न तो सेनिटाइजर का छिड़काव किया गया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के प्रति अधिकारियों ने किसी तरह की दिशा-निर्देश जारी किया। इससे पहले लोको शेड के सेक्शन ई-6 जूनियर इंजीनियर रुस्तम राय की जांच रिपोर्ट में भी 28 अगस्त को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। रुस्तम राय अभी चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर सेंटर में भर्ती है। लेकिन बताया जा रहा है कि 27 सितंबर को रुस्तम राय 4 से 5 सेक्शन में जाकर लोको रिपेयरिंग का काम करता रहा। वहीं अनेक कर्मचारियों की मौजूदगी में शेड के अंदर हुए बैठक में भी उसने हिस्सा लिया था। वहीं लंग्स में संक्रमण के चलते नारायणा हास्पिटल में भर्ती वरिष्ठ अनुभाग अभियंता ए प्रसाद राव भी कोरोना संक्रमण के संदेह के घेरे में है। इन हालातों के बावजूद लोको शेड का न तो सैनिटाइजेशन हुआ और न ही रेलवे के दूसरे विभागों की तर्ज पर सुरक्षा का कोई उपाय अपनाया गया है।
अधिकारी लागू किये 50 प्रतिशत कर्मचारियों से बारी बारी काम लेने का नियम
रेलवे बोर्ड द्वारा कोरोना संक्रमण की संभावना के चलते 50 प्रतिशत उपस्थिति का नियम लागू किया गया है। लेकिन इसका पालन केवल कार्यालयीन कर्मचारियों पर लागू होने से इलेक्ट्रिक लोको शेड के कर्मचारियों को कोरोना काल से पहले की तरह ही प्रतिदिन ड्यूटी करनी पड़ रही है। अब जब कर्मचारियों का आक्रोश फूट पड़ा है तो आज पूरे लोको शेड को सेनिटाइज करने व शनिवार 5 सितंबर को काम के अनुसार कर्मचारियों की ड्यूटी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया गया है। इसके बाद सोमवार से सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए काम लेने का भरोसा अधिकारियों ने दिया है।
लगभग आठ सौ कर्मचारी है यहां कार्यरत
बीएमवाय चरोदा के इलेक्ट्रिक लोको शेड में तकरीबन 800 कर्मचारी कार्यरत है। यहां पर रेलवे के इलेक्ट्रिक लोको इंजन का रखरखाव व मरम्मत होता है। कर्मचारियों की माने तो कोरोना संक्रमण का दस्तक पड़ते ही देश व प्रदेश के अनेक निजी व सरकारी इकाईयों में काम बंद हो गया, लेकिन इलेक्ट्रिक लोको शेड में पूर्ववत कामकाज चलता रहा। डिविजनल इलेक्ट्रिक अभियंता शशांक कोष्टा के द्वारा शेड का कभी भी सैनिटाजेशन या फागिंग नहीं कराया गया। जबकि पीपी यार्ड सहित आसपास के अन्य शेड में निश्चित समयावधि के बीच सेनिटाइजर का छिड़काव व फांगिंग होता रहा है।