कैलाश मानसरोवर रोड निर्माण पर नेपाल ने जताई आपत्ति, कहा- बातचीत से निकालेंगे हल | Kalapani issue will be resolved through diplomatic channels says nepal Pradeep Kumar Gyawali | world – News in Hindi


नेपाल ने कहा, कूटनीतिक माध्यमों के जरिए सुलझा लिया जाएगा कालापानी का मुद्दा (फाइल फोटो)
विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली (Pradeep Kumar Gyawali) ने कहा कि यह सड़क निर्माण दोनों देशों के बीच समझ के खिलाफ है और बातचीत के माध्यम से सीमा से संबंधित मुद्दों का हल खोजा जाएगा.
नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने संसद में एक विशेष प्रस्ताव पेश कर कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख में नेपाल के क्षेत्रों को वापस लेने की मांग की है. इसके बाद ग्यावली ने संसद में यह बात कही. सांसदों ने दावा किया कि महाकाली नदी के पूर्वी हिस्से पर लगभग 400 वर्ग किलोमीटर भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है. उन्होंने अपने प्रस्ताव में नेपाल सरकार से इसे वापस लेने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की. विदेश मंत्री ने कहा कि यह सड़क निर्माण दोनों देशों के बीच समझ के खिलाफ है और बातचीत के माध्यम से सीमा से संबंधित मुद्दों का हल खोजा जाएगा.
कूटनीतिक माध्यमों के जरिए निकालेंगे हल
ग्यावली ने दावा किया कि नेपाल से संबंधित क्षेत्र वैसे ही हैं, जैसा 1816 की सुगौली संधि में इनका जिक्र है. संधि के बाद नेपाल और तत्कालीन ब्रिटिश भारतीय सरकार के बीच तीन पूरक दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी हुआ था और उस स्थिति को बदलने के लिए कोई अन्य समझौता नहीं हुआ. उन्होंने संसद को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे का कूटनीतिक माध्यमों के जरिए हल किया जाएगा और इस दिशा में प्रयास जारी हैं.सांसदों ने इसे त्रिपक्षीय मुद्दा बताते हुए सरकार को चीनी पक्ष के साथ भी इस पर चर्चा का सुझाव दिया. उन्होंने सरकार से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए नेपाल और भारत के बीच उच्चस्तरीय संवाद शुरू का भी सुझाव दिया. ग्यावली ने कहा कि नेपाल ने, भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे के रास्ते चीन के तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र से जोड़ने वाली सड़क के निर्माण पर भी आपत्ति जतायी है.इससे पहले, शनिवार को नेपाल के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि सरकार को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सड़क के उद्घाटन के बारे में जानकर हैरानी हुई, जो नेपाल का हिस्सा है.
सीमा पर विवादित क्षेत्र है कालापानी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह उत्तराखंड में चीन सीमा से लगी सीमा पर, 17 हजार फुट की ऊंचाई पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का शुभारंभ किया था. लिपुलेख दर्रा नेपाल के पश्चिम में भारत से लगी सीमा पर विवादित क्षेत्र कालापानी के निकट स्थित है. भारत और नेपाल दोनों ही देश कालापानी को अपना अभिन्न अंग मानते हैं. भारत इसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़़ जिले का जबकि नेपाल धारचुला जिले का हिस्सा मानता है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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First published: May 10, 2020, 9:16 PM IST