Holi Kyon Manai Jati Hai: आखिर क्यों मनाई जाती है होली? जानिए इसके पीछे की पौराणिक और ऐतिहासिक वजह

नई दिल्ली: Holi Kyon Manai Jati Hai होली भारत का एक प्रमुख और रंगों से भरा हुआ त्योहार है। इस त्योहार को हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। खासकर हिंदू धर्म में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और इस त्योहार को मुख्य रूप से प्रेम, भाईचारे, और खुशियों के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। होली का आयोजन खासकर उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से किया जाता है, लेकिन पूरे देश में इसके उत्सव की अपनी अलग-अलग विशेषताएं हैं।
Holi Kyon Manai Jati Hai इस बार होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा लेकिन उससे पहले 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली क्यों मनाते हैं? यह सिर्फ रंगों और खुशियों का त्योहार नहीं, बल्कि इसके पीछे ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक कहानियाँ छिपी हैं। आइए जानते हैं क्यों मनाया जाता है होली का त्योहार?
होली मनाने के प्रमुख कारण:
होली और बुराई पर अच्छाई की जीत (हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा): होली का एक प्रमुख धार्मिक कारण है हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा। पुरानी कथाओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप एक दानव राजा था, जो अपने बेटे प्रह्लाद से यह चाहता था कि वह उसकी पूजा करे, लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे। जब हिरण्यकश्यप ने अपनी सारी कोशिशों के बावजूद प्रह्लाद को मारने की कोशिश की, तब उसकी बहन होलिका, जो अमरता का वरदान प्राप्त थी, प्रह्लाद को जलाने के लिए एक अग्नि के पास बैठी। लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जल गई। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है और यही होली का प्रमुख संदेश है।
वसंत ऋतु का स्वागत: होली का एक और कारण है वसंत ऋतु का स्वागत। होली का त्योहार वसंत के मौसम में मनाया जाता है, जो रंगों और फूलों का मौसम होता है। इस समय को प्रकृति की नई शुरुआत के रूप में देखा जाता है, और इस दिन लोग खुशियों और प्रेम के रंगों से एक-दूसरे को रंगकर इस मौसम का स्वागत करते हैं।
समाज में मेलजोल और भाईचारे को बढ़ावा देना: होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें लोग अपने गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे से मिलते हैं, रंग खेलते हैं और खुशियां साझा करते हैं। यह भाईचारे और एकता को बढ़ावा देने का अवसर होता है। इस दिन जाति, धर्म, और अन्य भेदभाव की कोई अहमियत नहीं होती; सभी लोग मिलकर रंगों में डूबकर आनंद लेते हैं।