दस करोड़ सालाना आय वाले रिसाली निगम मे 16 करोड से अधिक का ठेका देने खुले टेण्डर को लेकर आपस में हो रहा विवाद
महापौर ने निगम आयुक्त पर लगाये कई आरोप, कहा वो निगम में कर रही है राजनीति,
सात लोगो के भरे निविदा में मात्र दो का भी क्यों खोला गया लिफाफा, अफसर नही दे रहे जवाब
इस टेण्डर प्रक्रिया को किया जाये निरस्त, फिर से पारदर्शिता के साथ हो टेण्डर प्रक्रिया
स्थानीय विधायक ललित चन्द्राकर का नही है इसमें कोई हाथ
भिलाई। रिसाली नगर निगम में सफाई के ठेके के टेंडर को लेकर अफसर और महापौर तथा एमआईसी मेंबरों में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। एक ओर जहां यहां की महापौर श्रीमती शशि सिन्हा और एमएमआईसी मेंबर हाल ही में खोला गया सफाई टेंडर के निविदा में जिसमें कुल 16 करोड रूपये से अधिक का सफाई ठेका दिये जाने को लेकर विरोध कर रहे है और उसको निरस्त करने और फिर से निविदा किये जाने की बात महापौर और एमआईसी मेंबरों द्वारा मांग की जा रही है। महापौर व महापौर परिषद के लोगों ने इस सफाई ठेका को इतने अधिक दर पर देने के लिए बिना महापौर और एमआईसी के चर्चा किये विशेष सामान्य सभा बुधवार 8 जनवरी को बुलाने का आरोप पत्रकारवार्ता में लगाये है। उन्होंने कहा कि हम इस विशेष सामान्य सभा में जायेंगे लेकिन इसका विरोध करेंगे और बहिष्कार करेंगे।
उक्त बातें महापौर श्रीमती शशि सिन्हा ने एक पत्रकारवार्ता में कही। उन्होने आगे कहा कि नगर निगम रिसाली अपने निगम क्षेत्र के टेक्स पर आश्रित है और साल का आवक लगभग 10 करोड रूपये है और यहां सफाई ठेका 16 करोड से भी अधिक रूपये में दिया जायेगा तो इनका बाकी भुगतान कहां से होगा और निगम के संचालन के लिए विभिन्न प्रकार के कार्य होते है, उन कार्यों को कैसे किया जायेगा। यह रिसाली निगम को कंगाल बनाने की योजना है। हम निगम के कुछ अफसरों द्वारा इस प्रकार किये जा रहे गडबडी को सामने ला रहे है । इस मामले में रिसाली महापौर व एमआईसी मेंबरों ने सभापति पर भी आरोप लगाये है, कि वे और आयुक्त आखिर इस मामले में इतना इन्ट्रेस्ट क्यों दिखा रहे है? विशेष सामान्य सभा के लिए सभापति को जल्दबाजी क्यों है, विशेष सामान्य सभा महापौर और एमआईसी की सहमति से बुलाई जाती है लेकिन बिना महापौर व एमआईसी के सहमति के सभापति विशेष सभा बुला रहे है। विशेष सामान्य सभा के लिए सभापति पर किसी का दबाव प्रतीत होता है। उन्होंने आगे कहा कि सफाई के नाम पर बेतुका बयान देने वाली आयुक्त निगम में राजनीति कर रही है क्योंकि करोडों के खेल का प्लान पहले से ही तैयार है जिसमें सभापति को भी अपने साथ कर ली है। सफाई के नाम पर बंदरबाट के दम पर रिसाली के जनता की खून पसीने की कमाई को कोई चुसे ये हम बर्दाश्त नही करेंगे। इस दौरान अन्य एमआईसी के कई मेंबरों ने कहा कि सफाई ठेका के लिए जो निविदा बुलाया गया था, उसमें कुल सात ठेकेदारों ने निविदा भरा था, लेकिन इसमें मात्र दो लोगों का ही निविदा का लिफाफा खोला गया। जबकि भण्डार क्रय नियमानुसार खुली प्रतिस्पर्धा के लिए न्यूनतम 3 निविदाकारों का पात्र होना अनिवार्य है। इससे यह स्पष्ट है कि यह पूर्णत: नियम के विरूद्ध जाकर कार्य किया जा रहा है। जब सात लोगों ने टेण्डर भरा था तो बाकी अन्य पांच लोगों का निविदा क्यों नही खोला गया, इसका जवाब मांगने पर निगम अधिकारियों द्वारा व आयुक्त द्वारा नही दिया जा रहा है। अफसर व सचिव फोन नही उठाते। बुलाने पर भी नही आते है। एमआईसी के बैठक बुलाई जा रही है, उसमें भी निगम आयुक्त व सचिव तथा निगम के अधिकारी नही आ रह है।
उन्होंने आगे कहा कि 23 दिसंबर 2024 को मेयर इन काउसिंल की बैठक आयोजित की गई थी। विषय सूची अलग थी, जिसमें सफाई का मुद्दा नही था और उस दिन मेयर इन काउसिंल की बैठक का कोरम हम सभी ने उपस्थित होकर पूरा किया था लेकिन कोई अधिकारी इस बैठक में नही आये। इसके अलावा गत 3 जनवरी 2025 को पुन: मेयर इन काउसिंल की बैठक आयोजित क गई जिसमें षडयंत्र पूर्वक सफाई का मुद्दा जोडा गया। कोई भी कार्य बिना इस्टिमेट के नही किया जा सकता है, हमें वर्क ऑफ स्कोप की जानकारी मिली नही है। जब महापौर से पूछा गया कि क्या सभापति को हटाने का कोई कार्ययोजना है, पर कहा कि यह सब कोरी अफवाह है और उन्होंने एक और सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सभापति कांग्रेस का होते हुए भी आप लोग के साथ नही है, क्या कहीं वे भाजपा प्रवेश तो नही करने वाले है पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि ये तो वे ही बेहतर बतायेंगे।
इस मामले में जब उनसे पूछा गया कि यह सब कार्य निगम अफसरों द्वारा स्थानीय विधायक के इशारे पर किया जा रहा है क्या का उत्तर देते हुए महापौर ने कहा कि इसमें स्थानीय विधायक ललित चन्द्राकर का कोई हाथ नही है। महापौर श्रीमती सिन्हा ने आगे कहा कि इस मामले को लेकर एमआईसी मेंबर और पार्षद सभी मेरे साथ है। हमारे लिए सफाई का मुद़दा सर्वोपरि है। एक में डेढ करोड के टेंडर को 3 करोड़ सहित कुल चारों भाग में 16 करोड से भी अधिक में किये जाने का हम विरोध करते है। इस मामले की शिकायत हमलोगों ने कलेक्टर से की है कलेक्टर ने हमारी बात सुनने के बाद इस मामले को जांच करने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त करने की बात कही है लेकिन अभी तक जांच अधिकारी नियुक्त नही हुआ है। वहीं इस निविदा को निरस्त करने के लिए हमने निगम आयुक्त मोनिका वर्मा को भी पत्र दिये है, आपके द्वारा निविदा समिति की सफाई के लिए अनुशंसा उपरांत एमआईसी में भेजा गया था जिसमें एमआईसी द्वारा इस निविदा में प्राप्त दर पूर्व वर्षों की तुलना में अत्यधिक ज्यादा है, इससे निगम को आर्थिक क्षति होने का अनुमान है, इस कारण इसे निरस्त कर पुन: निविदा बुलाने की प्रक्रिया पूरी की जाये।
उन्होंनेे कहा कि सफाई के कार्योँ के लिए चार भागों में बांटा गया है जिसमें एक भाग में 1 करोड 96 लाख रूपये का टेंडर 3 करोड रूपये में खुला है। पूर्व में हमने रविन्द्र भगत के टेण्डर को कैंसिल किये है। निगम के पास उतनी राशि नही है और सफाई करना हमारी पहली प्राथमिकता है। हमारी यही मांग है कि इस टेण्डर को रद्द कर फिर से टेण्डर की प्रक्रिया की जाये। उन्होंने सभापति के रवैय्या पर भी अंगुली उठाई और कहा कि इससे पहले भी तीन चार बार वे विशेष सामान्य सभा करने की तिथि घोषित कर बार बार उससे निरस्त किये है और विशेष सामान्य सभा के लिए महापौर व एमआईसी मेंबरों से बिना सलाह मशविरा के ये कार्य कर रहे है। सभापति का पद संवैधानिक पद है, उसकी गरिमा अलग रहती है, उनको विवादस्पद चीजों से अपने को बचाकर रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों का अपमान:- महापौर श्रीमती सिन्हा ने कहा कि हम लोग निर्वाचित जनप्रतिनिधि है। हमारा सम्मान रिसाली की जनता का सम्मान है। सभापति और आयुक्त द्वारा बैठक के एक दिन पूर्व सूचना की प्रति उपलब्ध कराई गई है जिससे स्पष्ट होता है कि आयुक्त नियमों का उल्लंघन करते हुए सामान्य सभा का विशेष सम्मेलन आयोजित कर रही है। उन्होंने एक बात स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी कांग्रेस पार्षद हमारे साथ है, एकजुट है, कांग्रेस पार्षद इस मामले को लेकर एकजुट नही है, यह अफवाह फैलाया जा रहा है।
इस दौरान कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष चन्द्रभान ठाकुर पार्टी के संगठन की ओर से मौजूद थे और महापौर का पूरा समर्थन करते हुए पूरे आंकडों के साथ अपनी बात रखी और कहा कि सफाई के कार्यों को चार भागों में बांटकर कार्य किये जाने में प्रत्येक भाग में डबल से भी अधिक कितनी कितनी राशि बढाकर टेण्डर दिया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग उन्होंने करता हूं और सभापति के रवैया पर भी क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि सभापति के इस कार्य की शिकायत कांग्रेस संगठन से की जायेगी। वैसे भी पार्टी सभापति के कार्यों पर पूरी तरह नजर रखी हुई है। पत्रकारवार्ता में पार्षद अनिल देशमुख, संजू नेताम, पूर्व एमआईसी मेंबर गोविंद चतुर्वेदी, पार्षद चन्द्रप्रकाश सिंह, अनूप डे, परमेश्वर दास, सीमा साहू, ममता यादव, रोहित धनकर, रंजिता बेनुआ, विजय नेताम, सरिता देवांगन, सोनिया देवांगन, ईश्वरी साहू, जमुना ठाकुर, सारिका साहू के साथ ही ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मुकुंद भाऊ, जिलाउपाध्यक्ष चन्द्रभान सिंह के साथ ही ब्लॉक के महामंत्री चन्द्रकांत कोरे उपस्थित थे।