दस महिने बाद शासन को हुआ गलती का अहसास तो कर दिये रिसाली निगम के एल्डरों की छुट्टी

भिलाई/ रिसाली निगम के क्षेत्र के 8 एल्डरमैन की छुट्टी हो गई है। राज्य सरकार ने एक लाइन का आदेश जारी किया है। जिसमें कहा है कि एल्डरमैन की नियुक्ति को निरस्त किया जाता है। अब सवाल उठता है कि आखिर 10 महीने में ही एल्डरमैन की नियुक्ति क्यों रद्द कर दी गई। इसके पीछे बड़ा प्रमुख कारण है कि एल्डरमैन की नियुक्ति बिना सदन गठन किए ही कर दी गई थी। यानि कि मेयर, पार्षद चुने ही नहीं गए और उससे पहले इनकी नियुक्ति। गलती का अहसास होने पर शासन के सभी एल्डरमैन की नियुक्ति को रद्द कर दिया है।
शासन ने कहा है कि नियम के मुताबिक जब सदन का गठन किया जाएगा, उसके बाद नामांकित पार्षदों का मनोनयन किया जाएगा। अब सवाल उठ रहा है कि दस माह तक जो मानदेय नामांकित पार्षदों को दी गई है, उसकी रिकवरी किससे की जाएगी।
राज्य सरकार की ओर से नगर पालिक निगम, रिसाली के लिए विलास बोरकर, प्रेम साहू, फकीर राम ठाकुर, तरुण बंजारे, अनुप डे, किर्ती लता वर्मा, संगीता सिंह, डोमार देशमुख को मनोनीत किया गया था। वे सितंबर 2020 से अब तक नामांकित पार्षद एल्डरमेन के तौर पर काम कर रहे थे। वहीं रिसाली भिलाई निगम से अलग हुआ है। वहां के एल्डरमेन को किसी तरह से मानदेय अब नहीं मिल रहा। इतना ही नहीं 26 दिसंबर 2019 को जब रिसाली नगर पालिक निगम अस्तित्व में आया तब से ही रिसाली के तमाम पार्षदों को शून्य घोषित कर दिए। उन्हें माह में 7500 रुपए मानदेय दिया जाता था, वह मिलना बंद हो चुका है।
नगर पालिक निगम रिसाली के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने बताया कि शासन से निर्देश आया है कि सदन गठन के बाद ही नामांकित पार्षदों का मनोनयन किया जाना है। मनोनीत किए गए नामांकित पार्षदों की नियुक्ति को रद्द कर दिए हैं।