छत्तीसगढ़

बिना अनुमति के बोर खनन पर पंडरिया तहसील में बड़ी कार्रवाई, वाहन जब्त

बिना अनुमति के बोर खनन पर पंडरिया तहसील में बड़ी कार्रवाई, वाहन जब्तकवर्धा, 16 अप्रैल 20245। गर्मी के मौसम में जिले में पेयजल संकट की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कबीरधाम जिला प्रशासन द्वारा ठोस पहल की गई है। इसी क्रम में कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा (आईएएस) एवं पंडरिया एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार श्री संजय मोध्या के द्वारा ग्राम केशलमारा में बिना अनुमति कराए जा रहे बोर खनन पर त्वरित कार्रवाई की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रामीण निरंजन पिता राजेन्द्र द्वारा सिंचाई प्रयोजन के लिए खेत में बोर खनन कराया जा रहा था। सूचना मिलते ही राजस्व अमले ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और बोर खनन कर रही वाहन (क्रमांक ज्ञ।व्प्ड 7288) को जब्त कर थाना कुंडा को सुपुर्द कर दिया।पंडरिया एसडीएम श्री संदीप ठाकुर ने बताया कि इस तहत की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।

जिला घोषित है जलाभाव ग्रस्त क्षेत्रउल्लेखनीय है कि गर्मी के मौसम में संभावित जलसंकट को देखते हुए कबीरधाम जिले को जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने छत्तीसगढ़ पेयजल परीक्षण अधिनियम 1986 (कमांक-3) 1987 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है, जो 10 अप्रैल 2025 से 30 जून 2025 तक प्रभावशील रहेगा।

नलकूप खनन पर सख्त प्रतिबंधजारी आदेश के अनुसार, उक्त अवधि में जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में बिना सक्षम प्राधिकृत अधिकारी की पूर्वानुमति के कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था नलकूप खनन नहीं कर सकेगी, चाहे वह पेयजल हो या अन्य किसी प्रयोजन के लिए। केवल शासकीय एजेंसियों जैसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा नगर पालिका परिषद कवर्धा एवं जिले की समस्त नगर पंचायतों को पेयजल प्रयोजन हेतु आंशिक छूट दी गई है, परंतु उन्हें भी संबंधित प्राधिकृत अधिकारी को इसकी जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। जिले में नलकूप खनन की अनुमति प्रदान करने हेतु कलेक्टर श्री वर्मा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इनमें अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी कबीरधाम, कवर्धा नगरपालिका क्षेत्र हेतु; तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) दृ कवर्धा, सहसपुर लोहारा, पंडरिया और बोड़ला उपविभागों के ग्रामीण क्षेत्रों हेतु अधिकृत किए गए हैं। ये अधिकारी पेयजल संकट की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अनुमति प्रदान करेंगे।

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