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भोपाल में 50-50 मॉडल पर होगा भेल की खाली जमीन का उपयोग, केंद्र-राज्य सरकार में बनी सहमति

भोपाल में BHEL की खाली जमीन को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने भोपाल शहर के विकास को लेकर की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि BHEL की जमीन का उपयोग 50-50 मॉडल पर किया जाएगा। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति बन गई है।

BHEL की 2 हजार एकड़ जमीन खाली

1962 से 1967 के बीच भेल कारखाने के लिए 6 हजार एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। इसमें से करीब 2 हजार एकड़ (लगभग 810 हेक्टेयर) जमीन अब तक खाली पड़ी है। इस जमीन पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। भेल की करीब 765 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। इसमें से करीब 700 एकड़ जमीन पर निजी व्यक्ति खेती कर रहे हैं।

भेल में कर्मचारियों से ज्यादा अतिक्रमणकारी

BHEL के 3500 कर्मचारियों में से करीब 2 हजार भेल टाउनशिप में रहते हैं। कर्मचारी और उनके परिवारों को मिलाकर आबादी करीब 10 हजार से ज्यादा होती है। यह आबादी भी पहले से काफी बढ़ चुकी है।

भेल के खंडहरों में असामाजिक तत्वों का डेरा

भेल में असामाजिक तत्व खंडहर भवनों के खिड़की, दरवाजे, लोहे के एंगल, सरिया निकाल रहे हैं। इसके साथ ही वे पेड़ भी काट रहे हैं। भेल के कर्मचारियों की सुरक्षा को भी खतरा है। यहां कुछ लोग कबाड़खाना, गैराज चला रहे हैं।

खाली आवासों का अवैध इस्तेमाल

भेल में जर्जर खाली आवासों को लोग अवैध तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। असामाजिक तत्व फ्री में बिजली, पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो कुछ आवासों में ई-रिक्शा की बैटरी तक चार्ज की जा रही है। कुछ लोग जानवर पाल रहे हैं।

BHEL के किस एरिया में कितनी जमीन

गोविंदपुरा – 50 एकड़
ITI रायसेन रोड – 63 एकड़
लहारपुर में बरखेड़ा पठानी के पीछे – 70 एकड़
सेंट जेवियर के पीछे बरखेड़ा – 80 एकड़
जंबूरी मैदान – 200 एकड़
ISBT के सामने – 45 एकड़
पिपलियां पेंदे खां और एम्स के आसपास – 204 एकड़
पिपलानी और आसपास की जमीन – 150 एकड़
बरखेड़ा के टूटे क्वार्टर और आसपास की जमीन – 150 एकड़
JK रोड, अयोध्या बायपास और होशंगाबाद रोड पर टुकड़ो में – 200 एकड़
स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स सहित कस्तूरबा अस्पताल के पीछे – 500 एकड़

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