भव्य…दिव्य…बाल रूप, मोहक स्वरूप… कर लें प्रभु श्रीराम की अलौकिक छवि के दर्शन

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा हो गया है और इसके साथ ही लोगों का सदियों पुराना इंतजार भी खत्म हो गया है. रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं. सोने तथा फूलों से सजी 51 इंच की रामलला की मूर्ति की पहली तस्वीर सामने आई है. तस्वीर में रामलला के सिर पर स्वर्णमुकुट है और गले में हीरे- मोतियों का हार है. इसके अलावा कानों में कुंडल सुशोभित हैं. हाथ में स्वर्ण धनुष-बाण हैं, रामलला पीली धोती पहने हुए नजर आ रहे हैं.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान गर्भगृह में पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की पूजा-अर्चना की और इसके बाद मूर्ति का अनुष्ठान पूरा किया गया. प्राण प्रतिष्ठा की विधि दोपहर 12:20 बजे से शुरू हुई. मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में संपन्न हुई ये मुहूर्त काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला था, यह कार्यक्रम पौष माह के द्वादशी तिथि (22 जनवरी 2024) को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश में संपन्न हुआ.
इसके बाद पीएम मोदी ने रामलला की आरती की और इस दौरान गर्भगृह में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी नजर आए. 84 सेकेंड के अद्भुत योग में बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई.
शालीग्राम पत्थर से है निर्मित
इस मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है जिसे शालीग्राम शिला से बनाया गया है. यह काले रंग का पत्थर होता है. शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में शालीग्राम पत्थर को साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भगवान विष्णु के ही सातवें अवतार माने गए हैं. शालीग्राम शिला की आयु हजारों साल होती है. यह जल रोधी होती है. चंदन और रोली लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी.
नख से शिखा तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है और वजन करीब 200 किलो है.वहीं रामलला की पुरानी मूर्ति को अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा करायी जाएगी, यहां के मंदिरों में ले जाया जाएगा. इसके बाद उस मूर्ति को भी राम मंदिर के गर्भगृह में नई प्रतिमा के साथ ही रख दिया गया.
शाम में होगा दीप प्रज्ज्वलन
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूर्ण होने के बाद शाम को अयोध्या दीपों से जगमगाएगी. यहां ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित कर दीपावली मनाई जाएगी. इसके साथ ही मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और पौराणिक स्थलों पर ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित की जाएगी. अयोध्या सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशन होगी. रामलला, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे.