छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

भजन के माध्यम से हिदुओं को जगाने आया हूं-कन्हैया मित्तल भजन सम्राट पहुंचे भिलाई, जगह जगह किया गया जमकर स्वागत

भिलाई। भजन सम्राट कन्हैया मित्तल आज अपने 7 भजनमण्डली के साथ भिलाई पहुंचे। श्री मित्तल के रायपुर स्वमी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचने पर अतुल पर्वत और उनके समर्थकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उसके बाद वे भिलाई के लिए रवाना हुए। सेक्टर 1 मुर्गा चौक पहुंचते ही भिलाई कैन डू पर्वत फाउंडेशन के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में  लोगों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। उसके पश्चात वे भिलाई कैन डू पर्वत फाउंडेशन के चेयरमैन एवं एक शाम श्रीराम खाटू श्याम के नाम के आयोजक अतुल पर्वत के निवास स्थान सेक्टर 4 पहुंचे और श्री पवर्त की माता जी से आशर्वाद लिया। इस दौरान आस पास की महिलाओं को जैसे ही पता चला कि प्रसिद्ध भजन सम्राट कन्हैया मित्तल जी यहां आये है तो वे सीधे अतुल पर्वत के यहां पहुंची और उनका पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

इसके बाद वे सीधे भिलाई निवास पहुुंचे और वहां स्थित काफी हाउस में पत्रकारों से रू-ब-रू हुए। इस दौरान भजन सम्राट कन्हैया मित्तल ने कहा कि  प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से रायपुर में सौजन्य भेंट कर खैरागढ़ में अपने भजन के माध्यम से भगवा लहराने खैरागढ़ जाने की बात कही। उन्होंने भगवा ध्वज शब्द को स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी कही मंदिर बनाने की बात करेंगे तो वहाँ भी भगवा लहराने जाने को तैयार हूं। उन्होंने कहा अतुल पर्वत लोगों की सेवा में हमेशा आगे रहते है, इनसे मेरी मुलाकात दिल्ली में हुई और इन्होंने कहा कि भिलाईवासियों के लिए आपका भजन कार्यक्रम कराना है तो मैने कहा कि इसके लिए सबसे उत्तम दिन है हिन्दु नव वर्ष का पहला दिन और वहीं भिलाई के लिए कार्यक्रम तैयार हो गया और आज मैं आपके बीच हूं। हिन्दु नव वर्ष के बारे में कहा कि मुझे बहुत ग्लानि होती है कि हिन्दुओं के देश हिन्दुस्तान मेें कहा जाता है हिन्दु नव वर्ष। हम जिस प्रकार अंग्रेजी नव वर्ष मनाते है, उससे भी बढकर हमें हिन्दु नव वर्ष मनाना चाहिए और घर घर दीपक जलाने के साथ जमकर फटाखे फोडऩा और पूजापाठ भी करना चाहिए।

इस दौरान श्री मित्तल ने पत्रकारों को खाटू के श्याम की पूरी कहानी भी को बताया। उन्होंने कहा में मेरे लिए भाजपा कांग्रेस कोई मायने नही रखता, जो भी बाबा का मंदिर बनायेगा वहां भगवा के लिए जरूर जाऊंगा। श्री मित्तल ने एक प्रश्र का उत्तर देते हुए कहा कि मैं पांच वर्ष की आयु से भजन लिख रहा हूं और 7 वर्ष की आयु से भजन सुना रहा हूं। मैं बनिया समाज से हंू और बनिया समाज में धर्म का पाठ बचपन से ही पढाया जाता हेै, इसलिए इसका प्रभाव तो मेरे जीवन में था ही क्योंकि बचपन से ही भजन मंडलियों के साथ मैं जाता था और उसका प्रभाव मेेरे जीवन में पड़ा और भजन लिखने व गाने की प्रेरणा मुझे मेरे माता और मामा से मिली। बचपन में मां मुझे भजन सुनाकर सुलाती थी। मैं कही कोई गीत संगीत अलग से नही सीखा बचपन से ही भजन गाते और लिखते ही मेरे खून में ये सब रच और बस गया।  अब तक मैं लगभग ढाई सौ से तीन सौ भजन लिख चुका हूं और प्रस्तुत कर चुका हूं।

उन्होंने आगे कहा कि मैं जल्द ही यूके, हांगकांग, अमेरिका जाने वाला हूं वहां भजन सुनाने के लिए आमंत्रण मिला है। श्री मित्तल ने स्पष्ट कहा कि मैं अपने भजन के माध्यम से हिन्दुओ को जगाने व संगठित करने का काम कर रहे है हिन्दू धर्म व भगवा के लिए पूर्ण समर्पित है और सनातनी होने के नाते उनका ये धर्म भी है। कन्हैया मित्तल ने आगे कहा कि धर्म रहेगा तो हिन्दू रहेंगें इसलिए पहले धर्म की रक्षा आवश्यक है आज हम जातिवादिता में बंटे हुए है, हमें इससे परे हटकर एक होना पड़ेगा और सबको यह सोचना होगा कि पहले हम हिन्दु है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं भजन भी लिखते है और आज के लिए उन्होंने दो नए भजन भी तैयार किया है।

श्री मित्तल ने पत्रकारों को कुछ नये भजन जब तक सांसे चलेगी हिन्दु जगाता रहूंगा,सेवा मुझे दी राम ने सेवा मैँ करूंगा एवं आ गया दुनियादारी बाबा मैं छोड़ के, लेने आ जा खाटू बाबा रिंगस के उस मोड़ पे एवं लघुभारत पर के लिए लिखे भजन को गाकर सुनाया और कहा कि मैं बाबा से प्रार्थना करूंगा कि लघुभारत भिलाई और अधिक तरक्की करे।

पत्रकारवार्ता मेें आयोजन समिति के प्रमुख अतुल पर्वत एवं गुरसिमरन सिंह, अभिषेक गुप्ता, नवजोत सिंह, इन्द्रजीत सिंह, मोरजध्वज, रमेश यदु, महावीर पाण्डेय, नितिन जयसवाल, श्री पूरी जी, के प्रशांत सहित बडी संख्या में रामभक्त मौजूद थे।

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