कोरोना वॉरियर्स के लिये मोदी सरकार का नया अध्यादेश, सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने किया स्वागत|covid 19 doctors reaction on ordinance to curb violence against health workers nodtg | delhi-ncr – News in Hindi

We welcome this step by the Centre. This will boost the morale of doctors &all healthcare staff. This act should be implemented for future also and not just during this pandemic: Dr. Sumedh Sandanshiv, at Delhi’s RML hospital on ordinance to curb violence against health workers pic.twitter.com/PF4RtfWsug
— ANI (@ANI) April 22, 2020
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए अध्यादेश पर दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में डॉ. सुमेध संदनशिव ने कहा, ‘हम केंद्र के इस कदम का स्वागत करते हैं. इससे डॉक्टरों और सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा. इस अधिनियम को इस महामारी के दौरान ही नहीं, बल्कि भविष्य के लिये भी लागू किया जाना चाहिए.’
I welcome this ordinance. Such an ordinance was needed. This will instill fear in the minds of people: Dr DS Rana, Chairman, Sir Ganga Ram hospital, Delhi on ordinance to curb violence against health workers pic.twitter.com/2JAQ4KNj2e
— ANI (@ANI) April 22, 2020
दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर डीएस राणा ने इस अध्यादेश को लेकर कहा, ‘मैं इस अध्यादेश का स्वागत करता हूं. इस तरह के अध्यादेश की बहुत जरूरत थी. इससे लोगों के मन में डर पैदा होगा.
Dr SC Aggarwal, who was injured in an attack on a medical team in Moradabad, and his wife Dr Deepa Aggarwal, say, “After this Ordinance by the Centre, incidents of violence against doctors might reduce. The safety of doctors and their families is important”. pic.twitter.com/RKHSAMUwsp
— ANI UP (@ANINewsUP) April 22, 2020
डॉ. एससी अग्रवाल, जो मुरादाबाद में एक मेडिकल टीम पर हुए हमले में घायल हुए थे, और उनकी पत्नी डॉ. दीपा अग्रवाल ने इस अध्यादेश को लेकर खुशी जताई और कहा, ‘केंद्र द्वारा इस अध्यादेश के बाद, डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में कमी आ सकती है. डॉक्टरों और उनके परिवारों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है.’
The Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance, 2020 manifests our commitment to protect each and every healthcare worker who is bravely battling #COVID19 on the frontline. It will ensure safety of our professionals. There can be no compromise on their safety! : PM Narendra Modi pic.twitter.com/jAuWh9WmnQ
— ANI (@ANI) April 22, 2020
वहीं, पीएम मोदी ने भी कहा, ‘महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो सीमा पर कोरोना महामारी के खिलाफ बहादुरी से लड़ रहे हैं. यह अध्यादेश हमारे पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. उनकी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो किया जा सकता.’ बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में बुधवार को ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अध्यादेश पास किया गया है.
डॉक्टरों-स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ अपराध पर हो सकती है 3 महीने से 5 साल तक की सजा
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा. आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 3 लाख तक का जुर्माना हो सकता है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आरोग्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा.
डॉक्टरों को आई गंभीर चोट तो 7 साल की होगी सजा
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1 लाख से 5 लाख रुपये है. बता दें कि इससे पहले सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा था कि अगर डॉक्टरों के खिलाफ हो रही हिंसा के लिए सरकार ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो वे बुधवार को मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करेंगे और गुरुवार को ‘काला दिन’ मनाएंगे.
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