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कोरोना वायरस: भारत में रिकवरी रेट दूसरे देशों की तुलना में क्यों बेहतर है? | Know why india has better recovery rate in corona virus transmissions in comparison worst hit countries | rest-of-world – News in Hindi

भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) के केसों में संक्रमण की दर (Infection Rate) कम हुई है. हर 10 बंद केसों में करीब 8 में रिकवरी (Recovery Rate) देखी जा रही है और दो में मौत यानी भारत में कोविड 19 (Covid 19) महामारी में रिकवरी रेट 83.6% है, जो कि दुनिया के औसत 79.1% से ज़्यादा है. दुनिया के जिन देशों में वैश्विक महामारी (Pandemic) का प्रकोप सबसे ज़्यादा देखा गया है, उनकी तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है. लेकिन, जानना यह दिलचस्प है कि ऐसा हो कैसे रहा है.

अमेरिका (USA), स्पेन, इटली, जर्मनी और फ्रांस के आंकड़ों के साथ तुलना की जाए तो इन सभी देशों में भी संक्रमण की दर में कमी देखी गई है, लेकिन भारत में आंकड़े (Statistics) बेहतर दिख रहे हैं. लेकिन, इन देशों के साथ ही भारत (India) के लिए भी चिंता की बात यह है कि कोरोना वायरस के केसों में मृत्यु दर (Death Rate) बढ़ती दिख रही है. आंकड़ों के साथ ही इनके विश्लेषण के ज़रिये जानते हैं कि हालात क्या कह रहे हैं.

मृत्यु दर है चिंता की बात
कोविड 19 के सिलसिले में भारत में मृत्यु दर 3% से ज़्यादा आंकी गई है. टीओआई की ताज़ा रिपोर्ट की मानें तो भारत और जर्मनी में मृत्यु दर तकरीबन बराबर है तो स्पेन में यह 10%, अमेरिका में 5%, यूके और इटली में 13% और फ्रांस में 12.8% के करीब है. बाकी देशों की तुलना में हालांकि भारत में मृत्यु दर कम है, लेकिन यह उस गति से कम नहीं हुई है, जितनी गति से रोज़ आने वाले नये मामलों की दर. इन आंकड़ों के कारण विशेषज्ञ कन्फ्यूज़ हैं कि संक्रमण की दर कम होने और मृत्यु दर लगातार बढ़ने का क्या अर्थ निकाला जाए.

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इस चार्ट में भारत का नंबर इन देशों की तुलना में काफी पीछे है क्योंकि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर 0.39 मृत्यु हो रही है.

रिकवरी रेट भारत में बेहतर, जर्मनी में भी
आंकड़े की ज़ुबानी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 83.6% से बेहतर सिर्फ जर्मनी में 95% का रिकवरी रेट ही है. स्पेन में 79.1%, इटली में 66.5%, फ्रांस में 65.3% और अमेरिका में रिकवरी रेट 63.5% देखा जा रहा है.

नये मामलों में कमी के आंकड़े भी
वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित अन्य देशों की तुलना में भारत में वायरस के फैलने की दर कम है यानी प्रति दस लाख की आबादी पर करीब 9 लोग संक्रमित हो रहे हैं. दूसरी तरफ, भारत में केसों के दोगुने होने में करीब 8 दिन का समय लग रहा है जबकि इटली, यूके और फ्रांस में 4 और अमेरिका में तो 2 ही दिन का.

रिकवरी रेट में केरल अव्वल, दिल्ली पीछे
जिन राज्यों में 100 से ज़्यादा केस बंद हो चुके हैं, उनकी तुलना की जाए तो केरल में रिकवरी रेट 98.9% है जबकि मृत्यु दर सिर्फ 1.1%, जो दुनिया में सबसे बेहतर करार दी गई है. इसके बरक्स, इन राज्यों में दिल्ली में रिकवरी रेट 61.5% देखी गई है. महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात में भी रिकवरी रेट काफी कम है. वहीं, तमिलनाडु, राजस्थान, तेलंगाना और कर्नाटक बेहतर रिकवरी रेट वाले टॉप 5 राज्यों में केरल के बाद शामिल हैं.

भारत के बेहतर आंकड़ों की वजहें
दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले भारत के आंकड़े दुनिया के अन्य देशों की तुलना में अब तक अगर बेहतर बने हुए हैं, तो उसकी कुछ वजहें हैं. ये वो सतर्कता और सावधानी के कदम रहे हैं, जो भारत ने समय रहते उठाए और जिनकी चर्चा लगातार की जा रही है. सबसे पहले तो समय पर देशव्यापी लॉकडाउन और आइसोलेशन के कदम को श्रेय जाता है,​ जिसके कारण संक्रमण की गति लगभग नियंत्रण में बनी हुई है.

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भारत में कोविड 19 मामलों में अभी मौतों की संख्या 600 तक भी नहीं पहुंची है. इस कहानी के दोनों ग्राफिक द सन से साभार.

इसके बाद तेज़ी से स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी सुविधाओं और पहुंच को बढ़ाया जाना, लॉकडाउन के बावजूद ज़रूरी सामान मुहैया कराया जाना और गरीबों के लिए जीवनोपयोगी व्यवस्थाएं की जाने जैसे कदमों के चलते कोविड 19 के मामलों में इस तरह के आंकड़े दिख रहे हैं.

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