मोक्षदा एकादशी के दिन भूलवश भी न करें ये काम, व्रत हो सकता है निष्फल Do not do this work even by mistake on the day of Mokshada Ekadashi, fasting can be fruitless
Mokshda Ekadashi 2021 Dos And Donts: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 14 दिसंबर को है. मोक्षदा एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है. मोक्षदा एकादशी को ही गीता जयंती (Gita Jayanti) भी मनाई जाती है. मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने, भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विधिपूर्वक पूजा करने और व्रत कथा का श्रवण करने से पुण्य लाभ प्राप्त होता है. श्रीहरि विष्णु की कृपा से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. जो लोग मोक्षदा एकादशी का व्रत रहेंगे, उनको व्रत से जुड़ी कुछ बातों को जान लेना चाहिए. नियमपूर्वक व्रत न करने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है. आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी व्रत के दिन क्या करें और क्या न
करें.
1. मोक्षदा एकादशी व्रत रखने के एक दिन पूर्व से ही प्याज, लहसुन, मसूर की दाल, बैंगन, जौ आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए.
2. किसी भी व्रत को करने के लिए मन, वचन और कर्म की शुद्धि जरूरी होती है, इसलिए किसी को अपनी वाणी या कर्म से दुख न दें और किसी के बारे में बुरा न सोचें.
3. तामसिक भोजन का सेवन न करें और शराब से भी दूर रहें.
4. मोक्षदा एकादशी का व्रत रहने के साथ व्रत कथा का पाठ या श्रवण करना आवश्यक होता है. पूजा के समय मोक्षदा एकादशी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें.
5. कोई व्रत तभी पूर्ण होता है, जब पारण किया जाए. मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने के बाद अगले दिन भगवान विष्णु की पूजा और दान के बाद पारण कर लें.
6. एकादशी व्रत के दिन बाल कटाना, दाढ़ी बनाना, नाखून काटना और झाड़ू लगाना वर्जित माना गया है.
7. एकादशी व्रत रहते हुए किसी दूसरे व्यक्ति से प्राप्त अन्न नहीं खाना चाहिए.
8. एकादशी के दिन फूल, पत्ते आदि का तोड़ना मना है. इस स्थिति में फूल और तुलसी का पत्ता एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. SAbkasandesh.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)