छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

सीएम भूपेश बघेल और विधायक देवेन्द्र यादव तालाबों में पहुंचकर दिये लोगों को शुभकामनाएं

भिलाई । चार दिनी इस छठ पर्व के तीसरे दिन आज शाम को व्रतधारियों द्वारा बीएसपी टाउनशिप के सेक्टर-2, सेक्टर-7 सेक्टर-9 और जवाहर उद्यान तालाब में और नेहरू नगर के भेलवा तालाब, स्मृति नगर पुलिस चौकी के पास, सुपेला के संजय नगर तालाब, शीतला तालाब, दाउबाड़ा तालाब, आमा तालाब, लिम्हा तालाब, कुरुद के नकटा तालाब, केम्प-1 तालाब, हाउसिंग बोर्ड सूर्यकुंड तालाब, बैकुंठधाम तालाब, खुर्सीपार के बापूनगर तालाब, दर्री तालाब, छावनी के सूर्यकुंड तालाब के अलावा भिलाई-दुर्ग समेत भिलाई-3, चरोदा, जामुल व कुम्हारी के तालाबों में पहुंचकर डूबते सूर्यदेव को प्रथम अध्र्य दिया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सेक्टर दो और खुर्सीपार के तालाबों में पहुंचकर व्रती महिलाओं सहित भोजपूरी समुदाय के लोगों और भिलाई के नागरिकों को को छठ पर्व की अपनी ओर से शुभकामनाएं दी।

इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छठ पर्व पर अवकाश बिहार के पश्चात केवल छत्तीसगढ़ में दिया गया है। आप सभी की आस्थाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ पर्व उल्लास का पर्व है। दुनिया भर में भोजपुरी समुदाय जहां पर भी है, सैकड़ों की संख्या में लोग सरोवर के किनारे एकत्रित होकर सूर्य देवता के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं। दीपदान करते हैं। सूर्य देवता अक्षय ऊर्जा के स्रोत हैं। छठ पर्व ऊर्जा का प्रतीक है हम ऊर्जस्वित होने की कामना से छठ पर्व करते हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान नागरिकों से चर्चा में कहा कि छठ पर्व के अवसर पर आप सभी के बीच आकर मैं बहुत हर्ष महसूस कर रहा हूं। आप सभी श्रद्धा से भरे हुए है, सुंदर तालाब के चारों और आप लोग एकत्रित हुए हैं और अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सब देख कर बहुत अच्छा लगता है।

इस मौके पर विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छठ पूजा के अवसर पर अवकाश देने का जो निर्णय लिया है। उससे हम सब बहुत उल्लासित हैं। पर्व को मनाने की हमारी खुशियां इससे काफी बढ़ गई है। शासन का यह कदम निश्चित रूप से समाज का हर्षवर्धन करने के लिए बहुत अच्छा है। इस मौके पर अंत्यावसाई विकास निगम के उपाध्यक्ष मती नीता लोधी ने भी उपस्थित जनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि छठ पर्व उल्लास का पर्व है, ऊर्जा का पर्व है। आप सभी के बीच यहां आकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है।

व्रती बांस के बने नए सूूपे में हल्दी, मूली और अदरक के हरे पौधे, पानी वाला नारियल, केला, नासपाती, बड़ा नीबू, शकरकंद, मिठाई और पारम्परिक पकवान ठेकुआ को रख तालाब के पानी में उतरकर सूर्यदेव की ओर मुखकर अध्र्य देकर संतान की दीर्घायु व परिवार के कुशलता की कामना किये। इससे पहले घाट पर बने पूजा वेदी को गन्ने व केले के पत्ते से सजाकर छठी मैया की पूजा अर्चना की गई। इसी प्रकार आज 11 नवंबर की सुबह इसी तरीके से तालाबों में उगते सूर्यदेव को द्वितीय अध्र्य अर्पित किया किया जायेगा।

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