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पुलिस सहायता केन्द्र को खुद सहायता की जरुरत

बिलासपुर-..पुलिस हमेशा हमारी जान और माल दोनों की रक्षा करती है। विवाद से लेकर बलवा तक जनता से लेकर नेताओं की सुरक्षा तक इनकी जवाबदारी है। हम आप को एक ऐसी तस्वीर दिखाते है जिससे आप को भी पुलिस की बेबसी पर तरस आएगा आप को सोचनें के लिए मजबूर कर देगा की किन परिस्थितियों में हमारी पुलिस काम करती है वह भी बिना साधन और सुविधाओं के…..

कोटा क्षेत्र के यह पुलिस सहायता केन्द्र केन्दा है। तीन पुलिस के जिम्मा 22 गांव की सुरक्षा और न्याय की जिम्मेदारी इनके कंधो पर है। रोज दर्जनो फरियादी आते है। आरोपियों को भी लाया जाता है मगर यहा ना तो कारागार है ना ही मुजरिमों को रखनें की कोई जगह। कुर्सी के बैरिकेट्स की अभिरक्षा गृह है।
पुलिस सहायता केन्द्र की दशा देखिए छत से टपकते पानी हालात को बया कर रहा है। सवाल यह भी है कि ऐसे में पुलिस चुस्त कैसे रहेगी। ना तो पर्याप्त स्टॉफ है ना ही सर्व सुविधाय युक्त सहायता केन्द्र पुलिस के बड़े अधिकारियों को सोचनें की जरुरत है कि आखिर जिस पुलिस सहायता केन्द्र को खुद सहायता की जरुरत है वह लोंगो की कैसी सहायता कर सकेगी…

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