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सिर्फ एक रुपए देकर देख सकेंगे उम्मीदवार ने कितना किया चुनावी खर्च

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़ रायपुर-लोकसभा चुनाव के दौरान धन का दुरूपयोग रोकने के लिए प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय पर भारत निर्वाचन आयोग की कड़ी नजर रहेगी। लोकसभा निर्वाचन के दौरान निर्वाचन व्यय निगरानी के लिए टीमें तैनात रहेंगी। प्रत्याशी की हर राजनीतिक गतिविधि पर टीमें निगरानी रखेंगी।

लोकसभा निर्वाचन-2019 की तैयारी के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में प्रदेश के सभी जिलों के निर्वाचन व्यय निगरानी के नोडल अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रत्याशी के निर्वाचन व्यय की जानकारी कोई भी आम नागरिक सिर्फ एक स्र्पये जमा कर देख सकता है।

मास्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि निर्वाचन के दौरान व्यय निगरानी दल राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार और उनके द्वारा किए जा रहे जनसम्पर्क के विभिन्न् माध्यमों तथा उसके लिए किए जा रहे उपक्रमों के व्यय का लेखा-जोखा तैयार करेगी।

ये व्यय निगरानी दल निर्वाचन क्षेत्र के लिए गठित वीडियो निगरानी दल, वीडियो अवलोकन दल, लेखा दल, स्थैतिक निगरानी दल, एमसीसी, एमसीएमसी तथा नियंत्रण कक्ष के सहयोग तथा समन्वय से काम करेगा।

लोकसभा निर्वाचन के लिए कोई भी अभ्यर्थी 70 लाख स्र्पये व्यय कर सकता है। व्यय निगरानी दल हर उस संदिग्ध लेनदेन, परिवहन तथा व्यवहार पर नजर रखेंगे, जो निष्पक्ष निर्वाचन के किसी भी पक्ष को प्रभावित कर सकता है। प्रत्याशी के किसी भी व्यय पर मतभेद अथवा विवाद की स्थिति में जिला व्यय निगरानी समिति जिसके प्रमुख व्यय प्रेक्षक होते हैं, उनके समक्ष पक्ष रखा जा सकता है।

हर राजनीतिक गतिविधियों की होगी रिकार्डिंग

मास्टर ट्रेनर श्रीकांत वर्मा ने बताया कि प्रत्याशी के प्रतिदिन की राजनीतिक गतिविधि की रिकार्डिंग वीडियो निगरानी दल करता है। जिसकी प्रतिलिपि तीन सौ स्र्पये देकर कोई भी नागरिक ले सकता है।

आचार संहिता लगने के साथ ही प्रचार के लिए तथा प्रचारकों के साथ चलने वाले वाहनों के व्यय, हेलीकॉप्टर से यात्रा, उस पर हुए व्यय का समायोजन, नकद राशि की प्राप्ति, सीमा से अधिक उपहार अथवा धन प्राप्त होने पर की जाने वाली कार्रवाइयों के संबंध में भी बताया गया।

 

 

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