Uncategorized

इंडोनेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन दिया

(फोटो के साथ)

जकार्ता, 28 मई (भाषा) इंडोनेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को सभी संभावित मंचों पर अपना समर्थन देने की बुधवार को प्रतिबद्धता जताई। इंडोनेशिया ने यह समर्थन तब दिया जब जद (यू) सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ नयी दिल्ली के स्पष्ट रुख से अवगत कराने के उद्देश्य के साथ यहां पहुंचा।

जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल ने इंडोनेशिया के विदेश उपमंत्री आरिफ हवास ओग्रोसेनो से मुलाकात की और बताया कि ‘‘पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हमला शांति के माहौल को बाधित करने और समुदायों के बीच दरार पैदा करने का एक प्रयास था’’।

इसने कहा, ‘‘इंडोनेशियाई पक्ष ने आतंकवादी कृत्यों की निंदा की तथा सभी संभावित मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में (भारत के) समर्थन का वादा किया।’’

प्रतिनिधिमंडल ने यहां मुख्यालय में दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ (आसियान) महासचिव काओ किम होर्न से भी मुलाकात की।

आसियान के आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर कहा गया है कि बैठक के दौरान काओ ने ‘‘अंतर-संसदीय वार्ता और आसियान-भारत सहयोग को बढ़ावा देने में भारतीय संसद की सक्रिय भागीदारी की सराहना की, विशेष रूप से आसियान अंतर-संसदीय सभा (एआईपीए) में एक पर्यवेक्षक के तौर पर।’’

इसमें कहा गया है कि उन्होंने आसियान की क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला और भारत के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए क्षेत्रीय समूह की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

उन्होंने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद से निपटने के संबंध में विचारों का आदान-प्रदान किया।

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के सदस्यों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।

प्रतिनिधिमंडल ने अंतर-संसदीय सहयोग समिति के उपाध्यक्ष मुहम्मद हुसैन फदलुल्लाह और इंडोनेशिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष मुहम्मद रोफिकी से मुलाकात की तथा उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत प्रतिबद्धता के बारे में अवगत कराया।

भारतीय मिशन ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘इंडोनेशियाई पक्ष ने कहा कि वे आतंकवाद की निंदा करते हैं और समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत में विश्वास करते हैं, न कि आतंकवाद में, क्योंकि यह (आतंकवाद) मानवता के विरुद्ध है। उन्होंने आतंकवाद को ‘कतई बर्दाश्त न करने’ की भारत की नीति का समर्थन किया।’’

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भारत की कूटनीतिक पहुंच के हिस्से के रूप में प्रतिनिधिमंडल आज जकार्ता पहुंचा।

दूतावास ने कहा, ‘‘भारत सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल के माध्यम से भारत अपने ऐतिहासिक मित्र और व्यापक रणनीतिक साझेदार जकार्ता से समझ एवं समर्थन प्राप्त करना चाहता है।’’

झा के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में सांसद अपराजिता सारंगी (भाजपा), अभिषेक बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस), बृजलाल (भाजपा), जॉन ब्रिटास (माकपा), प्रदान बरुआ (भाजपा), हेमांग जोशी (भाजपा), पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और फ्रांस तथा बहरीन में भारत के राजदूत रह चुके मोहन कुमार शामिल हैं।

यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने 33 वैश्विक राजधानियों का दौरा करने का काम सौंपा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंच बनाई जा सके और पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों पर जोर दिया जा सके तथा यह बताया जा सके कि हाल में हुआ संघर्ष पहलगाम आतंकवादी हमले के कारण शुरू हुआ था, न कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कारण।

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने छह-सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया।

भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का कड़ा जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच 10 मई को बातचीत के बाद सैन्य संघर्ष को रोकने पर सहमति बनी थी।

भाषा

देवेंद्र सुरेश

सुरेश

Related Articles

Back to top button