*दुर्ग महापौर वो तोता बन गए हैं,जो सदैव मुसीबत में उड़ जाता है-वरुण जोशी

*दुर्ग महापौर वो तोता बन गए हैं,जो सदैव मुसीबत में उड़ जाता है-वरुण जोशी !*
*कोरोना संक्रमण के चलते दुर्ग शहर के हालात अत्यंत दयनीय हो चुके हैं,शहर में इस महामारी का आलम यह है की देश के कई बड़े आबादी वाले शहर भी यहां से अधिक सुरक्षित हैं,किंतु इतना रायता फैलने के बाद भी दुर्ग निगम के शहरी सरकार और महापौर जी के पास सिर्फ एक ही उपाय है वह है लॉकडाउन,जो शहर में फिलहाल जिला प्रशासन के आदेश पर लागू भी हो गया,इससे पूर्व में भी केंद्र सरकार के गाइड लाइन के अतिरिक्त दुर्ग शहर पहले भी लॉकडाउन का दंश झेल चुका है,उक्त बातें मोदी आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष वरुण जोशी ने प्रेस रिलीज जारी कर कही,वरुण जोशी ने कहा संक्रमण के आंकड़े शहर में एक साथ नहीं बढ़े,धीरे धीरे इस महामारी ने अपने पंख पूरे जिले में फैलाए हैं किंतु शहरी सरकार सोती रही या फ़िर कहें तो एक तोते की तर्ज पर निगम की गद्दी पर बैठे महापौर जी अपना पुराना रटा रटाया शब्द लॉकडाउन का जप करते रहे और आज मुसीबत बढ़ गई है तो हमेशा की तरह वो शहर से नदारद हो गए या यूं कहें मुसीबत देख वो तोते की भांति उड़ गए,इससे पूर्व भी जब जल संकट की बात हो या कोरोना से जंग लड़ने की शहर का हर सदस्य स्वयं को अकेला ही खड़ा पाया है,आज देखा जाए तो महापौर होने के नाते उन्हें आगे आना चाहिए,शहर में टीकाकरण को वार्ड स्तर तक ले जाकर,लॉक हो चुके शहर की प्रत्येक मोहल्ले को सेनेटाइज करवाना चाहिए,दुर्ग शहर में तकरीबन हर समाज के पास अपना भवन है उनसे कोविड सेंटर हेतु भवनों की मांग करनी चाहिए,पिछले बजट की राशि जो कहीं खर्च भी नहीं हुई या फ़िर निगम प्रशासन द्वारा इस आपात स्थिति से निपटने हेतु अलग से फंड जारी कर गरीब और अत्यंत निचले तबकों तक जो मास्क,सेनेटाइजर खरीदने में असमर्थ हैं उन्हें यह सुविधा तो उपलब्ध करवाएं,इसके अतिरिक्त जिले में प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री सहित बिराजमान अन्य मंत्रियों से स्थिति को अवगत करवा कर आपात चिकित्सा हेतु उच्च स्तरीय टीम की मांग करनी चाहिए,यदि ऐसे समय में भी महापौर जी राजनीति न करते हुए जिले के दोनों सांसदों से केंद्रीय सरकार से सहायता की मांग करने की पहल करें,ऐसे कई प्रयास करने ही दुर्ग जिले की स्थिति काबू में आ सकती है अन्यथा लॉकडाउन से तो रोज कमाने वालों की रोजी रोटी पर तो ग्रहण लगा ही है मध्यम वर्गीय परिवार भी अब बीमारी और आर्थिक रूप से दोहरी मार झेल रहा है,वरुण जोशी ने आगे कहा निगम दुर्ग में कबाड़ की भांति गाडियां खड़ी है उनसे जागरूकता अभियान हेतु नगर निगम दुर्ग को प्रचार भी करवाना चाहिए,जिससे लोगों में जागरूकता के साथ साथ शहरी सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा,आज आलम यह है,की गंभीर रूप से संक्रमित पीड़ित भी अपने परिचय के सहारे बेड की जुगत लगा रहा है जो की दुर्भाग्य जनक है!*