पैदल लड़खड़ाते हुए एवं बैसाखियों के सहारे आए, दिव्यांग जन ट्रायसिकल एवं बैसाखी लेकर खुशी-खुशी गए घर
भूखे को भोजन करवाना एवं दिव्यांग जनोँ की मदद करना सबसे बड़ा मानव धर्म है। इस धर्म को इंगित करते हुए कस्बे की सामाजिक संस्था ‘‘जन समर्पण सेवा संस्था’…की ओर से शुरू की गई भोजन सेवा एवं गौ सेवा आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन गई है। कोई भूखा ना सोए इस अनुकरणीय पहल के साथ, 1 जनवरी 2017 से आज तक बिना किसी दिन नागा के प्रतिदिन दुर्ग रेल्वे स्टेशन एवं शहर के विभिन्न स्थानों में करीब 100-150 जरूरतमंद गरीब, असहाय, दिव्यांग जनों को निःशुल्क भोजन एवं जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराते हैं।
सँस्था के सदस्यों ने बताया कि दुर्ग रेलवे स्टेशन एवं शहर के कुछ स्थानों में पैदल लड़खड़ाते हुए एवं बैसाखी के सहारे चलने वाले कुछ दिव्यांग जनोँ को ट्राइसिकल एवं बैसाखी की आवश्यकता थी, जिसे देखते हुए दिनाँक 31 जनवरी 2024 को सँस्था के सदस्य स्व. अनिरूद्ध उपाध्याय अनि की स्मृति में 1 दिव्यांग को ट्राइसिकल एवं 2 दिव्यांग जनोँ को बैसाखी वितरण किया गया, जिसके सहारे अब वे बना लड़खड़ाये रोड में चल सकेंगे एवं कुछ काम करके जीवन यापन कर सकेंगे..
सँस्था द्वारा अपने सेवा के इन 7 वर्षों में 82 बैसाखी, 53 ट्रायसिकल का वितरण दिव्यांग जनोँ किया जा चुका है,
इस सेवा में सँस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा बंटी एवं शिशु शुक्ला, आशीष मेश्राम, दद्दू ढीमर, राजेन्द्र ताम्रकार, सुजल शर्मा, अख्तर खान, हरीश ढीमर, संजय सेन, प्रकाश कश्यप, मृदुल गुप्ता, शुभम सेन, शिबू खान, रूपल गुप्ता, वाशु शर्मा, कृतज्ञ शर्मा, मोहित पुरोहित, समीर खान, रिषी गुप्ता, वेदांत शर्मा, एवं संस्था के अन्य सदस्य सेवा दे रहे है..