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*गर्भ संस्कार महोत्सव मे शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, गर्भ संस्कार महोत्सव गोल्डेन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ दर्ज*

*मनुष्य उच्चता की ओर ले जाना ही है गायत्री परिवार का उद्देश्य-डॉ चिन्मय पंड्या*

 

*भिंभौरी पंचायत बनेगा नगर पंचायत, ग्राम सिलघट में खुलेगा उप स्वास्थ्य केंद्र*

 

*सिलघट ग्राम के आस पास बरसाती नालों का होगा उद्धार बनेंगे चेक डेम मुख्यमंत्री ने की घोषणा)*

 

बेमेतरा:- प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बेमेतरा जिले के बेरला विकासखण्ड के ग्राम सिलघट (भिंभौरी) मे जिला स्तरीय गर्भ संस्कार महोत्सव के कार्यक्रम मे शामिल हुए। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान मे आयोजित कार्यक्रम मे लगभग 525 गर्भवती महिलाओं का पुंसवन संस्कार किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गायत्री परिवार द्वारा नये संस्कारवान पीढ़ी को गढ़ने के उद्देश्य से आयोजित इस पुनीत कार्य के लिये डॉ चिन्मय पंड्या और गायत्री परिवार को धन्यवाद ज्ञापित किए। इस शुभ अवसर पर उन्होंने जिले के भिंभौरी ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने तथा ग्राम सिलघट में उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा की। इसके अलावा सिलघट ग्राम के आस पास बरसाती नाला में स्टॉप डैम बनाने की घोषणा एवं ग्राम में श्रीराम स्मृतिवन स्थापना हेतु भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम मे उपस्थित गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ,कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, देव संस्कृत विश्वविद्यालय शान्ति कुञ्ज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया, बेमेतरा विधायक श्री आशीष कुमार छाबड़ा ने गर्भवती माताओं को आशीर्वाद देकर गर्भस्थ शिशुओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इस अवसर पर श्री बघेल ने कहा कि हमारी धार्मिक परंपरा और संस्कृति सदियों से उच्च रही है। अर्जुन की पत्नि सुभद्रा और पुत्र अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह अभिमन्यु ने माता के गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ने के संबंध में ज्ञान प्राप्त कर लिया था। श्री बघेल ने कहा कि माता की गतिविधियों का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। माता ही शिशु की प्रथम गुरू होती है। गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा के बारे में बताते हुए श्री बघेल ने कहा कि देश के नव निर्माण में उनका बड़ा योगदान है। उन्होने ऐसे परिवार की स्थापना की है जो 70 देशों तक फैला है। जो लगातार समाज के कल्याण के लिये कार्य कर रही है। उन्होंने गायत्री परिवार के 50वीं वर्षगांठ के लिए सभी को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा के योगदान के बारे मे कहा कि समाज सुधार, शिक्षा पर्यावरण का संरक्षण, दहेज उन्मूलन एवं कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने मे आजीवन कार्य किया। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान आचार्य श्रीशर्मा राष्ट्र पिता महात्मा गांधी, गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर, महामना मदन मोहन मालवी के संपर्क मे आये और आजादी की लड़ाई मे चेतना जागृत किए।

गायत्री परिवार द्वारा एक से सात माह के गर्भधारण किये महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु के लिये गर्भाधान संस्कार हिन्दू रीति के अनुसार किया जाता है।इस संस्कार में वैदिक मंत्रों के द्वारा गर्भ पूजन किया जाता है।हिन्दू शास्त्रों के अनुसार 84 वे लाख योनि में मनुष्य के रूप में जन्म मिलता है। इस संस्कार में मनुष्य जन्म के पूर्व जन्मों के दोषों को वैदिक मंत्रों के द्वारा दूर कर गर्भस्थ शिशु का शुद्धिकरण किया जाता है। पुंसवन संस्कार जीवन के सोलह संस्कारों में प्रथम संस्कार माना जाता है। महोत्सव में एक साथ 525 से अधिक गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशुओं के गर्भ संस्कार को गोल्डेन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के इण्डिया हेड श्री अलोक कुमार ने इसका प्रमाण पत्र डॉ चिन्मय पंड्या जी को सौंपा।

गायत्री परिवार हरिद्वार से पधारे डॉ. चिन्मय पंड्या ने गायत्री मंत्र की महिमा बताते हुए कहा कि मानव के कल्याण के लिए यह मंत्र जरुरी है जो मनुष्य के मन मस्तिष्क को बल प्रदान करता है। गर्भस्थ शिशु को मंत्रों के जरिए चेतना प्रदान की जा सकती है। डॉ. पड्या ने संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, संत एकनाथ, संत नामदेव के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। विधायक बेमेतरा श्री आशीष कुमार छाबड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कलेक्टर बेमेतरा श्री विलास भोसकर संदीपान, पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती, लीना मंडावी, जिला कमेटी के अध्यक्ष बंशी पटेल, सरपंच ग्राम पंचायत सिलघट श्रीमति संध्या टिकरिया, जनपद सदस्य कु. पूजा टिकरिया सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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