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*मौसम ने लगाई बरसात की ऐसी झड़ी कि दफ्तरों से अधिकारियों-कर्मचारियों का रहना पड़ा नदारद, आवागमन ठप्प, जनजीवन अस्त-व्यस्त*

*(जिलेभर में 72 घण्टों की लगातार बारिश से नदी-नाले में पानी उफान की ओर)*

*बेमेतरा/नवागढ़/साजा/बेरला:-* ज़िलाक्षेत्र के चारो विकासखंड क्षेत्र में बरसात की झड़ी खूब बरस रही है। लगातार 72 घण्टों की अनवरत बारिश ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। लिहाजा शासकीय कामकाज एवं व्यापारिक कारोबार ठप्प होने के साथ तीन दिनों की लगातार बारिश से अधिकांश आवागमन बाधित हो गया है।आलम यह है कि सावन के महीने का यह बारिश ज़िला मुख्यालय से लगे निकटवर्ती इलाके से लेकर दूरस्थ इलाके तक इसी तरह का मौसम की स्थिति है।जबकि मौसम जानकारों एवं विशेषज्ञों द्वारा बताया जा रहा है कि आगामी एक-दो दी तक वर्षा की यही स्थिति रहने का अनुमान है।जिससे जिलेभर के समस्त वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे है।देखा जाए तो जिलेभर के अन्नदाता किसान से लेकर शासकीय कर्मचारी व कामकाजी लोगों के साथ आमजनता भी इसके मौसम के मिजाज के चिंतित व परेशान है।

*लगातार वर्षा से नदी-नालों में जमा हुआ अतिरिक्त पानी,बाढ़ की आशंका*
चूंकि ज़िलाक्षेत्र में पिछले 72 घण्टों से अनवरत बरसात के कारण खेतों में भरपूर व पर्याप्त आ चुका है। जिससे अतिरिक्त पानी नदी-नालों व नहरों के माध्यम से निकलने लगे है। स्थिति यह है कि ज़िले की सदाबहार शिवनाथ नदी से लेकर खारुन नदी, हॉफ नदी, सुरही नदी, लोर नदी इत्यादि में जलभराव बढ़ जाने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।जबकि इन नदियों कुछ महीनों पूर्व गर्मी के सीजन में पानी के गिरते जलस्तर के चलते सूखने की कगार पर पहुंच चुके थे तो कुछ नदियों की धार व अस्तित्व ही मिट चुकी थी। जो लगातार वर्षा से प्राकृतिक श्रोतो को जलमग्न कर प्रकृति को हराभरा व हरियाली बना दिया है।हालांकि ज्यादा बरिश से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। आगामी दिनों वर्षा की स्थिति से ही नदी-नालों की तस्वीर साफ हो पाएगी।

*मौसम की मार का सवसे ज्यादा भार खेतिहर किसानों को*
गौरतलब हो कि ज़िलाक्षेत्र कृषि प्रधान ज़िला के रूप में प्रदेशभर में विख्यात है।जिसमे वर्तमान के सीजन में धान की फसलो की बुआई कर दी गयी है। जिसमे मौसम की मार की सर्वाधिक नुकसान किसान वर्ग को होना लाजिमी है। वर्तमान में लगातार वर्षा से धान के पौधे पानी मे डूबे नज़र आ रहे है, जिससे अंकुरण पश्चात पौधे के खराब होने की आशंका गहरा गयी है। जिसे देखते हुये अन्नदाता पानी-बरसात के बीच खेतो में जाने को मजबूर है। खेतों में पहुंचकर उनकी मेड को तोड़कर अतिरिक्त पानी को बाहर निकाला जा रहा है।लिहाजा लगातार मौसम की झड़ी का खामियाजा किसान वर्ग को ज्यादा भुगतना पड़ रहा है।

*दिनभर वर्षा की झड़ी से अधिकांश शासकीय दफ्तर के कर्मचारी-अधिकारी नदारद*
दरअसल ज़िला मुख्यालय सहित चारों विकासखण्ड अंतर्गत स्थित शासकीय कार्यालयों एवं दफ्तरों में मौसम की तकाजा का असर देखा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लगातार झड़ीदार बारिश के कारण शासकीय सेवाकर्मी अपने कार्य के लिए दफ्तर जा पाने में असमर्थ है, जिससे उनके दैनिक कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।जिसमे प्राथमिक स्तर के स्कूल व ग्राम पंचायतों से लेकर ज़िला कार्यालय एवं नगर पालिका तक के कर्मचारियों के सेवाकार्य के बीच बारिश बड़ी बाधा बनकर खड़ी हो गयी है। आगामी दिनों में मौसम साफ नही होता तो स्थितियों में कोई फर्क नही पड़ने वाला,क्योंकि ज्यादातर सेवाकर्मियों का स्थानीय क्षेत्र से न होने से आवागमन में काफी परेशानियां होती है।

*स्थानीय स्तर से जिला स्तर तक के व्यावसायिक धंधा चढ़ा बारिश का भेंट,कारोबार ठप्प*
दरअसल जिलेभर में स्थानीय स्तर से लेकर बड़े स्तर तक व्यावसायिक कारोबार होता है।जिसमे मौसम की बेरुखी के चलते धन्धे ठप्प होने से कारोबार चौपट है।कोरोनाकाल महामारी के संकटकाल से उबर रहे ज़िलाक्षेत्र की समस्त व्यवसाय को मिला सुनहरा अवसर अनवरत वर्षा के भेंट चढ़ रहा है।आम लोगों के जरूरत की सामानों एवं अन्य सामानों की आपूर्ति बरसात के कारण बाधित हों रही है।ग्रामीण स्तर से लेकर नगरीय व शहरी स्तर तक दुकान व मार्केट बारिश के प्रभाव में बंद दिखाई दे रहे है, जो बारिश के थमने के इंतज़ार में तीन दिन का इंतज़ार कर लिए है, इसके बावजूद वर्षा रुकने का नाम ही नही ले रहा है।

*आमलोगों के रोजमर्रा के कामकाज पर पड़ रहा, जनजीवन प्रभावित*
फिलहाल आम लोगों के दैनिक व रोजमर्रा के कामकाज पर अनवरत लगातार बारिश ने खलल डालकर बाधा पैदा कर दिया है। आम जनजीवन पर इसका प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है। लोगो के बैंकिंग, नेटवर्किंग, राजनीतिक, परिवारिक व सामाजिक कार्यक्रम एवं कार्यो पर वर्षा की झड़ी बाधा बनकर बरस रही है। जिससे आम दिनचर्या की जिंदगी जीने वाले लोग की मौसम की खुमारी से परेशान नज़र आ रहे है।देखा जाए तो वर्षा ने आम लोगों की चहल-पहल पर ही ब्रेक लगा दी है। जिससे कई दैनिक कामकाजों पर व्यापक असर हो रहा है।जबकि उल्लेखनीय है कि कोरोना सन्कटकाल व प्रभावी लॉकडाउन के लम्बे अरसे के बाद ज़िले में आमजनजीवन को सामान्य गतिविधि व हलचल करने संजीवनी मिली थी। जिससे एक प्रकार से बारिश के प्रभाव में हो जाने से आम जनजीवन घरो व आवासों तक सिमटने को मजबूर हैं।

 

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