देश दुनिया

मुंबई के हॉटस्पॉट बने धरावी और वर्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट_mumbai hotspots dharavi worli show signs of covid 19 curve flattening knowat | mumbai – News in Hindi

मुंबई के हॉटस्पॉट बने धरावी और वर्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट

मामलों में आई गिरावट ने झुग्गीवासियों और सरकार दोनों को राहत दी है.

धारावी (Dharavi) में संक्रमण की शुरुआत धीमी गति से हुई लेकिन 15 दिन के भीतर संक्रमण के मामले 100 का आंकड़ा पार कर गए. तीन मई आते-आते संक्रमण पीड़ितों की संख्या ने 500 के आंकड़े को छू लिया. इसके बाद यह आंकड़ा 1500 पार कर गया. अब नए मामलों की रफ्तार में कमी आई है.

कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण के लिए हॉटस्पॉट बनी मुंबई की सघन आबादी वाली दो बस्तियां धरावी और वर्ली (Worli) में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों ने महाराष्ट्र सरकार को ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार को भी मुसीबत में डाल दिया था. इस बीच मुंबई के इन दोनों हॉटस्पॉट में सोमवार को संक्रमण के मामलों में आई गिरावट ने झुग्गीवासियों और सरकार दोनों को राहत दी है.

मई में तेजी से आए मामले
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी (Dharavi) में उस वक्त खलबली मच गई जब मई महीने में तकरीबन 1,400 मामले सामने आए. अप्रैल में आए मामलों के मुकाबले यह आंकड़ा 380 प्रतिशत ज्यादा था. लेकिन सोमवार को वर्ली में संक्रमण दर घटकर तकरीबन आधी होने से न केवल झुग्गवासियों बल्कि सरकार ने भी राहत की सांस ली. दरअसल मई में संक्रमण दर यहां 60-62 प्रतिशत पहुंच गई थी जबकि सोमवार को यह घटकर 35-40 रह गई. हिंदूस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक धारावी में मई महीने में जहां आने वाले नए मामलों की दर 47 थी वहीं जून में घटकर यह 27 रह गई. वर्ली धारावी में संक्रमण दर क्रमशः घटकर 1.9 प्रतिश और 1.7 प्रतिशत हो गई है. यह दर यहां पर कोरोना संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक सबसे कम है.

अप्रैल में 369 कोरोना (coronavirus) संक्रमण के मामले धारावी में सामने आए तो यह आंकड़ा मई आखिर तक बढ़कर 1,771 हो गया. पूरे शहर में कुल मामलों में सिर्फ 4.4 प्रतिशत केवल धारावी के ही थे. धारावी में न केवल कोविड संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए बल्कि मई आखिर तक यहां कोरोना ने 70 लोगों की जान भी ली जबकि अप्रैल में मौतों का यह आंकड़ा18 था.BMC का दावा

ब्रह्न म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) ने हाल ही में धारावी की स्थिति सुधरने का दावा किया था. इस झुग्गी बस्ती में तकरीबन 6.5 लाख लोग रहते हैं. कोविड-19 का प्रकोप मुंबई में 11 मार्च को हुआ. संक्रमण के इस विस्फोट की चपेट में आई मुंबई उस वक्त सख्ते में पड़ गई जब ठीक 20 दिन बाद यानि 1 अप्रैल को संक्रमण का पहला मामला धारावी के डॉ. बलिगा नागर इलाके में आया. दरअसल, सघन जनसंख्या वाले इस इलाके में संक्रमण के फैलने का मतलब था एक बड़ा विस्फोट और कई जानों के जाने की आशंका.

धारावी में संक्रमण की शुरुआत धीमी गति से हुई लेकिन 15 दिन के भीतर संक्रमण के मामले 100 का आंकड़ा पार कर गए. तीन मई आते-आते संक्रमण पीड़ितों की संख्या ने 500 के आंकड़े को छू लिया. इसके बाद तो अगले 10 दिन के भीतर यह आंकड़ा 1,000 पार कर गया. 23 मई को 1,500 का आंकड़ा देखते-देखते ही पार हो गया. बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक मई आखिर से मामलों में कुछ गिरावट दर्ज की गई.

इस बीच मुंबई में सोमवार को मामलों की संख्या बढ़कर 49,863 हो गई. इस बीच सोमवार को संक्रमण की वजह से 64 लोगों जान चली गई. ताजा मामलों के साथ मौतों का आंकड़ा 1,700 पहुंच गया है.

बीएमसी के मुताबिक अब तक 842 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के साथ ही ठीक होने वालों का आंकड़ा 22,038 हो गया. सक्रिय मामलों की संख्या 26,125 है.

ये भी पढ़ें:

सोनाली फोगाट का विवादों से पुराना नाता, दीदी-जीजा के खिलाफ करा चुकी हैं मुकदमा

सोनू सूद को मजदूरों से मिलने से रोका गया, मुंबई पुलिस बोली- 



First published: June 9, 2020, 3:00 PM IST



Source link

Related Articles

Back to top button