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सरकार के इस कदम के बाद आपकी सैलरी स्लिप में होने जा रहा बड़ा बदलाव, जानिए कैसे – Your salary slip may have some change after 4 percent deduction EPF contribution by government | business – News in Hindi

सरकार के इस कदम के बाद आपकी सैलरी स्लिप में होने जा रहा बड़ा बदलाव, जानिए कैसे

पीएफ में 4 फीसदी की कटौती के बाद टेक होम सैलरी बढ़ जाएगी.

केंद्र सरकार ने इकोनॉमिक पैकेज (Eonomic Package) के ऐलान के दौरान कर्मचा​री और नियोक्ता द्वारा पीएफ योगदान में 4 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है. इसके बाद तीन महीने के लिए कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में इजाफा हो जाएगा. लेकिन कितना? यह अभी साफ नहीं हो सका है.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संकट (Coronavirus Crisis) में सैलरीड क्लास को तात्कालिक राहत देने के लिए बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योगदान को 4 फीसदी घटाने का ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद अब कर्मचारी की तरफ से पीएफ खाते (PF Account) में जाने वाला 2 फीसदी तीन महीनों के लिए टेकहोम सैलरी (Take Home Salary) में जुड़ जाएगा. केंद्र सरकार के इस कदम से करीब 6.5 लाख कंपनियों के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और इससे हर महीने 2,250 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी उपलब्ध हो सकेगी.

नियमों के मुताबिक, ​कर्मचारी व नियोक्ता प्रत्येक बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (Basic Salary+DA) का 12 फीसदी योगदान कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Providen Fund) में करते हैं. कर्मचारी और नियोक्ता (Employer) के योगदान को मिलाकर यह योगदान कुल 24 फीसदी प्रति माह की होती है.

सरकारी कर्मचारियों पर नहीं लागू होगी यह कटौती
लेकिन अब केंद्र सरकार तीन महीनों के लिए प्रति कर्मचारी इसमें 4 फीसदी की कटौती करने का ऐलान किया है. इसमें 2 फीसदी कर्मचारी और 2 फीसदी नियोक्ता द्वारा किया जाने वाला योगदान होगा. हालांकि, यह कटौती सरकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा. ऐसे में सैलरीड क्लास के लिए एक बड़ा सवाल यह है कि सरकार के इस फैसले से उनकी सैलरी स्लिप पर इसका क्या असर होगा?यह भी पढ़ें: नौकरीपेशा को मिली बड़ी राहत,PF पर फैसले के बाद अब अकाउंट में आएगी ज्यादा सैलरी

एक तरफ कर्मचारियों की 2 फीसदी कटौती तो टेक होम सैलरी में तीन महीनों के लिए बढ़ जाएगी, लेकिन अभी इस बात को लेकर कुछ साफ नहीं है कि नियोक्ता की तरफ से 2 फीसदी की कटौती का क्या होगा.

आमतौर पर किसी भी कर्मचारी की CTC (Cost To Company) ब्रेक-अप या टोटल सैलरी में कंपनी द्वारा 12 फीसदी की कटौती भी शामिल होती है. लेकिन, अब सरकार ने अनिवार्य 12 फीसदी के योगदान को घटाकर 10 फीसदी कर दिया है. ऐसे में संभव है कि कुछ नियोक्ता इस 2 फीसदी का लाभ कर्मचारियों को न दें.

क्या है पेंच?

अगर कोई नियोक्ता केवल कर्मचारियों की तरफ से होने वाले 2 फीसदी का ही लाभ देता है तो संभव है कि आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते की दूसरी 2 फीसदी रकम आपको मिले ही नहीं. हालां​कि, इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि अगर नियोक्ता की तरफ से होने होने वाली 2 फीसदी की रकम भी कर्मचारी की सीटीसी का हिस्सा है तो कंपनी को इसका लाभ देना ही होगा.

यह भी पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के PF और Tax को लेकर वित्त मंत्री ने किए ये 5 बड़े ऐलान

कर्मचारियों को मिले पूरे 4 फीसदी का लाभ
इस मामले पर एक जानकार का कहना है कि प्राइवेट सेक्टर में नियोक्ता की तरफ से किया जाने वाला योगदान भी सीटीसी पैकेज का ही हिस्सा होता है. ऐसे में अगर कंपनी ने कोविड-19 के असर की वजह से सैलरी में कटौती का ऐलान नहीं किया है तो कर्मचारियों को उम्मीद करनी चाहिए कि दूसरे 2 फीसदी कटौती का लाभ उन्हें या तो पीएफ खाते में मिले या कैश अलाउंस के तौर पर मिले.

नोटिफिकेशन में साफ होगी तस्वीर
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब अथॉरिटीज द्वारा फाइनल पीएफ नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा तो इसको लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी. इस नोटिफिकेश के जरिए ही पता लग सकेगा कि अगर नियोक्ता की वित्तीय स्थिति मजबूत होती है तो क्या उनके पास पूरे 12 फीसदी का विकल्प मिलता है या नहीं. यह भी संभव है कि कुल 4 फीसदी की कटौती का लाभ कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में देने का प्रावधान हो.

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First published: May 14, 2020, 9:46 PM IST



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