छत्तीसगढ़

सहसपुर लोहारा में 27 अक्टूबर रविवार को लक्ष्मी पूजन के अवसर पर, दण्डी स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज श्री का पण्डित देव दत्त दुबे के निज निवास “श्री गुरु कृपा प्रसाद” एवँ राजा खड्गराज सिंह के राजमहल में हुआ पदुका पूजन ,

सहसपुर लोहारा में 27 अक्टूबर रविवार को लक्ष्मी पूजन के अवसर पर, दण्डी स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज श्री का पण्डित देव दत्त दुबे के निज निवास “श्री गुरु कृपा प्रसाद” एवँ राजा खड्गराज सिंह के राजमहल में हुआ पदुका पूजन ,

अविमुक्तेश्वरानन्द जी 27 अक्टूबर की रात कवर्धा में चन्द्रप्रकाश उपाध्याय के निज निवास शङ्कराभवनम् में लक्ष्मी पूजन की रात अहोरात्र महानिशा पूजन किये ।

सहसपुर लोहारा

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़-कवर्धा

रियासतकालीन वाले सहसपुर लोहारा में
उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवँ पश्चिम्नाय द्वारका शारदा पिठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज श्री के शिष्य प्रतिनिधि दण्डी स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज श्री का रियासत कालीन वाले सहसपुर लोहारा में लक्ष्मी पूजन के अवसर पर 27 अक्टूबर रविवार को दोपहर 12 बजे शङ्कराचार्य के कृपापात्र शिष्य पण्डित देव दत्त दुबे के निज निवास “श्री गुरु कृपा प्रसाद” एवँ राजा खड्गराज सिंह के राजमहल में हुआ पादुका पूजन ।
यहाँ यह बताना लाजिमी है कि रियासतकालीन वाले सहसपुर लोहारा के इतिहास में स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी का प्रथम नगर आगमन रहा । नगर को फ्लैक्स , बेनर , तोरण के द्वारा सुसज्जित किया गया था । राजपुरोहित परिवार के द्वारा अविमुक्तेश्वरानन्द का गाजे-बाजे , आतिशबाजियों फूल मालाओं से ऐतिहासिक भव्य स्वागत किया गया । स्वागत पश्चात पण्डित देव दत्त दुबे के यहाँ पहुंचे स्वामी जी का पादुका पूजन समस्त राजपुरोहित परिवार के सदस्यों द्वारा मंत्रोचार के साथ किया गया । “श्री गुरु कृपा प्रसाद” में पादुका पूजन करने वालों में राजपुरोहित परिवार के पण्डित देव दत्त दुबे , धर्मपत्नी श्रीमती अंजुकिरण दुबे , राजपुरोहित पण्डित द्वारिका प्रसाद दुबे,राजेन्द्र दुबे,प्रशांत दुबे,अजय दत्त दुबे ,शशांक दुबे,विनीत दुबे,अतुल दुबे ,वासु दुबे, शौर्य दुबे , सुमुख दुबे, सहित परिवार के समस्त सदस्यों ने विधि विधान से अविमुक्तेश्वरानन्द का पादुका पूजन किया , ततपश्चात दूर दराज से आये हुए शिष्यगण , श्रधालुओं ने स्वामी जी के दिव्यतम दर्शन किये ।
पादुका पूजन और दर्शन पश्चात अविनुक्तेश्वरानन्द जी राजमहल पहुँचे जहाँ राजा खड्गराज सिंह ने परिवार सहित पादुका पूजन किया । राजमहल सहसपुर लोहारा से स्वामी जी कवर्धा के लिए रवाना हुए जहाँ वे रामकृपेश्वर परमानन्द उपाध्याय के निवास में पादुका पूजन विश्राम पश्चात श्री जानकीरमण प्रभु देवालय के दर्शन , संध्या आरती के बाद चन्द्रप्रकाश उपाध्याय के निज निवास शङ्कराभवनम् पहुँचे जहाँ स्वामी जी ने लक्ष्मी पूजन के अवसर पर अहोरात्र महानिशा पूजन किये । 28 अक्टूबर की शुबह 08 : 00 बजे श्री यदुनाथ गौशाला पहुँचकर स्वामी जी ने गौ पूजन की , गौशाला के सदस्यों द्वारा अविमुक्तेश्वरानन्द का तुला दान फलों से किया गया । गौशाला से कार द्वारा स्वामी जी विवेकानन्द हवाई अड्डा रायपुर पहुँचकर इंडिगो की नियमित उड़ान से 12 बजे प्रयागराज और बनारस के लिए प्रस्थान किये ।

 

 

 

 

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