पीएम ने कोरोना रूपी आपदा को अवसर में बदलकार आज भी काट रहे है जनता की जेब-निर्मल कोठारी

भिलाई। देश में कोराना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देन है, क्योंकि उनके नमस्ते ट्रम्प के चक्कर में देश के लोगों को कोरोना की भ_ी में धकेल दिये। जब चाईना में जमकर कोरोना कहर बरपा रहा था, उसी समय पीएम मोदी नमस्ते ट्रंप में लगे हुए थे और उनके साथ आये अधिकांशतर लोगों के कारण देश में कोराना फैला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय फ्लाईट पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिये होते तो देश में कोरोना से लाखों लोग नही मरे होते। उक्त बातें पत्रकारों से आज चर्चा करते हुए भारतीय जनतंत्र मंच के निर्मल कोठारी ने कही।
श्री कोठारी ने आगे कहा कि श्री मोदी कोरोना रूपी आपदा को जमकर अवसर में बदले और लोगो को शहरों से गांव तक जाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाकर 4 से छ:गुना किराया वसूले और आज कोरोना खत्म होने के बाद भी स्पेशल ट्रेन ही चलाकार लगभग देढ़ से दो गुना किराया वसूल रहे है, लोगों को जनरल टिकिट भी आरक्षण से कई गुना किराया लेकर दे रहे है। रेलवे नार्मल टिकिट नही दे रही है, क्योंकि नार्मल टिकिट देने से स्पेशल ट्रेन के रूप में लोगों की जेब नही काट सकेंगे। इसके अलावा शासन और प्रशासन द्वारा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर जमकर लोगों को डंडा मार मारकर जुर्माना वसूला गया
और कई प्रकार से लोगों को प्रताडि़्त किया गया। इसके अलावा जब देश में एक बॉटल मिनिरल वाटर से भी कम दाम में पेट्रोल दिया जा सकता था, ऐसे समय में भी मोदी सरकार ने 100 रूपये से लेकर 115 रूपये तक पेट्रोल देकर लोगों को लूटने और बुरी तरह बर्बाद करने का कार्य मोदी सरकार ने की है। मोदी सरकार की कथनी और करनी में बहुत बड़ा फर्क ह, आप दुर्ग से रायपुर के लिए टिकिट नेट में सर्च करते हैं तो स्पेशल मेमू ट्रेन और किराया 10 रूपया दर्शाया जा रहा है
जबकि टिकिट काउंटर पर 30 रूपये लिया जा रहा है। कोरोनाकाल में मोदी ने मजदूरों किसानों को उनके राज्य और ग्राम तक जाने के लिए कोई व्यवस्था नही किये लोगों को अपने प्रदेश और गांव पहुंचने के दौरान कई हजार लोगों की जान चली गई और जब पैदल या कैसे भी गिरते पड़ते, घायल होते जब अपने घर गांव बिहार व अन्य प्रदेश पहुंच गये तो यही मोदी सरकार बिहार में 72 हजार करोड़ रूपये का वर्चुअल रैली करवाई चुनाव जीतने के लिए। कोरोना काल में मोदी ने लॉकडाउन लगाकार व्यापारियों को जमकर कालाबाजारी करने का अवसर दिया। सामानों की कृत्रिम कमी जताकर कई गुना दर पर इन व्यापारियों ने सामान बेचकर जमकर मुनाफाखोरी शासन प्रशासन के सहपर किये।
श्री कोठारी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 19 मार्च 2020 को किये गये संबोधन के पहले संसद सत्र चालू था।
कोराना के विषय पर इससे निपटने संसद सत्र में ही चर्चा करना था और सर्वदलीय बैठक लेकर इसका हल निकालना था और जो विदेश से यात्री आ रहे थे उनके उसी दौरान आईसोलेट करना था, और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को बंद कर देना था लेकिन ऐसा नही कर वे अपने संबोधन में सीधे जनता कफ्र्यू लगाने का आदेश दे दिया जो बहुत गलत निर्णय था, देश के पीएम में न ही योग्यता है और न ही क्षमता है,जो व्यक्ति अपना परिवार और गृहस्थ आश्रम नही चला सका वो देश का संचालन कर रहे है,
इसीसे अंदाजा लगाया जा सकता हेै कि देश वे कैसे संभाल सकते है,क्योंकि देश भी एक परिवार है। पीएम के अयोग्य होने का पूरा खामियाजा आज देश झेल रहा है, देश में लगातार मंहगाई, गरीबी, बेरोजगारी बढते जा रही है, कोरोना के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही बिगड़ गई है। मोदी देश के सभी उपक्रमों को बेचते जा रहे है, आर्थिक तंगी के कारण आज लोग आत्महत्या कर रहे है। निर्मल कोठारी ने आगे कहा कि कोरोना की आड़ में शासन और अस्पताल वालों द्वारा जमकर लोगों को लूटने का काम किया गया है।
ऑक्सीजन के नाम पर जो आक्सीजन डेढ से दो हजार मे ंमिल सकता था उस ऑक्सीजन को 10-10 हजार रूपये में लोगों को बेचा गया है, इसके अलावा ऐसे लाखों लोगों को जिनको कोरोना नही था उनको भी कोरोना बताकर अस्पताल में भर्ती कर उनको मार दिया गया और उनके बॉडी के महत्वपूर्ण पार्ट को बेचकर करोडें रूपये कमाई किया गया। पन्द्रह सौ की रेमडिसिविर इंजेक्शन को अस्पताल प्रबंधन के माध्यम से बाहर में ब्लैक में 15-15 हजार रूपये में बिक्री गया गया। मोदी के गलत निर्णय से आज भी देश की जनता इससे उबर नही पाई है।