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आखिर कब थमेगा दुर्ग निगम का भ्रष्टाचार , क्या सयुंक्त कलेक्टर स्तर के अधिकारी आयुक्त मंडावी करेंगे निष्पक्ष कार्यवाही ?

दुर्ग / सबका संदेश / जैसा कि आप सभी जानते हैं की ठगड़ा बांध के सौंदर्यीकरण के दौरान बड़ी मात्रा में मुरूम का परिवहन कर खुले बाज़ार में उसका व्यापार किया गया, आज जबकि ठगड़ा बांध सुंदरीकरण का कार्य दुर्ग निगम द्वारा किया जा रहा है ऐसे में मिट्टी के आड़ में लाखों करोड़ों रुपए का मुरूम अवैध रूप से परिवहन हो गया, इस अवैध रूप से होने वाले परिवहन के संपूर्ण दस्तावेज अभिलेखों से गायब है आपको बता दें कि ठगड़ा बांध सुंदरीकरण कार्य के लिए दुर्ग निगम ने जी गोस्वामी को नोडल अधिकारी बनाया गया था, और आपने यह भी जरुर देखा होगा कि गोस्वामी शायद ही दुर्ग निगम का कोई ऐसा कार्य होगा जो विवादित ना हो, अब उसी कड़ी में ढगड़ा बांध में मुरूम के अवैध परिवहन का बड़ा मामला सामने आया है वैसे तो इस मामले में दुर्ग निगम आयुक्त ने निगम के ईई गोस्वामी पर परिवहन एवम दस्तावेज संधारण नहीं करने के कारण नोटिस जारी कर दिया है, किंतु नोटिस में भी एक बड़ा खेल कर दिया गया, मामले में लीपापोती कि जा सके इसलिए मुरुम को नोटिस में मिट्टी के परिवहन की बात लिख दी गई जबकि दुर्ग के हर उस व्यक्ति  को यह जानकारी है कि ठगड़ा बांध वाला क्षेत्र मुरूम वाला क्षेत्र है ! .

    साल भर पहले भी निगम द्वारा खनन के लिए निविदा जारी की गई थी, तो फिर यह मिट्टी कब हो गई इसकी जानकारी ना निगम के अधिकारी दे रहे हैं ना नोडल अधिकारी दे रहे हैं, नोटिस जाता है कि मामले को रफा-दफा करने के लिए उनके स्थान पर मिट्टी लिख दिया गया है, और इस प्रकार से एक बार फिर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली और नोडल अधिकारी गोस्वामी की कार्यप्रणाली कई तरह के संदेशों को जन्म देती है क्या इस मामले पर नगरी निकाय विभाग या जिला कलेक्टर डॉक्टर भूरे द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जांच की जाएगी या फिर मुरम और मिट्टी के खेल में एक बार फिर भ्रष्टाचार की चिंगारी फाइलों में दब जाएगी ?

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