के बी आर बिमलार्पण संगीत महोत्सव का त्रिदिवसीय आयोजन 11 से
खैरागढ में होगा शुभारंभ और रायपुर में होगा समापन
खैरागढ संगीत विश्वविद्यालय एवं टीम एंथम भिलाई का है संयुक्त आयोजन
भिलाई। खैरागढ संगीत विश्वविद्यालय एवं टीम भिलाई एंथम एंड वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 11 से 13 जनवरी तक खैरागढ, भिलाई एवं रायपुर में के बी आर बिमलार्पण संगीत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उक्त जानकारी एक पत्रकारवार्ता में टीम भिलाई एंथम की प्रेसीडेंट सुष्मिता वासू मजूमदार ने देते हुए बताया कि केबीआर का अर्थ खेैरागढ,भिलाई एवं रायपुर है।
कार्यक्रम के प्रथम दिन 11 जनवरी को प्रात: 10 बजे से विश्वविद्यालय परिसर 1 में स्थित प्रेक्षागृह में पटियाला घराने के उस्ताद बडे गुलाम अली खान के वरिष्ठ शिष्य पंडित अजय चक्रवर्ती जो कि शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में सशक्त हस्ताक्षर है। पं. अजय चक्रवर्ती कासंगीत के विविध विषयोंएवं आयोमोंपर इंटरेक्टिव व्याख्यान का आयोजन किया गया है। वहीं शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक विश्वविद्यालय केपरिसर क्रमां 2 में स्थित नवीन प्रेक्षागृहमें विभिन्न क्लासिकलएवं सेमीक्लासिकल सांगीतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां होगी जिसमें भिलाई के जाने माने प्रसिद्ध भजन गायक प्रभंजय चतुर्वेदी का भजन, सुश्री साधना रहटगांवकर द्वारा गजल की प्रस्तुति, अवनिंद्र शिवलकर द्वारा सितार वादन तथा कलाकार पंडितय अजय चक्रवर्ती अपनी प्रस्तुति देंगे।
इसके अलावा कार्यक्रम के दूसरे दिन 12 जनवरी को प्रात: 10 बजे से विख्यात संगीतिज्ञ श्रीमती आरती अंकलिकर टिकेकर द्वारा संगीत के विभिन्न आयोमों पर व्याख्यान परिसर 01 में स्थित प्रेक्षागृह में आयोजित है। शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक भिलाई के बीआईटी ऑडिटोरियम में विभिन्न क्लासिकल एवं सेमीक्लासिकल सांगीतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां होगी। जिसमें प्रमुख श्रीमती मधुजा मुखर्जी का भजन गायन, डॉ. प्रभाकर, डॉ. दिवाकर कश्यप यानि कश्यप बंधु का शास्त्रीय गायन, परमानंद रॉय का बांसुरी वादन, श्रीमती अंकलिकर टिकेकर का गायन तथा उस्ताद शाहिद परजवे के सितवार वादन का कार्यक्रम होगा।
इस त्रिदिवसीय कार्यकम का समापन रायपुर के जनता कालोनी स्थित रंगमंदिर में होगा। सायं 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक चलने वाले कार्यक्रमों श्रंृखला में श्रीमती अर्चिता दीनानाथ भट्टाचार्य द्वारा ठुमरी गायन, अभिषेक लहिरी द्वज्ञक्रा सरोद वादन, अनल चटर्जी का गायन, यशवंत वैष्णव एवं सुखद माणिक मुंडे का तबला एवं पखावज की अदभुत जुगलबंदी का कार्यक्रम के साथ ही पंडित उल्लास कशलकर के शास्त्रीय गायन का कार्यक्रम होगा।