जिला अस्पताल में 140 मरीजों को मिला मोतियाबिंद ऑपरेशन का लाभ 140 patients got the benefit of cataract operation in district hospital

दुर्ग/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गम्भीर सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में जिला चिकित्सालय में जुलाई माह में 140 मोतियाबिंद से पीडि़त मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया। एक अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक कुल 174 लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया गया है। जिससे मोतियाबिंद के सभी मरीज पुन: नेत्र ज्योति मिलने पर बहुत खुश हुए। डॉ सिंह ने बताया जिले के एक विकासखंड को मोतियाबिंद मुक्त किया जाना है। जिसके तहत निकुम ग्रामीण का चयन किया गया है। उक्त विकास खंड के तहत 84 ग्रामों में लगभग 2.50 लाख जनसंख्या में 350 लोग आंख से प्रभावित मरीज है। निकुम ग्रामीण को मोतियाबिंद मुक्त करने के लिए खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.देवेंद्र कुमार बेलचंदन द्वारा सर्वे कर मरीजों को जिला चिकित्सालय लाने के लिए कार्ययोजना बनाकर मोतियाबिंद ऑपरेशन चालू करा दिया गया है।
सीएमएचओ डॉ.सिंह ने बताया जिला चिकित्सालय में 3 नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. बीआर कोसरियाए, डॉ.संगीता भाटिया एवं डॉ. अल्पना अग्रवाल हैं। इसके अलावा सिविल अस्पताल सुपेला में आज से डॉ. बी एन वाहने द्वारा मोतियाबिंद का ऑपरेशन चालू किया गया। इन नेत्र सर्जनों द्वारा कोविड.19 के नियमों का पालन करते हुए लगातार मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है।
नोडल अधिकारी अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. संगीता भाटिया ने बताया सभी नेत्र सहायक चिकित्सा अधिकारियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के मरीजों का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बीपी व शुगर जांच करायी जा रही है। जिससे जिला चिकित्सालय में आवश्यक जांच कर तुरंत ऑपरेशन किया जा सके। जिला चिकित्सालय दुर्ग में सोमवारए बुधवार, शुक्रवार एवं सिविल अस्पताल सुपेला में बुधवार एवं शुक्रवार के दिन सप्ताह में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा रहा हैश्।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीआर बाल किशोर ने बताया मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों का मेडिकल फिटनेस, ईसीजी, कोरोना एंटीजन, बीपी एवं शुगर की जांच को प्राथमिकता के साथ तत्काल कराया जा रहा है। ताकि ऑपरेशन के लिए दूर दराज से आने वाले मरीजों को अस्पताल में भटकने की जरुरत न पड़े।
2025 तक मोतियाबिंद मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य
प्रदेश में मोतियाबिंद की वजह से किसी भी व्यक्ति की आंखों की रोशनी न छिन जाए इसे लेकर एक बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत होने जा रही है। इसे मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्यश् का नाम दिया गया है। इसके तहत राज्यभर में वर्ष 2025 तक 5 लाख लोगों का मोतियाबिंद ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार 2025 तक मोतियाबिंद की वजह से आंखों की रोशनी चले जाने के प्रकरणों में कमी लाना चाहती है। योजना के तहत विकासखंड के मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त होने पर 5 लाखए जिला मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त होने पर 10 लाख और राज्य को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त होने पर 50 लाख रुपए का नगद पुरस्कार मिलेगा। जानकारी के मुताबिक राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक जिले के एक ब्लॉक को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहले चरण में 28 ब्लॉक का चयन किया जा चुका है। इसके तहत उन लोगों की सूची लगभग तैयार कर ली गई है जिनकी दोनों आंखों में मोतियाबिंद है। इन लोगों के ऑपरेशन करवाकर इन्हें रौशनी दिलाना है।