अम्बेडकर जयंती पर कुरैशी ने किया उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण, Qureshi garlanded his oil painting on Ambedkar Jayanti

भिलाई / छत्तीसगढ राज्य के पूर्व मंत्री बद्धरूुदीन कुरैशी ने भारतीय संविधान के निर्माता तथा आधुनिक भारत के मनु के नाम से विख्यात डॉ. अम्बेडकर के 130 वी जयंती के अवसर पर उनके तैलचित्र मे माल्यअर्पण कर उनके बताए हुए मार्गो पर चलने का संकल्प लिया। कुरैशी ने बताया कि भीमराव अम्बेडकर को बचपन से ही पढाई में बहुत अधिक दिलचस्पी थी। दलित जाति मे जन्म लेने के कारण बचपन से ही सामाजिक अनुभव शिक्षा और सेवाकर की घटनाओ से उनके मन मे विद्रोह की भावना को जन्म दिया। उन्होने संकल्प किया कि छुआछुत को जड़ से उखाड कर ही चैन लेंगे। 20 जुलाई 1924 को उन्होने बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना कि उन्होने अपने कार्यो और विचारधारा से भारत के शोषित व वंचित वर्गो को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। दबे पिछडें वर्ग मे जागृति का संदेश जनजन मे पहुचांया और समाज मे उन्हे समानता का अधिकार दिलाना चाहते थे सन् 1927 मे बंबई विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया। सन् 1936 मे निर्दलीय लेबर पार्टी ऑफ इंडिया की स्थापना की, इस पार्टी ने सन् 1937 मे बंबई विधानसभा चुनाव मे 15 सीटो पर विजयी हुए। जुलाई 1942 मे अम्बेंडर को श्रमिको के प्रति निधि के रूप मे भारत के गर्वनर जनरल की कार्यकारिणी परिषद मे विधि सदस्य के रूप मे मनोनीत किया गया और 14 अप्रैल 1990 को मर्णोपरांत डॉ अम्बेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।