छत्तीसगढ़

सोनिया के इशारे पर हो रहे धर्मांतरण से नाराज आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित करने का प्रयास – केदार कश्यप

सोनिया के इशारे पर हो रहे धर्मांतरण से नाराज आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित करने का प्रयास – केदार कश्यप

झीरम घाटी का षड्यंत्र कांग्रेस के अंदरूनी वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम है 

जगदलपुर, 27 जनवरी। भाजपा के पूर्व मंत्री एवं  प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि ग्रामीणों के आंदोलन के सवाल पर सांसद दीपक बैज के द्वारा भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाने के पीछे सोनिया गांधी के इशारे पर छत्तीसगढ़ सहित बस्तर संभाग के अनुसूचित क्षेत्रों में हो रहे धर्मांतरण पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर लगे प्रश्न चिन्ह से परेशान कांग्रेस के सांसद के द्वारा नाराज आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित करने के लिए आरएसएस और भाजपा को बदनाम करने की साजिश के तहत षड्यंत्रकारी आपत्तिजनक निराधार आरोप लगाया गया है।       उन्होने कहा कि सांसद दीपक बैज को यह अध्ययन कर लेना चाहिए, कि झीरम घाटी की जघन्य नक्सली वारदात के दौरान केंद्र में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसी की सरकार थी, जिनके द्वारा एनआईए के माध्यम से जांच शुरू की गई थी, तब क्या कांग्रेस की सरकार सो रही थी। झीरम घाटी का षड्यंत्र कांग्रेस के अंदरूनी आपसी वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम है, देश विरोधि ताकतों के साथ खड़ी कांग्रेस के संबंध में जनता अच्छी तरह से जानती हैं।
     पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता केदार कश्यप ने सांसद दीपक बैज के गैर जिम्मेदाराना बयान पर चुनौती देते हुए कहा कि यदि सांसद दीपक बैज के पास कोई भी ऐसे प्रमाण है तो, उन्हें एनआईए के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए या प्रदेश में उनकी कांग्रेस की सरकार की एजेंसियां जांच में लगी हुई है। उन के माध्यम से एनआईए के समक्ष सभी तथ्यों और प्रमाणों को प्रस्तुत करना चाहिए जिससे दोषियोंं को उनके अंजाम तक पहुंचायाा जा सके और यदि उनके पास प्रमाणित करने के लिए कुछ भी नहीं है तो उन्हें भाजपा औरआरएसएस पर अपने निराधार बयानबाजी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

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