छत्तीसगढ़

रामराज में 14 वर्ष वनवास और कलयुग में जंगल ही साफ, मड़ियान के कलयुगी दशरथ पुत्रो ने राजनीति की आड़ में जंगल पर किया कब्जा, उप वनमण्डला अधिकारी सहित परिक्षेत्र अधिकारी ने भी अपनी जेब हरी करने के लिए जंगल के हरे भरे वृक्षों का करवाया कत्लेआम

रामराज में 14 वर्ष वनवास और कलयुग में जंगल ही साफ, मड़ियान के कलयुगी दशरथ पुत्रो ने राजनीति की आड़ में जंगल पर किया कब्जा, उप वनमण्डला अधिकारी सहित परिक्षेत्र अधिकारी ने भी अपनी जेब हरी करने के लिए जंगल के हरे भरे वृक्षों का करवाया कत्लेआम। 

 

 

डोंगरगढ- इतिहासकारोंबक अनुसार एक भगवान राम का युग था जिसमे चक्रवर्ती राजा दशरथ के पुत्रों श्री राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन ने मिलकर राम राज की स्थापना की थी वहीं आज के इस कलयुग में भी छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मड़ियान क्षेत्र में कलयुगी दशरथ के चार पुत्र है जो राजनीति की आड़ में जंगल को ही तबाह करने में लगे हुए हैं। यह चारो भाई जो कभी सामान्य जीवन व्यतीत करते थे वे एक भाई के राजनीति में आते ही अचानक सैकड़ो एकड़ जमीन के मालिक बन बैठे यही नहीं इनमें से एक भाई तो ऐसे कार्य का संचालन कर रहे हैं जिसकी अनुमति स्वंम राष्ट्रपति देते हैं जिससे यह प्रतीत होता है या तो इनकी पहुंच सीधे राष्ट्रपति तक है या फिर ये बिना अनुमति के जंगल क्षेत्र में उक्त कार्य का संचालन कर रहे हैं। इन चारों भाइयों के नियम विरुद्ध कार्य में वन विभाग सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी भी अपनी जेबें गर्म कर पर्दा डालते रहे हैं। जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारा करते यह कहावत तो आप सभी ने कभी ना कभी सुनी ही होगी कुछ इसी तरह की कहावत खैरागढ़ वन मंडल के उप वन मंडल डोंगरगढ के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र दक्षिण बोरतलाव के ग्राम पंचायत मड़ियान व दमऊदहरा में चरितार्थ हो रही है। जहां पर वन परिक्षेत्र दक्षिण बोरतलाव के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मड़ियान के कुछ ग्रामीणों ने पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष के भाई जो सोसायटी में उपाध्यक्ष है के इशारे पर अपनी ही पड़ोसी पंचायत दमऊदहरा के किसानों के खिलाफ वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा की शिकायत कर डाली जिसके बाद यह खबर सुर्खियों में आई। खबर सामने आने के बाद हम ग्राम पंचायत दमऊ दहरा पहुंचे और मामले की पड़ताल की इस दौरान जो खुलासे हुए उसने हमारे होश उड़ा दिए क्योंकि दमऊदहरा के कुछ किसानों ने जंगल की कुछ भूमि पर कब्जा तो किया है लेकिन सूत्रों की जानकारी के अनुसार इसमें से कुछ भूमि राजस्व के अंतर्गत आती है उसके बाद भी अतिक्रमण का निर्णय वन विभाग या राजस्व विभाग के अधिकारियों के द्वारा नही किया गया बल्कि क्षेत्र के भाजपा नेता के भाई के द्वारा कब्जाधारी किसानों की मेहनत से उगाई गई फसलों को गायो से चराकर किया गया वह भी इसलिए क्योंकि कब्जाधारी किसानों के द्वारा उनकी 10 हजार रुपये देने की बात नहीं मानी गई। पड़ताल के दौरान यह भी पता चला कि दमऊदहरा के सरपंच के द्वारा लगभग 46 किसानों का आवेदन वन भूमि अधिकार पत्र के लिए दिया गया था लेकिन भाजपा नेता के इशारे पर सभी 46 आवेदन अपात्र कर दिए गए और मड़ियान के कुछ किसानों को वन भूमि का पट्टा प्रदान किया गया है।

मड़ियान में सैकड़ो एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्जा- हमारे द्वारा की गई पड़ताल में जो चौकाने वाली बात सामने आई वह यह कि दमऊ दहरा के किसानों पर वन भूमि पर अवैध कब्जा की शिकायत करने वाले किसानों सहित क्षेत्र के भाजपा नेता व उनके भाइयों ने स्वंम मड़ियान क्षेत्र के जंगल पर ना सिर्फ अवैध कब्जा किया है बल्कि वहां पर ईमारती व गैर ईमारती पेड़ो की कटाई कर खेती करना भी प्रारंभ कर दिया है। कब्जा भी 10 या 20 एकड़ जमीन पर नहीं बल्कि सैकड़ो एकड़ से भी अधिक वन भूमि पर मड़ियान के अलग-अलग किसानों के द्वारा अवैध कब्जा किया गया है जबकि मड़ियान क्षेत्र में लघु व सीमांत कृषकों की कुल संख्या 358 और क्षेत्रफल हेक्टेयर में 976.175 हे. तथा एकड़ में लगभग 2500 एकड़ है वहीं सोसायटी में पंजीकृत किसानों की संख्या 343 तथा रकबा 484.752 हेक्टेयर यानी लगभग 1300 एकड़ कृषि लगानी जमीन लेकिन इसके बावजूद यदि इस मामले की सूक्ष्मता से जांच की जाये तो कुछ किसानों के कब्जे से 10,20,30 से 40 एकड़ प्रत्येक के पास वन भूमि मिलेगी जो अवैध रूप से कब्जा की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत दमऊदहरा व मड़ियान के बीट गार्ड, उप वनपरिक्षेत्र अधिकारी, वन परिक्षेत्र अधिकारी व उप वन मंडला अधिकारी के द्वारा आर्थिक लाभ के लिए मड़ियान व दमऊदहरा क्षेत्र की सैकड़ो एकड़ वन भूमि को किसानों के कब्जे में दे दी गई यही कारण है कि इतने बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा होता रहा और उक्त कक्ष क्रमांक के बीट गार्ड व सर्किल प्रभारी सोते रहे या सोने का ढोंग कर रहे हैं। इस सारे घोटाले से जुड़े सारे दस्तावेज के साथ अगले अंक में खुलासे किए जायेंगे

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