छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

महिलाओं के लिए कानून में कई प्रावधान, पर पुरूषों के लिए नही है कोई प्रावधान या आयोग ऐसे में कैसे हासिल की जा सकती है लैंगिक समानता-डीएसपी प्रवीरचंद तिवारी नारी सशक्तिकरण पर पुलिस नियंत्रण कक्ष सभागार में सम्पन्न हुआ वेबीनार

BHILAI:-शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा पुलिस नियंत्रण कक्ष सेक्टर 6 भिलाई में टेकूप के अंतर्गत वेबीनार का आयोजन किया। इसमें लैंगिक समानता और नारी सशक्तिकरण पर विद्यार्थियों से चर्चा की गई प्रोफेसर एवं आन्तरिक महिला शिकायत समिति की अध्यक्ष डॉक्टर श्वेता चौबे की उपस्थिति में संपन्न इस बेबीनार के माध्यम से कॉलेज के करीब 200 से अधिक विद्यार्थी जुड़े।

दुर्ग पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रोहित झा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईयूसीएडब्ल्यू एवं प्रवीर चंद्र तिवारी डीएसपी क्राइम अतिथि वक्ता के रूप में शामिल हुए। इस वेबीनार में विभिन महाविद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र शामिल हुए। वेबिनार के आरम्भ में शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रायपुर की प्राध्यापक डा श्वेता चौबे ने अपने स्वागत भाषण में अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय के महत्त्व को प्रतिपादित किया और बताया कि लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण कि दिशा में बहुत सारे कार्य हुए हैं पर अभी भी बहुत कुछ होना बाकी हैद्य उन्होंने कहा कि इस विषय में भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में जागरूकता है और स्त्री को बराबरी का दर्जा दिलाने हेतु प्रयास जारी है। डा चौबे ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपने 17 निर्धारित लक्ष्यों में इसे भी एक लक्ष्य के रूप में रखा है। समाज एवं शासन व्यवस्था में स्त्री शक्ति को उचित स्थान दिलाने एवं महिला सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर शासन एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। अतिथि वक्ता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर दुर्ग भिलाई रोहित झा ने अपने उद्बोधन में बताया की हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की आवश्यकता है आज लैंगिक असमानता एक सामाजिक दैत्य की तरह है इससे निपटने के लिए हमें अपने घर से ही शुरुवात करनी होगी महिला सशक्तिकरण व समानता के अधिकार पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए इस दौरान अलग.अलग काल की घटनाओं की जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईयूसीएडब्ल्यू श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम ने अपने व्याख्यान में महिला अधिकार एवं रक्षा के विषय में विस्तृत रूप से बताया की किस तरन महिलाप को समानता का अधिकार प्राप्त है साथ ही उन्होंने महिलाओ के साथ होने वाली घरेलु हिंसा  मानसिक एवं शारीरिक उत्पीडऩ  दहेज़ प्रताडऩा महिला एवं बच्चो के साथ होने वाली हिंसक घटनाओं एवं कार्यस्थल पर होने वाली उत्पीडऩ की कानूनन जानकारी दी। उन्होंने बताया की आज बहुत से एसे फोरम है जहाँ शिकायत की जा सकती है साथ ही बताया कि किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति में महिलाएं किस तरह से अपना अधिकार पा सकती हैं

अतिथि वक्ता प्रवीर चंद्र तिवारी डीएसपी क्राइम ने अपने विचार को प्रकृति के साथ तुलनात्मक रूप से साझा करते हुए कहा की लैंगिक समानता जैसे विषय में मानसिक प्रदुषण को जिम्मेदार बताया है तमाम कानून होने के साथ प्रकृति स्वयं ही भेद भाव करने वालो का अंत कर देती है उन्होंने अधिकार के साथ कर्तव्यों के निर्वहान को भी प्रमुख बताते हए बाया पक्षी का बेहद खुबसूरत उदहारण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया समाज में पुरुषो एवं महिलाओ का एक ही स्तर है दोनों को ही अंपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए। शहर के साथ-साथ ग्रामीण परिवेश पर चर्चा करते हुए महिला सशक्तिकरण पर तुलनात्मक रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज देश मे तकनीक का काफी तेजी से विकास हुआ है खासकर मोबाइल का उसके चलते हैं कई तरह के अपराध और विकृतिया बढी है। महिलाओं के लिए कई कानून एवं भारतीय संविधान में प्रावधान तथा महिला आयोग है। लेकिन पुरुषो के लिए कोई कानून एवं आयोग नही है। ऐसे में लैंगिक समानता कैसे हासिल की जा सकती है। कोई लड़की छेड़छाड़ या विकट परिस्थितियों में किस हद तक अपना बचाव कर सकती है। 2020 में महिला अब सबला हो चुकी है तथा सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर की नई पहचान दी हैए इसे पूरा करने में पुलिस विभाग की क्या पहल है, महिला से छेड़छाड़ के झूठे आरोप के विरुद्ध क्या दंड है। जिसका समाधान रोहित झा, श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम एवं प्रवीर चंद्र तिवारी ने बखूबी किया।  कार्यक्रम का सफल संचालन आशीष ठाकुर ने किया एवं कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अवनीश उपाध्याय ने किया।

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