जान कर भी अंजान बनें रहते हैं। गनियारी, नेवरा, तखतपुर, मुढ़ीपार पंचायत बिल्हा में चल रहा अवैध मुरूम उत्खनन। मुरूम के दलाल ग्राम पंचायतों में अवैध तरीके से चल रहे है अवैध मुरूम खनन। नियम विरुद्ध। कार्यवाही में विलंब क्यों।

जान कर भी अंजान बनें रहते हैं। गनियारी, नेवरा, तखतपुर, मुढ़ीपार पंचायत बिल्हा में चल रहा अवैध मुरूम उत्खनन। मुरूम के दलाल ग्राम पंचायतों में अवैध तरीके से चल रहे है अवैध मुरूम खनन। नियम विरुद्ध। कार्यवाही में विलंब क्यों।
छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट
बिल्हा विधानसभा. क्षेत्र ग्राम पंचायत मुड़ीपार में जेसीबी मशीन लाकर अवैध मुरूम खनन भूमाफिया द्वारा बेचा जा रहा शहरों में किया जा रहा है परिवहन, ।
जानिए मामला क्या है,,,
भूतपूर्व सरपंच गोदावरी मनोज सिन्हा के बताए अनुसार।
जल संरक्षण एवं सिंचाई के लिए बनाए गए बांध एवं तालाबों को मुरुम के लिए बेतरतीब तरीके से खोदा जा रहा है। ग्राम रहगी, चकरभाटा, धमनी, मुढ़ीपार, भैसबोड में यह खनन किया जा रहा है। ठेका कंपनियों का कहना है कि वे जल संसाधन एवं खनिज विभाग की अनुमति लेकर खनन कर रहे हैं, लेकिन विभाग के जिम्मेदार मौके का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। रेल लाइन का कार्य करने वाली ठेका कंपनियां बांध और तालाबों को मशीनों से खोद रही है। इससे बांध और तालाबों की उपयोगिता प्रभावित होने की स्थिति है। साथ ही आने वाले दिनों में बांधों में टेल एरिया में अधिक जलभराव होने की स्थिति बन रही है।
पर्यावरण मंडल देता है डेम की खुदाई के लिए अनुमति
जानकारी के अनुसार तालाब की खुदाई के लिए अनुमति देने का अधिकार न जलसंसाधन विभाग के पास है ना खनिज विभाग के पास। ठेका कंपनी को पर्यावरण मंडल से अनुमति लेनी थी, जो नहीं ली गई। इस पर जिला खनिज अधिकारी कहता हैं कि ठेका कंपनी ने अनुमति खनिज व जलसंसाधन विभाग से ली है। पर्यावरण मंडल से नहीं ली है। छोटा खनन होने के कारण इसकी जरूरत नहीं थी। अब तक दोनों विभाग ने मौके पर जाकर स्थिति का आकलन, भौतिक सत्यापन, औचक निरीक्षण, निगरानी नहीं किया है।
चैन माउंटेन 110, 210 जेसीबी मशीन से कर रहे रहगी मुढ़ीपार धमनी चकरभाटा
चकरभाटा मुढ़ीपार् धमनी तेलसरा के एक छोर की धड़ल्ले से खुदाई की जा रही है। इसके लिए चैन माउंटेन व अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। पहले तालाब की मिट्टी व मुरुम की खुदाई सड़क के लिए हो रही थी। अब रेलवे लाइन के कामों के लिए भी मुरुम को बेचा जा रहा है। खनिज विभाग के अनुसार ठेका कंपनी को 20 हजार घनमीटर मुरुम खनन की अनुमति दी गई है। जल संसाधन विभाग ने भी खनन की अनुमति दी है। लेकिन दोनों विभाग के जिम्मेदार तय शर्तों के विपरीत हो रही खुदाई को झांक भी नहीं रहे हैं। अंधाधुंध खनन के कारण तालाब का गहरी करण अधिक गहरा हो चुका है। इससे तालाब के मूल स्वरूप को भी नुकसान पहुंचेगा। एसडीएम ने बताया कि तालाब की खुदाई में अनियमितता बरती गई है। मुआयना कर ठेका कंपनी को नुकसान को सुधारने कहा जाएगा। तालाबों को भी खतरनाक ढंग से खोद रहे
कम बारिश होने के कारण जिले के तालाब व पोखर सूखने की स्थिति में है। इसका फायदा उठा कर सड़क व रेल निर्माण की ठेका कंपनी मशीनों से इसकी खुदाई कर रही है। यह सब सांठगांठ से किया जा रहा है। मामले के जानकार एक ग्रामीण कि बताया तालाबों को खतरनाक ढंग से खोदा जा रहा है। जलभराव होने पर वह जानलेवा हो सकता है। जिले के ग्राम चकरभाठा, मुढ़ीपार रहगी में तालाब खनन जारी है। बाई पास रोड मे एक तालाब. हैं जो मुड़ीपार के अतर्गत आता उसमे भी अंधाधुंध खनन किया जा रहा है। खनिज विभाग की कार्रवाई नाम मात्र खनिज विभाग ने 42 दिनों में नाम मात्र की कार्रवाई की है। मई अप्रेल में ईंट निर्माण के प्रकरण, पत्थर परिवहन के प्रकरण बनाए गए हैं। जून में अब तक प्रकरण बनाए गए हैं। एक मुरुम खनन और कई अवैध रेत भंडारण का है। मई में अवैध परिवहन के तहत ईंट परिवहन, मुरुम परिवहन, पत्थर परिवहन लालच…करण बनाए गए। जून में रेत, गिट्टी, ईंट परिवहन के मामले बनाए गए हैं।
रेलवे लाइन बनाने वाले ठेकेदार ने एक ऐसे दलाल को मुरूम खुदाई के लिए रखा है जो गांव-गांव में जाकर सरपंचों को पैसे की लालच देकर मुरूम खुदाई करवा रहा है ।
संबंधित थानेदार, पटवारी सबकी मिली भगत से चलता तभी कार्यवाही सही समय पर सूचना देने के बाद भी कार्यवाही नहीं किया जाता। जान कर भी अंजान बनें रहते हैं। मुरूम तालाब कहता है कि एसडीएम और तहसीलदार के अनुमति, सूचना कर अवैध मुरूम खुदाई किया जा रहा है। ईसी कारण कार्यवाही में विलंब हो रहा है।