पढ़ई तुहंर दुआर‘ पोर्टल से अब शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न कलाओं के गुर भी सिखेंगे बच्चे, ‘आई एम द वन’ कार्यक्रम में आर्ट एवं क्राफ्ट, डांस, फोटोग्राफी, योग, मार्शल आर्ट के कोर्स शामिल
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल बच्चों को ऑनलाईन अध्ययन-अध्यापन की घर बैठे सुविधा मुहैया कराने के बीते सवा महीने से संचालित ‘पढ़ई तुहंर दुआर‘ वेबपोर्टल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप शिक्षा विभाग ने और वृहद स्वरूप दे दिया है। इस पोर्टल में ‘आई एम द वन‘ कार्यक्रम को भी अब शामिल कर दिया गया है। जिसके जरिए स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अब विभिन्न कलाओं की भी शिक्षा दी जाएगी। बच्चे अपनी रूचि के अनुसार इस वेबपोर्टल के माध्यम से अपनी कला-प्रतिभा को भी निखार सकेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज अपने निवास कार्यालय में ‘आई एम द वन‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई इस नई पहल में स्कूली बच्चों को ग्रीष्म अवकाश में पढ़ाई के साथ ही मनोरंजक ढंग विभिन्न कलाओं को सीख सकेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘पढ़ई तुहंर दुआर‘ पोर्टल को और विस्तार देते हुए इसमें ‘आई एम द वन‘ कार्यक्रम को शामिल किया है। इस कार्यक्रम के ऑनलाईन प्रोग्राम में देश के प्रसिद्ध क्रिकेटर वीवीएस लक्षमण, फोटोग्राफर डब्बू रत्नानी, किशनगढ़ शैली के चित्रकार पद्मश्री तिलक गीताई, योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा और कोरियोग्राफर सुमीत नामदेव के दिशा-निर्देशन में स्कूली बच्चे, क्रिकेट, योग, कोरियोग्राफी, पेंटिंग, फोटोग्राफी आदि के गुर सीख सकेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कहा कि ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ वेबपोर्टल में पाठ्यपुस्तकों के अलावा अब बच्चों को मनोरंजक ढंग से विभिन्न कलाओं की शिक्षा के लिए शॉर्ट-टर्म कोर्स उपलब्ध होंगे। डॉ. टेकाम ने छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षकों, पालकों एवं बच्चों से अपील की है कि लॉकडाउन के समय और बाद में भी अपने बच्चों को नई चीजें सीखने के लिए प्रेरित करें। इससे बच्चों की रूचि, जिज्ञासा एवं बौद्धिक विकास में वृद्धि होगी।
डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि राज्य में स्कूल 20 मार्च से बंद हैं। इतनी लम्बी अवधि तक बच्चों का घर पर रहना एक बहुत मुश्किल काम है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विगत माह 7 अप्रैल को बच्चों की पढ़ाई जारी रखने ऑनलाईन व्यवस्था ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ के नाम से शुरू की गई। इस योजना के राज्य में उत्साहजनक नतीजे मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 20 लाख से अधिक बच्चे और एक लाख 80 हजार से अधिक शिक्षक इस कार्यक्रम से जुड़ गए हैं। इसके अलावा महाविद्यालयीन विद्यार्थी और प्राध्यापक भी इससे जुड़ते जा रहे हैं।
डॉ. टेकाम ने कहा कि ग्रीष्म अवकाश के दौरान बच्चों को मात्र अध्ययन-अध्यापन में व्यस्त रखना ठीक नहीं है। उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन एवं विभिन्न कौशलों को सीखने के अवसर दिया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ में इसके लिए आइडिया टेक्नोवेशन द्वारा इस अवधि में राज्य में बच्चों के लिए उनका विशेष कार्यक्रम ‘आई एम द वन’ के निःशुल्क उपयोग किए जाने का प्रस्ताव दिया है। इस कार्यक्रम में बच्चों एवं बड़ों के लिए बहुत सारे आकर्षक और उपयोगी ऑनलाईन कोर्सेस हैं, जो बहुत अच्छी गुणवत्ता के बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ‘आई एम द वन’ कार्यक्रम से सहजता से जुड़ा जा सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाईट cgschool.in (सीजीस्कूलडॉटइन) पर मोबाइल से इसमें पंजीयन कर सीधे जुड़ सकते हैं और विभिन्न कोर्सेस में से अपनी इच्छा के कोर्स में शामिल होकर सुविधानुसार निर्धारित समय में इसे पूरा कर सकते हैं।