छत्तीसगढ़

मस्तूरी ब्लाक के 25 ग्राम पंचायत क्षेत्र जिले का ऐसा क्षेत्र है…जहां चुनाव बाद आज तक कोई विधायक नेता सांसद नहीं गया। सरपंच टीम ने केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू को बुलाया अपने गांव।

मस्तूरी ब्लाक के 25 ग्राम पंचायत क्षेत्र जिले का ऐसा क्षेत्र है…जहां चुनाव बाद आज तक कोई विधायक नेता सांसद नहीं गया। सरपंच टीम ने केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू को बुलाया अपने गांव।

बिलासपुर—एक नवम्बर 2025 को छत्तीसगढ़ गठन के पूरे 25 साल हो जाएंगे। इन 25 सालों में राज्य ने तेजी से विकास किया है। पंचायती राज को मजबूती भी मिली है। लेकिन आज भी कई गांव और पंचायत इतने पिछड़े हैं..जहां विकास की रोशनी का अभी भी इंतजार है। इसी रोशनी की तलाश में मस्तूरी ब्लाक के सोन लोहर्सी क्षेत्र से आधा दर्जन सरपंच केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू से मुलाकात करने कार्यालय पहुंचे। महिला सरपंच तारा साहू समेत अन्य सरपंच ने केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू से क्षेत्र के 25 ग्राम पंचायतों के विकास का आशीर्वाद मांगा। सोन ग्राम पंचायत की महिला सरपंच तारा ने बताया कि राज्य बनने के बाद आज तक क्षेत्र के 25 ग्राम पंचायतों में किसी मंत्री,सांसद या मुख्यमंत्री का आगमन नहीं हुआ है। जिसके कारण ग्राम पंचायतों को आज भी अच्छी सड़क,नाली और शुद्ध पानी का इंतजार है। बिजली की भी व्यवस्था ठीक नहीं है। ग्राम पंचायत भवनों की हालत जर्जर है। तोखन साहू ने तत्काल आश्वासन दिया कि वह सोन लोहर्सी क्षेत्र का जरूर दौरा करेंगे। विकास की रोशनी भी लाएंगे। मस्तूरी ब्लाक के करीब 25 ग्राम पंचायत समूह क्षेत्र जिले का ऐसा क्षेत्र है…जहां चुनाव जीतने के बाद आज तक कोई सांसद नहीं गया। ऐसे में मंत्री और मुख्यमंत्री के दौरा का सवाल नहीं उठता है। इस बात की जानकारी उस समय हुई जब सोन लोहर्सी समेत आस पास के ग्रामपंचायतों के सरपंच केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू से मुलाकात करने पहुंचे।

तोखन साहू से कार्यालय पहुंचकर सरपंचों ने केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू बुके और माला से स्वागत किया। साथ ही अपने क्षेत्र में दौरान करने का न्योता दिया। सोन सरपंच तारा साहू ने इस दौरान केन्द्रीय मंत्री से अपने गांव और आस पास के ग्राम पंचायतों के लिए विकास की रोशनी का आशीर्वाद मांगा।

मंत्री,मुख्यमंत्री ही नहीं सांसद भी नही आए सोन सरपंच तारा साहू, चिस्दा सरपंच हरवंश पैकरा और सुकुरकारी सरपंच सुरेन्द्र साहू ने बताया कि हम लोग जिले के आखिरी छोर के ग्राम पंचायतों में आते हैं। इसके बाद दुसरा जिला शुरू हो जाता है। 25 साल पहले मध्यप्रदेश के समय दो एक मंत्री ने क्षेत्र का दौरा किया था। राज्य बनने के बाद हमें विश्वास था कि अब हमारा गांव तेजी से विकास करेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राज्य बनने के बाद क्षेत्र में कोई व्हीआईपी नहीं आया। चुनाव जीतने के बाद एक भी सांसद ने दौरा नहीं किया। मंत्री और मुख्यमंत्री का कभी आना ही नहीं हुआ। मंत्री सांसद और मुख्यमंत्री का आशीर्वाद नहीं मिलते से हम लोग विकास की दौड़ में बहुत पीछे छूट गए।

सरपंच तारा ने दिया केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू को न्योता। सोन सरपंच तारा साहू ने खुशी जाहिर करते हुए कहा तोखन साहू से कहा कि बिलासपुर को पहली बार केन्द्रीय मंत्री का तोहफा मिला है। हम लोग आज केन्द्रीय मंत्री को अपने गांव बुलाने का न्यौता देने आए है। केन्द्रीय मंत्री के आने से शासन प्रशासन की नजर हमारे क्षेत्र के 25 ग्राम पंचायतों की तरफ जाएगी। इसके बाद मंत्री के आशीर्वाद से गांव का तेजी से विकास होगा। तारा ने कहा कि वह सोन ग्राम पंचायत की जनता ने विश्वास के साथ पहली बार महिला सरपंच का चुनाव किया है। मैं विश्वास दिलायी हूं कि केन्द्रीय मंत्री को अपने क्षेत्र में लाउंगी। इसलिए समय निकालकर ना केवल सोन, लोहर्सी, चिस्दा का दौरा करें। बल्कि क्षेत्र के 25 ग्राम पंचायतों का भी भ्रमण करें

सरपंच तारा साहू ने जानकारी दिया कि सोन लोहर्सी क्षेत्र में करीब 25 ग्राम पंचायत है। विकास की रोशनी बिलासपुर से चलकर मस्तूरी के बाद पचपेढ़ी तक आकर खत्म हो जाती है। जबकि हमारा क्षेत्र विकास की रोशनी से चूक जाता है। हम चाहते हैं कि ग्राम पंचायत का एक बार दौरा जरूर करें।

मंत्री ने महिला सरपंच के जज्बे को सराहा

सरपंचों से मुलाकात कर केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू ने खुशी जाहिर की। खासकर सोन ग्राम पंचायत महिला सरपंच के जज्बे को जमकर सराहा। तोखन साहू ने कहा कि 25 ग्राम पंचायतों का जरूर दौरा करेंगे। रही बात विकास की तो रोशनी जरूर पहंचेगी। मुझे अच्छा लगेगा अपने भाई बहनों के बीच पहुंचकर। तोखन साहू ने बताया कि तिहार अभियान के दौरान या बाद सभी ग्राम पंचायत क्षेत्रों का जरूर दौरा करूंगा।

विकास से कोसों दूर ग्राम पंचायत

सरपंचों ने बताया कि बिलासपुर का दूरस्थ 25 ग्राम पंचायतों को सांसद और मंत्री का आशीर्वाद बहुत जरूरी है। यहां के लोग बहुत परेशान हैं। मुख्य मार्ग से लगे ग्राम पंचायतों की हालत थोड़ी बहुत ठीक है। लेकिन दूरस्थ ग्राम पंचायतों की आधारभूत सरंचना बहुत ही जर्जर है। इन प्रमुख ग्राम पंचायतों का नाम सोन, लोहर्सी, चिस्दा, सुकुलकारी, जोंधरा, केवटाडीह, चिल्हाटी, बसंतपुर, अमलडीहा, कुकुरदा, गोपालपुर, परसोड़ी, शिव टिकारी, मनवां, बहतरा, भतचौरा, बोहारडीह, विद्याडीह टांगर, केवटाडीह टांगर, भिलौनी और भुरकुण्डा प्रमुख हैं।

सरपंचों ने बताया गांव का दुखड़ा

सरपंच तारा साहू, हरबंश पैकरा और सुरेन्द्र साहू ने बताया कि हमारे गांव में सड़क का निशान मात्र रह गया है। बरसात में चलना मुश्किल हो जाता है। तालाबों की हालत बहुत खराब है। स्वास्थ्य सेवाएं बदतर हैं..बाजार की स्थिति अच्छी नहीं है। दिन रात हाइवा से रेत का परिवहन होता है। इसके चलते मुख्य सड़क पर पैदल चलना दुश्वार हो गया है। सड़क के नाम पर गड्ढा ही गड़्ढा है। ग्रामीण क्षेत्र मे एतिहासिक मंदिर और ईमारत है। विकास और संरक्षण के अभाव धीरे धीरे वजूद खोते जा रहे हैं।

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