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क्या आपके पास आया मैसेज कि हेलिकॉप्टर से पैसा गिराएगी सरकार! जानें क्या है इसका सच | Did you get the message that the government will drop money by helicopter Know what is its truth | nation – News in Hindi

क्या आपके पास आया मैसेज कि हेलिकॉप्टर से पैसा गिराएगी सरकार! जानें क्या है इसका सच

सोशल मीडिया (Social Media) पर मैसेज वायरल हो रहा है कि सरकार हेलिकॉप्टर से पैसा गिराएगा लेकिन इसका सच क्या है आप जानते हैं?

नई दिल्ली. सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों एक खबर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि सरकार हेलिकॉप्टर से पैसा गिराएगी. सोशल मीडिया पर चल रहे इस दावे पर PIB ने  फैक्ट चेक किया. एक टीवी फुटेज के स्क्रीनशॉट के जरिए यह झूठ फैलाया जा रहा है कि सरकार हेलिकॉप्टर के जरिए पैसा गिराएगी. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्ट चेक विंग ने कहा है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा यह दावा झूठा है और सरकार ऐसा कुछ नहीं करने जा रही है.

दरअसल तेलंगाना के मुख्मंत्री के सी राव ने कहा था कि हेलीकॉप्टर मनी (Helicopter Money) के इस्तेमाल से राज्यों को मौजूदा संकट से उबरने में मदद मिलेगी. राव ने मांग की कि जीडीपी का 5 फीसदी फंड क्वांटिटेटिव इजिंग (Quantitaviv Easing) के तहत जारी कर देना चाहिए. क्वांटिटेटिव इजिंग एक ऐसी नीति है, जिसे दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं अपनाती हैं. इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए यही एक कारगर तरीका माना जाता है.

राव ने कहा, ‘आर्थिक संकट से उबरने के लिए हमें रणनीतिक आर्थिक नीति की जरूरत है. RBI को क्वांटिटेटिव इजिंग पॉलिसी को लागू करना चाहिए. इसे हेलीकॉप्टर मनी कहते हैं. इससे राज्यों और वित्तीय सं​स्थानों के पास पर्याप्त फंड मिलेगा और इस संकट से ​निकल सकते हैं.’

क्यों उड़ने लगी हेलिकॉप्टर मनी की अफवाह?
इसके बाद से ही यह अफवाह उ़ड़ने लगी कि सरकार हेलिकॉप्टर से पैसा गिराएगी. बता दें बीते दिनों सरकार की ओर से आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने पर के लिए हेलिकॉप्टर मनी छापा जाएगा. इसका मतलब है कि हेलिकॉप्टर मनी की व्यवस्था के तहत केंद्रीय बैंक सरकार को ऐसे रकम जारी करती है, जिसका पुनर्भुगतान नहीं करना होता है. इसके जरिये आम लोगों के हाथ में अधिक पैसा पहुंचाया जाता है ताकि वो अपना खर्च बढ़ाएं और इससे अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिल सके.

हेलीकॉप्टर मनी मौद्रिक नीति का एक अपरंपरागत टूल है, जिसके जरिये अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाया जाता है. इसके तहत बड़े स्तर पर पैसों की छपाई की जाती है और आम लोगों तक इसे पहुंचाया जाता है. सबसे पहले इस शब्द का इस्तेमाल अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्रेडमैन ने किया था.

फ्रेडमैन ने इसको लेकर कहा था कि अर्थव्यवस्था में अचानक पैसे बढ़ा देने से सुस्ती से निजात मिलेगी और ग्रोथ में तेजी आएगी. इस तरह की नीति के तहत, केंद्रीय बैंक सरकार के जरिये पैसों की सप्लाई बढ़ा देता है और लोगों तक नया कैश पहुंचाता है. इससे उत्पादों की मांग में इजाफा होता है और मुद्रास्फीति भी बढ़ती है.

 

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First published: April 16, 2020, 2:27 PM IST



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