Uncategorized

नपा चुनाव कवर्धा खाश विश्लेषण-विजय धृतलहरे

सबका संदेश सम्पदाक अभिताब नामदेव 7580804100

कवर्धा पालिका के समान्य वार्ड कुल 11 है ! जिसमें अनेक वार्ड में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा ! जिसमे सबसे खास कवर्धा पालिका के लिऐ चर्चा का विषय है वार्ड क्रमांक 3 ,6,16,22,23,24,इसमे भी रोचक दंतेश्वरी वार्ड क्रंमाक 16 है ! जो पुरा छत्तीसगढ राज्य के लिऐ रोचक साबित होगी ! इस वार्ड में इस बार कांग्रेस और भाजपा अपनी हकिकत का परिचय आम मतदाता को कराया है ! दर असल दोनो दल को मतदाता समझना चाहे तो कही न जाये कवर्धा पालिका के वार्ड 16 पार्षद के जारी टिकट सूची देख ले !दोनो पार्टी के आयडोलाजी (बेसिक निती ) समझा जा सकता है ! भाजपा ने ऊसी वार्ड के मुल निवासी मतदाता के बीच रहने वाले समान्य ब्यक्ति को ऊनका पार्षद का टिकिट दिया है !तो कांग्रेस अपना इतिहास को बरकरार रखते हुऐ दंतेश्वरी वार्ड से कोई वास्ता नही रखने वाले मुलनिवास औरंगाबाद बिहार के शराब ठेकेदार अशोक सिंह जिसके पास मास्क पावर ,मसल पावर ,मनी पावर, से लवरेज जो आम मतदाता से कोई वास्ता न हो–? बस ताकत से शौहरत बटोरने वाले को पार्षद का टिकिट दिया है ! और वर्षो से उस वार्ड के कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के वफादारी को नकारा है ?

अब बात है! हार जीत की तो यह कोई बडी बात नही है ! कवर्धा जिला के मतदाता का इतिहास देखें, तो अनेक चुनाव में बाहरी प्रत्याशी को कई बार भारी मतो से जीत दिलाऐ है ! इस बार भी दंतेश्वरी वार्ड में शराब ठेकेदार जीत जायेगा कोई बडी बात नही है !लेकिन जनता अब जागरूक हो रही है.यह बडी बात है प्रजातंत्र के प्रहरी बने पार्टी का निती और नियत ,की ! यह जैसे अनेक घटना याद दिलाता है !संविधान रचैता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और महात्मागांधी के विचार युद्ध की ! दरअसल भारत जब आजाद हुई तो सवाल था ? यहा के सरकार चलाने वाले कौन होना चाहिऐ ? इस बात पर बाबासाहेब और महात्मा गांधी पर ठन गई !गांधी चाहते थे भारत के वो नागरिक जिसके पास कम से कम 10एकड भुमी हो और मैट्रीक तक पढा लिखा हो वो ही मतदाता बन सकता है!और चुनाव लड सकता है !जबकी अंबेडकर चाहते थे भारत के मुलनिवासी से तो जमीन जायदाद और शिक्षा दोनो छिन ली गई है !यहा के मुल निवासी को शुद्र बनाकर शिक्षा से वंचित कर दिया गया है! और शिक्ष ग्रहण करने का अधिकार ही नही है ! और जमिन तो लुटेरे लूट कर मुलनिवासी को गरिब और दिन हिन बना दिये है ! और लुटेरे धनवान बन बैठे है !इस स्थिती में भारत के 85% लोग है !तो अजादी का क्या फायदा रहेगा इनके लिऐ ? इसलिऐ बाबा साहेब अडे रहे भारत के सरकार चलाने वाले और मतदाता दोनो यहा के आम नागरिक हो! बस पागल, सजा प्राप्त अपराधी न हो ,बल्के जिन्हे जादा सताया गया हो जो जुल्म का शिकार जादा हुऐ हो और ऊस वक्त ऊन्हे समाज से अलग थलक कर अछूतो के श्रेडी में रखें हो ऊन्हे अतिरिक्त अधिकार देने की वकालत की! तो गांधी बिफर गये और अनशंन में चले गये यरवदा जेल में लगातार कई दिन भुखहडताल में चले गये ! देश में गांधी समर्थक परेशान हो रहे थे गांधी की तबीयत बिगडने लगी थी !बाबासाहेब को दबाव होने लगा गांधी समर्थक आंदोलित और आक्रोशित होने लगे तो बाबा साहेब भारी मन से पुना पैक्ट समझौता किया और गांधी का ऊपवास यरवदा जेल जाकर तोडवाऐ !तो देश में गांधी समर्थको का आक्रोश समाप्त हुआ !अब पुना पैक्ट में समझौता क्या हुआ है ?बाबा साहेब अपना तमाम शर्तो में से एक शर्त को बस हटाने में राजी हुऐ वो था सताऐ हुऐ लोगो को एक मत का अधिकार अतिरिक्त देने को बस वापिस लेने में सहमत हुऐ पर और किसी भी अपनी शर्त पर समझौता नही किया है !

पर आज भी गांधी के विचार जो सरकार चलाने वाले पर है ऊसे पालन करने वाले लोग सरकार चलाने का अवसर खास लोगो को ही देते है !ये कवर्धा पालिका के पार्टी टिकिट वार्ड क्रंमाक 16 ने बता दिया है ! अब जनता इनकी थोपी  फैसले को  मानकर वोट देती है या जनता इनको करारी मात देकर अपना बहुमुल्य वोट की ताकत दिखएगी ये फैसला उस वार्ड के जागरूक जनता को करना है।

विजय धृतलहरे

Related Articles

Back to top button