मानसून का पैगाम लेकर आए प्रवासी पक्षी लौट रहे स्वदेश, कनकेश्वर धाम से जुड़ा इतिहास
कोरबाः ठंड की दस्तक देते ही प्रवासी पक्षी कनकी से अपने बच्चों के साथ मीलों का सफर पूरा कर स्वदेश लौटने लगे हैं. यह प्रवासी पक्षी, एशियन बिल ओपन स्टॉर्क, कोरबा जिले के कनकेश्वर धाम को अपने प्रवास का सबसे प्रिय स्थान मानते हैं और यहां प्रजनन के लिए आते हैं. इन पक्षियों का आगमन मई महीने के अंतिम सप्ताह में होता है.भगवान शिव की आराधना के लिए प्रख्यात कनकेश्वर धाम में पक्षियों का आगमन शिव की आराधना से जुड़ा हुआ है. ग्रामीण इन पक्षियों को आस्था से जोड़कर देखते हैं. बरसात की शुरूआत में इनका आगमन होने के करण इन्हें मानसून का सूचक भी माना जाता है. अब ठंड की शुरुआत होते ही पक्षी वापस लौटने लगे हैं.एक पेड़ पर 40 से 50 घोसले
यह पक्षी घोंसले इमली, बरगद, पीपल, बबूल, और बांस के पेड़ों पर बनाते हैं. स्टार्क पक्षी की संख्या 10 से 20 हजार तक हो सकती है, और इनके घरों की संख्या एक पेड़ पर 40 से 50 तक हो सकती है. प्रत्येक घर में चार से पांच अंडे होते हैं, और सितंबर के अंत तक ये चूजे विकसित होकर उड़ान भर सकते हैं. घरों का स्थान प्रतिवर्ष निश्चित होता है, और जोड़ा हमेशा एक ही स्थान पर घर बनाता है. यह पक्षी दक्षिण पूर्व एशिया, श्रीलंका, और दक्षिण भारत में पाया जाता है, और किसानों के लिए कीटों को खाता है, जिससे फसलों को नुकसान होते हुए बचाया जा सकता है.ग्रामीणों ने जताई ये उम्मीद
मानसून का पैगाम लेकर मई महीने में कोरबा पहुंचे यह पक्षी अब अपने स्वदेश लौट रहे हैं. ग्रामीणों को आने वाले वर्ष में फिर से इनका इंतजार रहेगा. आने वाले वर्ष में फिर से एक बार यह पक्षी अच्छी मानसून का पैगाम लेकर कोरबा के कनकेश्वर धाम पहुंचेंगे, यहां के ग्रामीणों को ऐसी उम्मीद है.