छत्तीसगढ़

भ्रष्टाचार के मामले में शैलेश पांडे एवं अन्य के विरुद्ध कार्यवाही शीघ्र? कोर्ट के निर्देश के बावजूद दबाव में पुलिस ने नहीं पेश किया चालान। सूचना के अधिकार में आवेदन लगा पुलिस अधीक्षक से याचिकाकर्ताओं ने माँगी जानकारी।

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
मो.- 9691444583
Smart City bilaspur…
समग्र ब्राम्हण समाज के सर्वश्री राजेश मिश्रा, संतोष शर्मा, प्रवीण दुबे, अदित्य तिवारी, आशीष शुक्ला, मनोज मिश्रा, चंद्रभूषण शुक्ला, प्रसुन्न चतुर्वेदी, राजेश पांडे, प्रकाश त्रिवेदी सहित मानिकपुरी समाज के प्रतिनिधियों ने अपने जारी किये गए बयान में कहा है कि, प्रमेन्द्र मानिकपुरी के द्वारा फर्जी डिग्री के गोरख धंधे में 2018 में कोटा थाने में दर्ज प्रकरण में अगस्त 2023 में उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद भी रिट याचिकाओं मे पारित आदेशों का पालन नहीं कराया जा रहा है।
शासन के अधिवक्ता के अतिरिकत समय की मांग को दंड प्रक्रिया सं.173(2) के अंतर्गत चालान प्रस्तुत किए जाने हेतु आठ माह की समयावधि बीत जाने के बाद भी पुलिस अधीक्षक के द्वारा भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम के अंतर्गत जॉंच रिपोर्ट प्रस्तुत नही की गई है।
2018 में कोटा थाने में प्रमेन्द्र मानिकपुरी के द्वारा शैलेश पाण्डेय एवं अन्य के विरूद्ध फर्जीबाड़े का मामला दर्ज कराया। पुलिस में दर्ज अपराध के संदर्भ में हाईकोर्ट का पॉंच साल का वाद चला। बिलासपुर जिले के प्रमेन्द्र मानिकपुरी के थाना प्रभारी के नाम लिखित आवेदन पर कोटा थाने में 14 जून 2018 को भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(डी)(ii) के तहत मामला दर्ज किया गया।
बिलासपुर के कोटा जिले में स्थित सी.वी.रमन यूनिवर्सिटी आईसेक्ट यूजीसी एवं दुरस्थ शिक्षा ब्यूरो के नियमों का लगातार उल्लंघन करते हुए गैर कानूनी ढंग से उच्च शिक्षा से संबंधित पी.जी.डी.सी.ए., डी.सी.ए., बी.कॉम., एम.कॉम., एम.एस.सी., एम.सी.ए. आदि कई कोर्स यू.जी.सी. के नार्म्स के विपरीत तय अधिकारिता क्षेत्र के बाहर जाकर अन्य राज्यों में बिना यू.जी.सी. के अनुमति के कई सेंटर का संचालन किया जा रहा है।
बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में सी.वी.रमन. विश्वविद्यालय आई.सेक्ट के अंतर्गत संचालित है। दूरस्थ शिक्षण ब्यूरो के द्वारा उसे कैम्पस के अंदर ही संचालित उच्च शिक्षा से संबंधित विभिन्न कोर्सों को संचालित करने की अनुमति है जबकि छत्तीसगढ़ राज्य भारत के अन्य राज्यों के गली एवं मोहल्लों में हजारों की संख्या में प्राईवेट सेंटर खोलकर विश्वविद्यालय के माध्यम से विद्यार्थियों से मोटी रकम ली जा रही है।
निजी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पूर्व कुल सचिव शैलेश पाण्डेय एवं अन्य झांसेबाजी के बड़े रैकेट को अंजाम दे रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने WPCR- 407-2018, WPCR- 434-2018, WPCR- 435-2018, WPCR- 479- 2018 अंतर्गत दर्ज क्रिमिनल केश में 04.08.2023 को याचिकाकर्ता द्वारा दर्ज मामले पर फैसला देते हुए उच्च न्यायालय की युगल पीठ ने पुलिस अधीक्षक बिलासपुर एवं इनवेस्टिगेशन ऑफिसर को CRPC 173 (2) के अंतर्गत विधि के अनुसार सक्षम न्यायालय के समक्ष मामले में रिपोर्ट तलब करते हुए।
पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को इनवेस्टिगेशन की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी देते हुए आठ सप्ताह का समय दिया एवं आरोपियों को पुलिस की जॉंच में सहयोग प्रदान करने पर अंतरिम राहत की अनुमति दी गई। पारित आदेश के आठ सप्ताह बीत जाने के बावजूद पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के द्वारा मामले में समयावधि बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की निष्कर्षात्मक रिपोर्ट नही दी गई है।
चालान भी प्रस्तुत नहीं किए गए हैं, उल्टे आरोपी पूर्व कुलसचिव शैलेश पाण्डेय चुनावों में हिस्सा ले रहे हैं। मालूम होता है कि पुलिस द्वारा जानबूझकर राज्य सरकार के दबाव में पॉंच साल तक मामले को दबाए रखा और शासकीय अधिवक्ता अतिरिक्त समय की मांग की जाती रही। मामले में हालिया आदेश में जारी स्पष्ट निर्देश के बावजूद भी अंतिम रिपोर्ट सबमिट नही की जा रही है। याचिकाकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही के लिए संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
प्रमेन्द्र मानिकपुरी एवं अन्य ने हो रहे अन्याय के विरूद्ध भाजपा पदाधिकारियों को अवगत कराया एवं उनके साथ पुलिस अधीक्षक से इस विषय पर आवश्यक चर्चा की।
सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्रभावित डेरहा राम पटेल एवं अन्य ने पुलिस कार्यालय से CRPC की धारा के अंतर्गत दर्ज मामले में शासन द्वारा की जानकारी मांगी है।
शनीचरी क्षेत्र के एक व्यापारी जिनका व्यापार रातोंरात शैलेश पांडे की अनदेखी से प्रभावित हुआ। उन्होने पुलिस अधीक्षक को जन सूचना अधिकार के तहत भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में शैलेश पांडे के विरुद्ध लंबित कार्यवाही के संबंध में जानकारी हेतु गुहार की है कि युवा पीढ़ी को बर्बाद करने वाले ऐसे लोग जन सेवक का चोला ओढ़कर खुलेआम लोगों को ठग रहे हैं। दुर्भाग्य है कि कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका, लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ, पत्रकारिता जगत को भी उक्त व्यक्ति कि सारी असलियत जानते हुए भी मौन साधे हुए हैं।
वास्तव में जिन्हे जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए वे चुनाव के मैदान मे है, जनता से खुलेआम जालसाजी कर रहे हैं।
शैलेश पांडे जो तखतपुर विधानसभा के निवासी हैं, उनके विरुद्ध कोटा थाने में पदीय कर्तव्यों के भ्रष्टाचार के मामले में अपराध क्रमांक 247/2018 के अलावा तोरवा थाने में अपराध क्रमांक 200/2018 सिविल लाइन थाने में दो FIR क्रमांक 229/2020 एवं 806/2020 के तहत महामारी के समय भीड़ इकट्ठा कर लोगों की जान माल के साथ खिलवाड़ करना।
भारतीय दंड संहिता कि विभिन्न धारा 269, 188, 147, 148, 186, 353, 294 CRPC के धारा 107, 116, 151 एवं तोरवा थाने में रेल अधिनियम कि धारा 174 (ए) और 147 के अंतर्गत अलग-अलग मामलों मे FIR दर्ज है।

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