बीएसपी ने भिलाई टाउनशिप में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की सुनिश्चित , BSP ensured supply of clean drinking water in Bhilai township

पेयजल की शुद्धता पर एनएबीएल ने भी लगाई मुहर
भिलाई। विगत एक सप्ताह से भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा भिलाई टाउनशिप में की जा रही जलापूर्ति अपने मानक स्तर पर आ चुकी है। टाउनशिप को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से प्रदत्त पेयजल का रंग बिल्कुल साफ हो चुका है। पानी के मटमैलापन की समस्या समाप्त हो चुकी है। विगत एक सप्ताह से पेयजल के ट्रीटमेंट हेतु नवनियुक्त कंपनी मेसर्स आयन एक्सचेंज एजेंसी द्वारा नई विधि व नए केमिकल से डोजिंग कर पेयजल को शुद्ध करने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। इसके चलते इसके बेहतर परिणाम दिखाई देने लगे है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में प्रतिदिन किये गये जांच रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट हो गई है कि पेयजल के रंगीन होने की समस्या समाप्त हो चुकी है। भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने ट्रीटेड वाटर की नेशनल एक्रेडीशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेब्रोटरीस (एनएबीएल) से प्रमाणित डिस्ट्रिक्ट वाटर टेस्टिंग लेब्रोटरी, पीएचई डीविजन, दुर्ग से भी जांच कराई लगातार तीन दिनों तक किये गये जांच में बीएसपी का पेयजल निर्धारित मानकों के भीतर पाया गया।
जल शोधन हेतु आधुनिक तरीके से की जा रही है केमिकल डोजिंग
भिलाई इस्पात संयंत्र ने मरोदा स्थित जल शोधन संयंत्र के रॉ वाटर को एलम शोधन के साथ साथ मेसर्स आयन एक्सचेंज एजेंसी द्वारा गत 13 अगस्त से अपने केमिकल डोजिंग से नई विधि द्वारा उपचारित करने का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। इस विधि के तहत प्रत्येक एक घंटे में पानी की शुद्धता की जांच की जाती है और 24बाई 7 सिस्टम की सतत निगरानी की जा रही है। आधुनिक तरीके से केमिकल डोजिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया है। 14 अगस्त को पहले ही दिन के केमिकल डोजिंग से अच्छे परिणाम दिखाई दिए हैं। वर्तमान में विभिन्न मानकों की प्रतिदिन जांच की जा रही है। जिसके आंकड़े बेहद ही सुकून देने वाले साबित हुए हैं।
नये विधि से जल उपचार
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के वरिष्ठ प्रबंधक वी एस राय ने नई विधि के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में टेंडर के माध्यम से केमिकल डोजिंग के माध्यम उपचारित करने का कार्य मेसर्स आयन एक्सचेंज एजेंसी को दिया गया है जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। कंपनी ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जलषोधन हेतु पूरा सेटअप का निर्माण किया है। इन्होंने डोजिंग हेतु ग्रेविटी मैथड का उपयोग न करते हुए पम्प के माध्यम से नियमित, नियंत्रित और सही मात्रा में डोजिंग की जा रही है। इनके द्वारा इस हेतु 3 प्रकार के केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है। जिसमें एक पाउडर व दो लिक्विड केमिकल शामिल हैं। पाउडर को एक ड्रम में मिक्स करके एजीटेटर चलाकर होमोजीनियस साल्यूषन तैयार किया जाता है और इसका पम्प के माध्यम से एक निष्चित मात्रा में निरन्तर डोंजिग की जाती है। इसी प्रकार दो लिक्विड केमिकल्स को भी डायल्यूट कर एजीटेट करते हुए पम्प के माध्यम से डोजिंग की जा रही है। इसके अतिरिक्त स्टीलिंग चेम्बर्स से लगे हुए वाटर चैनल में वैफल प्लेट लगाये गये हैं। जिससे पानी का रिटेंषन पिरीयड बढ़ जाता है और शुद्धिकरण में बेहतर परिणाम मिलते हैं।