छत्तीसगढ़

ग्राम पंचायत की मनमानी के कारण गांव में भारी आक्रोश सरपंच का कहना है जो करना है कर लो,,

नंदिनी अहिवारा से राकेश जसपाल,,,,,,,,,

राशन कार्ड नवीनीकरण के नाम पर ग्रामीणों से चल रही अवैध वसूली।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में लोगों से राशन कार्ड सत्यापन के नाम पर अवैध वसूली करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है । दुर्ग जिले के बोड़ेगांव के ग्रामीणों ग्राम पंचायत सरपंच पर अपनी मनमानी चलने का आरोप लगाया है । जिसको लेकर आज ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर ग्राम पंचायत कार्यालय के बाहर हल्ला बोल दिया !

ग्रामीणों के अनुसार पंचायत सरपंच के द्वारा फरमान जारी करने के बाद ग्रामीणों से राशन कार्ड नवीनीकरण के नाम पर मनमाने तरीके से अवैध वसूली की जा रही हैं । दुर्ग जिले के दुर्ग विकासखंड अंतर्गत आने वाले बोड़ेगांव में पंचायत के फरमान के आगे गांव के भोले-भाले ग्रामीण बेबस और मजबूर हो गए हैं।

दुर्ग जिले के दुर्ग जनपद क्षेत्र के बोड़ेगांव के ग्रामीणों के साथ एक तरह का छलावा किया जा रहा है। पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि गांव के ग्राम पंचायत में राशन कार्ड का नवीनीकरण कराने का काम रहा हैं। कार्ड सत्यापन के नाम पर ग्रामीणों से बाकायदा 100 रुपए की राशि ली जा रही है। और मकान टैक्स के रूप में 200 रुपए और तो और अगर एक घर मे चार राशनकार्ड हैं । तो एक मकान का चार बार टैक्स वसूल किया जा रहा । लेकिन उस राशि के बदले ग्रामीणों को जो रसीद दी जा रही है। उसको लेकर भी ग्राम पंचायत पर गंभीर सवाल उठ रहे है क्योकि रसीद में न कार्यालय सील हैं न सचिव,सरपंच के हस्ताक्षर ।

वहीं,ग्रामीणों की माने तो राशन कार्ड सत्यापन के लिए पंचायत कार्यालय में आते हैं, लेकिन यहां बैठे सरपंच ग्रामीणों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे राशन कार्ड नवीनीकरण के नाम पर 100 रुपए शुल्क ले रहे हैं । ग्रामीणों का कहना है कि कानून में ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि राशनकार्ड नवीनीकरण का कोई शुल्क लिया जाए ।  जब ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच से पैसे की वसूलीं को लेकर सवाल पूछा जाता है  तो सरपंच का गोलमोल जवाब ग्रामीणों की समझ से परे नजर आता है सरपंच जवाब में कभी कहती हैं कि उन्हें ऊपर से आदेश है। कभी कहती हैं की  मै सरपंच हु मै अपनी मर्जी से ले रही हूँ आप लोग जाओ जिससे शिकायत करना है करो, जिसके पास जाना है जाओ, जो करना है कर लो, जिसको फोन बुलाना हैं। बुला लो ।

जब इस मामले को लेकर हमारे संवाददाता ने ग्राम पंचायत सचिव से फोन कर जानकारी लेनी चाही तो ग्राम पंचायत सचिव कहना था कि उनकी कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, इस पुरे मामले में मुझे किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है !

जब इस मामले को लेकर दुर्ग जनपद पंचायत सीइओ से फोन के माध्यम से बात की गई तो उन्होंने भी इस मामले से अन्भिगनता जताते हुए, मामले में जांच किये जाने की बात कही है !

अब ऐसे में बड़ा सवाल है कि ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत को दुबारा से वही सरपंच चुन कर दिया, कि सरपंच ग्राम पंचायत क्षेत्र का विकास करेगा लेकिन ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पंचायत सरपंच तो दादागिरी से ग्रामीणों का ही शोषण करने पर उतारू है,

सही मायने में देखा जाए तो सरपंच पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए है, जहा अवैध वसूलीं की बात है तो वही फर्जी रसीद की भी बात ग्रामीणों ने साझा की है, इस मामले में दुर्ग जनपद सीईओ और जिला कलेक्टर को चाहिए कि मामले में बिना देरी किये संज्ञान ले और मामले की तह तक जाए, नहीं तो ग्रामीणों के आक्रोश को देखते किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता !

 

 

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