पीठासीन अधिकारी एवं मतदान दलों को प्रशिक्षण

दुर्ग। लोकसभा निर्वाचन 2019 के अंतर्गत निर्वाचन कार्य के लिए नियुक्त पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान दल क्रमांक 1, 2 और 3 को मंगलवार को रिसाली भिलाई देल्ही पब्ल्कि स्कूल में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनरों ने अधिकारियों को निर्वाचन कार्य के दौरान उनके दायित्वोंए कत्र्तव्यों की जानकारी के साथ.साथ बरती जाने वाली सावधानियों की विस्तृत जानकारी दी। पीठासीन अधिकारी को अपने मतदान केन्द्र पर स्वतंत्रए निष्पक्ष निर्वाचन कार्य संपन्न कराने के निर्देश दिए गए हैं। मतदान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही होने की स्थिति में पूरी जवाबदारी तय की जाएगी। उन्हें ईण्व्हीण्एमण् कंट्रोलए यूनिट की अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर संतुष्ट हो जाने पर निर्वाचन कार्य को सुचारू रूप से प्रारंभ करने कहा गया है। ईव्हीएम की जांच के दौरान यह सुनिश्चित करने कहा गया है कि जिस मतदान केन्द्र के लिए बैलेट यूनिट जारी किया गया है। वहीं बैलेट यूनिट संबंधित मतदान केन्द्र के पीठासीन अधिकारी को वितरित हुआ है। पीठासीन अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि निर्धारित समय पर मतदान आरंभ हो और पुरूषों तथा महिलाओं की अलग.अलग कतारें लगाने की व्यवस्था करेगा। पीठासीन अधिकारी द्वारा समय.समय पर ईव्हीएम में दर्ज मतो के योग का मतदाता रजिस्टर में दर्ज मतों से मिलान करता रहेगा। पीठासीन अधिकारी प्रत्येक दो.दो घंटे में डाले गए मतों की संख्यात्मक रिपोर्ट जोनल एवं सेक्टर अधिकारी को देगा।
व्हीव्हीपैट मशीन की स्थिति सीरियल नंबर, आरओ द्वारा एड्रेस किया हुआ टैग आरओ द्वारा किया गया। मुहरबंद लिफाफा इत्यादि का अच्छी से जांच करने कहा गया है। परिवहन के दौरान व्हीव्ही पैट को लॉक की स्थिति में रखने है। मतदान दिवस के अवसर पर उपयोग में आने वाली सभी प्रकार की सामग्रियां जैसे मतदाता रजिस्टर, मतदाता पर्ची, निर्वाचक नामावली की प्रतिलिपियां, स्ट्रीट सील, स्पेशल टैक, अमिट्स स्याही प्लास्टिक कंटेनर, ब्लैक लिफाफा जैसे अनिवार्य सामग्री को निश्चित रूप से अपने मतदान केन्द्र पर रखने कहा गया है। मतदान अधिकारियों को मतदान के एक दिन पूर्व की जाने वाली कत्र्तव्यों की विस्तार से जानकारी दी गई। मतदान दलों को मतदान दिवस के एक दिन पूर्व उपस्थित होकर सभी आवश्यक व्यवस्था से वाकिफ हो जाने कहा गया है। मतदान केन्द्र में पर्याप्त रोशनीए बैठक व्यवस्थाए मतदान के लिए गोपनीय कक्ष सुनिश्चित करने मतदान केन्द्र में मतदान के एक दिन पूर्व अथवा मॉकपोल के पूर्व ईण्व्हीण्एमण् मशीन और व्हीण्व्हीण् पैट मशीन को आपस में कनेक्ट नहीं करनेए जांच या आभास नहीं करने की जानकारी दी गई है।
मतदान दिवस पर मतदान प्रारंभ होने के पूर्व मतदान दलों को मतदान केन्द्र में कम से कम 75 मिनट पूर्व उपस्थिति सुनिश्चित कर लेने के निर्देश दिए हैं। मतदान प्रारंभ होने के पूर्व मतदान अभिकर्ता से नियुक्ति पत्र को प्राप्त कर अपने आप रखने, नियुक्ति पत्र को सुरक्षित रखते हुए मतदान के पश्चात् अन्य दस्तावेजों के साथ आरओ को भेजने, निर्धारित मतदान समय से एक घंटा पूर्व पोलिंग एजेंट्स की उपस्थिति में मॉकपोल का कार्य करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दिया गया। मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर किसी भी प्रकार का प्रचार.प्रसार किया जानाए पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। 200 मीटर के भीतर किसी अभ्यर्थी का निर्वाचन बूथ स्थापित नहीं किया जा सकेगा। मतदान केन्द्र के बाहर मतदान क्षेत्र को प्रदर्शित करने के संबंध में नोटिस लगाया जाएगा। ईण्व्हीण्एमण् से मतदान कराने की विधिवत् प्रक्रियाए मशीन के सिलिंग करनेए वोटिंग करने एवं वोटिंग के पश्चात् मशीन के सिलिंग के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। अधिकारियों को निर्वाचन कार्य के लिए सौंपे गये दायित्वों का निर्वहन बेहद सावधानी और गम्भीरता से करने के निर्देश दिए। प्रशिक्षण के दौरान बताई जा रही सभी निर्देशों और बारीकियों को भली.भांति समझ कर प्रयोग के तौर पर मशीन का संचालनए वोटिंग करने के तरीके से रू.ब.रू कराया गया।
मतदान दिवस पर मतदान अधिकारियों का दायित्व
मतदान अधिकारी क्रमांक.1 के द्वारा मतदान के लिए प्रयुक्त निर्वाचक नामावली की चिन्हित प्रति का प्रभारी होगा। मतदान केन्द्र पर उपस्थित प्रत्येक मतदाता की पहचान के लिए जिम्मेदार होगा। मतदाता की पहचान एवं सत्यापित करेगा। पहचान होने पर नामावली में उसका सरल क्रमांक तथा उसका नाम का उल्लेख करेगा। मतदाता सूची में प्रत्येक मतदाता के नाम को रेखांकित करेगा। यदि मतदाता महिला है तो उसके सरल क्रमंाक को टिक करेगा। मतदान केन्द्र में पुरूष एवं महिला मतदाताओं की कुल संख्या का अलग.अलग हिसाब रखेगा। कितने मतदाताओं के द्वारा ईपिकध्वोटर स्लीप का उपयोग किया गया है एवं कितने मतदाताओं ने अन्य प्रमाण पत्र का उपयोग किया हैए इसका भी अभिलेख तैयार करेगा। विषम परिस्थितियों में पीठासीन अधिकारी की अनुपस्थिति में उसके दायित्व का निर्वहन भी करेगा।