गणतंत्र दिवस पर कथित किसानों द्वारा राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान व हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण:- सुमित पटवा[ABVP

गौरेला पेंड्रा मरवाही
*गणतंत्र दिवस पर कथित किसानों द्वारा राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान व हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण:- सुमित पटवा[ABVP]
राष्ट्रीय पर्व पर कथित किसान आंदोलनकारियों के द्वारा दिल्ली में लालकिला प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज वाले स्थान सहित अलग अलग गुमब्दों पर कथित किसान संगठन के नाम पर खलिस्तानी, अलगाववादी झंडा फहराने के अक्षम्य अपराध, हिंसा, पुलिस पर हमले जैसी घटनाओं की मै कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ ।
26जनवरी की सुबह जब भारतीय गणतंत्र अपने 72वें वर्ष में प्रवेश कर राजपथ पर भारतीय गौरव की प्रतीक परेड के माध्यम से उत्सव में. सराबोर था. उसके सामानांतर वामपंथी संगठनों द्वारा समर्थित किसान परेड के दौरान हुई हिंसा, सार्वजनिक सम्पत्ति में तोड़फोड़ तथा राष्ट्रीय प्रतिकों के अपमान आदि निंदनीय कृत्यों ने सम्पूर्ण देश को हतप्रभ तथा निराश किया है ।
ABVP मरवाही के नगर सह मंत्री सुमित पटवा ने कहा, “किसान परेड के नाम पर जिस तरह की हिंसा, अराजकता तथा देश का अपमान हुआ, वह अलोकतान्त्रिक तथा अराजकता की पराकाष्ठा है। कांग्रेस,वामपंथी दलों सहित जिन भी लोगों तथा संगठनों ने इस कथित किसान आंदोलन को हवा दी, वे सभी इस अपमान के लिए देश से क्षमा याचना करें। देश की वर्तमान प्रजातंत्रिक व्यवस्था को प्राप्त करने के लिए भारतीय महापुरुषों ने जो अतुलनीय योगदान दिया था, उसका भी अराजकता के दोषियों ने ध्यान नहीं रखा। मै भारत सरकार से 26 जनवरी को. हुए घटनाओं के जिम्मेदारो को खोजकर उन पर कड़ी कार्यवाही की मांग करता हूँ.”