छत्तीसगढ़

काव्या साहित्य कला परिषद् में हुआ प्रथम कवि सम्मेलन का आयोजन*

 

*काव्या साहित्य कला परिषद् में हुआ प्रथम कवि सम्मेलन का आयोजन*

काव्या साहित्य कला परिषद,छत्तीसगढ़ के द्वारा जन्मदिन के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में लगभग 3 दर्जन कवियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत किये। काव्या साहित्य कला परिषद् के संस्थापक परमानंद निषाद”प्रिय” के अनुसार कवि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री गजेंद्र हरिहारनो ने बेटी-मेरी लाडो,मेरी परी पर प्रकाश डाला।

कवि सम्मेलन मे मुख्य अतिथि के रूप में महासमुंद से सुंदर लाल डडसेना”मधुर” अपने गीत से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। जबकि दिल्ली से पधारे वरीष्ट कवित्री डॉ नेहा इलाहाबादी ने समारोह मे आये अतिथिगण का स्वागत किया एवं बेटी के जन्मदिवस समारोह के आयोजक कर्ता परमानंद निषाद”प्रिय” जी ने अतिथिगणों का धन्यवाद ज्ञापन।

परमानंद निषाद”प्रिय” के अनुसार कार्यक्रम का संचालन आदरणीय सुरेंद्र हरडे जी ने किया। इस सम्मेलन मे एक से बढ़कर एक कवि एवं कवित्री उपस्थित रहे।

डॉ मलकप्पा अलियास महेश बेंगलूर कर्नाटक,सुरेन्द्र अग्निहोत्री “आगी” महासमुन्द,नरेन्द्र कुमार शर्मा, हिमाचल प्रदेश,राकेश जैन कवर्धा,अनिल मोदी, चेन्नई3,फ़िरोज़ सोनू शैख़ मदीना शरीफ सऊदी अरब,डा. साधना तोमर, बड़ौत (बागपत), उत्तर प्रदेश,अर्पणा तिवारी इंदौर,डॉ बी निर्मला,मैसूर कर्नाटक,डॉ शोभा जी श्रीवास्तव,रमा बहेड
हैदराबाद तेलंगाना राज्य,रूपेश कुमार,चैनपुर,सीवान,बिहार,
रश्मि विपिन अग्निहोत्री,केशकाल,डॉ गुलाब चंद पटेल,रमेश बोंगाळे बी एन चिक्कमंगलूरू कर्नाटक,डॉ सुनिल कुमार परीट कर्नाटक,राजकुमार अरोड़ा गाइड आदि दर्जनों विद्वानों गीत (परी) बेटी के जन्मदिवस पर एक से बढ़कर एक रचनाएँ सुनायी। सम्मेलन के अंत में सभी का परमानंद निषाद”प्रिय” ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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