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COVID-19 का हवाला देते हुए वरवर राव और शोमा सेन ने मांगी जमानत । Varvara Rao and Shoma Sen sought bail citing COVID-19 | nation – News in Hindi

COVID-19 का हवाला देते हुए वरवर राव और शोमा सेन ने मांगी जमानत

वरवर राव 80 साल के है (फाइल फोटो)

वरवर राव (Varavara Rao) 80 साल के हैं और शोमा सेन (Shoma Sen) 60 साल की हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मामलों के लिए गठित विशेष अदालत ने मार्च में इस प्रकार की जमानत याचिका (Bail plea) खारिज कर दी थी.

मुंबई. एल्गार परिषद मामले (Elgar Parishad Case) में गिरफ्तार (Arrest) किए गए वरवर राव (Varavara Rao) और शोमा सेन (Shoma Sen) ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का हवाला देते हुए यहां एक विशेष अदालत (Special Court) में अस्थायी जमानत याचिका दायर की.

दोनों ने अपनी याचिका (Plea) में कहा कि उन्हें कई प्रकार की बीमारियां हैं और उम्र की वजह से उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Infection) होने की आशंका है.

राव नवी मुंबई की तलोजा जेल में जबकि सेन बायकुला जेल में हैं बंद
राव 80 साल के हैं और सेन 60 साल की हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मामलों के लिए गठित विशेष अदालत ने मार्च में इस प्रकार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.राव इस समय नवी मुंबई (Navi Mumbai) की तलोजा जेल में बंद हैं और सेन यहां बायकुला जेल में बंद हैं.

दोनों अभियुक्तों की दलील- कोविड-19 के लिए कोई दवा या टीका नहीं उपलब्ध
दोनों अभियुक्तों ने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) के लिए कोई दवा या टीका उपलब्ध नहीं है तथा इस बीमारी से बचने के लिए जो एहतियाती उपाय बताए गए हैं उन्हें जेल में रह कर नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि जेल में बंद कई कैदियों (Prisoners) को संक्रमण हो चुका है.

अदालत (Court) ने मामले की सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख तय की है.

प्रसिद्ध कवि, लेखक और कार्यकर्ता वरवर राव
प्रसिद्ध कवि, लेखक और कार्यकर्ता वरवर राव, जो उनके क्रांतिकारी लेखन और सार्वजनिक भाषणों के लिए प्रसिद्ध हैं, को उनके हैदराबाद स्थित घर से गिरफ्तार किया गया. उन्हें तेलुगू साहित्य के एक प्रमुख मार्क्सवादी आलोचक भी माना जाता है और उन्होंने दशकों तक स्नातक और स्नातक छात्रों को यह विषय पढ़ाया है. रिपोर्टों के मुताबिक, पुणे पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की हत्या के कथित साजिश के सिलसिले में उनके घर की तलाश के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया.

बता दें कि राव को उनके लेखन और राजनीतिक गतिविधियों के लिए पहली बार गिरफ्तार नहीं किया गया है. आंध्र प्रदेश सरकार ने 1973 में उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था, लेकिन एक महीने जेल में बिताने बाद हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था. रखरखाव और आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत इमरजेंसी के दौरान राव को फिर से गिरफ्तार किया गया था.

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First published: May 15, 2020, 9:29 PM IST



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