घर घर शराब पहुँचाने के प्रदेश सरकार के फैसले से नाराज भाजपा ने कहा वापस लो फैसला

सबका संदेश (07/05/2020)
कोंडागांव । भारतीय जनता पार्टी जिला कोंडागाँव के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोंडागाँव भाजपा जिला संगठन प्रभारी श्रीनिवास राव मद्दी, जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा, गोपाल दीक्षित की उपस्थिति में पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि अभी हम लोग लॉकडाउन-3 से गुजर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था “जान है तो जहान है” फिर दुबारा हमने “जान भी और जहान भी” के ध्येय वाक्य के साथ काम किया। अब इस तीसरे लॉकडाउन का ध्येय है “जान बची तो लाख उपाय”।
पहले लॉक डॉउन में एकमात्र प्राथमिकता जान बचाने की थी। देश-दुनिया ने पहले कभी इस तरह के हालात नही देखे थे, जब पूरा देश बल्कि पूरी दुनिया एक साथ एक ही चुनौती से जूझ रहा था। लेकिन यह मोदी जी के सशक्त नेतृत्व की ताकत थी कि आज दुनिया भर में अपनी क्षति न्यूनतम है। जहां दुनिया के सबसे विकसित और समृद्ध कहे जाते अमेरिका और इटली जैसे देशों में हाहाकार है, भारत अपेक्षाकृत न्यूनतम क्षति के साथ इस महामारी का सामना कर रहा है।
जान बची तो लाख उपाय, के ध्येय को सामने रख कर देश ने धीरे-धीरे जनजीवन को पटरी पर लाने का सोचा। इसी सन्दर्भ में केंद्र का निर्देश आया कि कुछ ख़ास श्रेणियों के कारोबार को छोड़ कर शेष सभी कारोबार तय शर्तों के अधीन राज्य अपनी-अपनी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शुरू कर सकते हैं। ऐसा करते समय निश्चय ही यह ध्यान में था कि कोरोना से और ना ही भूख से मरें लोग। रोजी-रोजगार आदि शुरू हो।
अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र के उस औपचारिक निर्देश में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को केवल मदिरा की दुकान खोलने का निर्देश समझ आया। प्रदेश भर में सारा आवश्यक कार्य ठप पड़ा हुआ है। मरीजों का इलाज़ केन्द्रीय एम्स के भरोसे चल रहा, तो राहत आदि कार्यों में स्वयं सेवी संस्थायें जुटी हुई है। पर इन सबको पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस सरकार ने सीधे तौर पर केवल शराब की दुकान खोलना मुनासिब समझा।
केंद्र के कथित निर्देश के बावजूद बिहार में, गुजरात आदि में शराबबंदी है लेकिन कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में इसे मौके की तरह लपक लिया। CAA और NPR आदि में केन्द्रीय निर्णयों के खिलाफ कागज़ नहीं दिखाने की बात करने वाले सीएम मानो इस मामले में पूरी तरह स्वयं को केंद्र विश्वासपात्र होने का भ्रम फैलाने लगे। वे यह झूठ फैलाने में लग गए कि केंद्र ने उन्हें मानो शराब बेचने के लिए नियुक्त किया हो। न केवल दुकानें खोली गयी बल्कि समूचे देश में पहली ऐसी सरकार बन गयी है छत्तीसगढ़, जो शराब की घर पहुँच सेवा देने वाली है।
इससे पहले ही एक स्वतंत्र सर्वेक्षण के अनुसार शराब की खपत में कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ को नंबर वन बना दिया ही था।
दुर्भाग्य की बात है कि ऐसा कृत्य कांग्रेस की वह सरकार कर रही है, जिसने गंगाजल उठाकर प्रदेश में शराबबंदी का वादा किया था। तब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल आदि ने शराबबंदी को लेकर अनेक आन्दोलन किये। अनेक ट्वीट आप सब ने शराबबंदी के पक्ष में कांग्रेस नेताओं का देखा होगा। राहुल गांधी ने कहा था कि अगर घोषणा पत्र पर अमल नहीं किया तो वे सीएम बदल देंगे। अभी अमल करने की बात तो दूर उलटे घर-घर शराब पहुचाने का ठेका सीएम भूपेश बघेल ने ले लिया है। इससे दुर्भाग्यजनक और क्या हो सकता है?
अभी शराब दुकानों में जिस तरह भीड़ उमड़ रही है और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। भीड़ इकठ्ठा होने के कारण बड़े स्तर पर संक्रमण की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर कोई अनहोनी हुई तो इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे।
हम सरकार से विनयपूर्वक निवेदन करते हैं की प्रदेश में शराब घर-घर पहुचाने का फैसला वापस लीजिये। ऐसा नहीं करने पर भाजपा लोक आन्दोलन खड़ा करने समेत हर संभावित विकल्पों को अपनाने में पीछे नहीं हटेगी।
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