ग्रामीणों ने खुद के पैसे से शौचालय बनवाए, शिकायत के बाद भी अफसर कह रहे- जांच संभव नहीं
बिलासपुर सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- गरीब ग्रामीणों से शौचालय बनवाकर पैसे का भुगतान नहीं करने के जिले में कई मामले हैं। इसको लेकर शिकायत भी ग्रामीणों ने की है। बावजूद इसके अधिकारी कह रहे हैं कि इतने बड़े स्तर पर जांच संभव नहीं है। खास बात यह है कि शिकायत तो की गई, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन की इस योजना के रिकार्ड में दर्ज ही नहीं किया गया है। वहीं इस तरह के मामलों में सरपंच व सचिवों के खिलाफ भी कोई जांच नहीं की गई है। इससे परेशान ग्रामीण अब प्रशासन के पास पैसे वापसी के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
कागजों में सभी 649 पंचायतें ओडीएफ, असलियत इससे अलग
- कागजों में जिले की सभी 649 पंचायतें ओडीएफ हैं जबकि इनकी असलियत जानते हुए भी जिला पंचायत के अफसर कोई कार्रवाई जानबूझकर नहीं करना चाहते। सभी ब्लॉक में शौचालय को लेकर शिकायतें हैं लेकिन जब जांच की बात आती है तो अफसर कहते हैं कि बड़े पैमाने पर जांच संभव नहीं है। बढ़ती शिकायतों को देखकर पहले अफसरों ने कहा कि ब्लॉकों में शौचालयों की गड़बड़ी को पकड़ने के लिए अचानक शौचालय चेक किए जाएंगे लेकिन फिर उसे भी किनारे कर दिया गया।
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केस-1 : ग्रामीणों ने कर्ज लेकर बनवाया शौचालय
सोमवार को बेलगहना के आश्रित ग्राम मरही कापा के ग्रामीण जनदर्शन में आवेदन देने आए थे। ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने सरपंचों के आश्वासन पर कर्ज लेकर शौचालय बनवाए और अब सचिव शौचालय की राशि देने से मना कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इसमें से कई ग्रामीणों ने कर्ज लेकर शौचालय बनवाए हैं। उन्होंने इसके पहले भी प्रशासन के पास आवेदन दिया था लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसके बाद वे दुबारा जनदर्शन में आवेदन देने आए थे।
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केस-2 : सरपंच खाता नंबर मांगता है लेकिन पैसे नहीं डालता
कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत चुरेली के ग्रामीणों में जोसेफ मिंज रामसाय तिर्की आदि ने सरपंच के कहने से शौचालय तो बनवा लिए लेकिन अब वे शौचालय की राशि के लिए सरपंच के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने इस मामले में कई बार प्रशासन के पास आवेदन भी दिया है। ग्रामीण जब सरपंच से राशि की मांग करते हैं तब सरपंच उनसे खाता नंबर तो मांगता है लेकिन खाता नंबर दिए जाने के बाद भी उसमें राशि नहीं डालता। इतना ही नहीं सरपंच ने जो शौचालय बनाए हैं उसमें सीमेंट की जगह मिट्टी से जोड़ाई की गई है।
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केस-3 : शौचालय को सरपंच ने दिखाकर दो-दो बार पैसे निकाले
तखतपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत पकरिया के जनप्रतिनिधियों ने लोगों को शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करते हुए शासन से राशि दिलवाने का दावा किया था। इसे मानकर ग्रामीणों ने निजी पैसे से शौचालय बनवाए। वर्ष 2014 में प्रति शौचालय 4700 रुपए की सरकारी मदद दी गई। अफसरों ने 314 ग्रामीणों के घर पर शौचालय बनाने का फर्जी दावा कर पहले 4700 रुपए निकाल लिए। इसके बाद साल 2018 में उन्हीं लोगों के शौचालय काे फिर से दिखाकर 12-12 हजार रुपए निकाले गए।
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जिन ब्लॉकों से शिकायत आई है उनसे जांच प्रतिवेदन मंगाया
हमारे पास ऐसी पंचायतों की शिकायत संबंधी रिकार्ड नहीं हैं जहां पर ग्रामीणों ने खुद से शौचालय बनवाए और उन्हें उसकी राशि नहीं मिली। जिन ब्लॉकों से ऐसे मामले की शिकायतें आई थीं हमने वहां के जनपद सीईओ से जांच प्रतिवेदन मंगाया है।
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