छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

सुपेला क्रासिंग पर रोज रोज लोग घंटों खड़े रहकर हो रहे है हालाकान, जनप्रतिनिधियों के प्रति लोगों में दिख रहा है बेहद नाराजगी

भिलाई। जिले के राजनेताओं के निष्क्रीयता और उनके उपेक्षा के कारण भिलाई के लोग बेहद नाराज है।  सुपेला रेलवे क्राङ्क्षसंग एक ऐसा क्रासिंग है जहां सबसे अधिक आवागमन का दबाव रहता है, यहां ओव्हरब्रिज और अण्डरब्रिज सबसे अधिक जरूरी है, लेकिन यहां को छोड़ नेहरू नगर और पॉवर हाउस में ओव्हरब्रिज अण्डरब्रिज बन गया। रेलवे द्वारा रिजेक्ट करने के बाद भी भिलाई के एक दबंग नेता के कारण मौर्या टॉकीज के पास और उसके बाद प्रियदर्शिनी परिसर में अण्डर्िरब्रज बन गया जहां बारिश के दिनों में पानी भरा रहता है, अण्डब्रिज बनने के बाद भी लाखों रूपये पानी नही भरने के लिए खर्चा कर दिये लेकिन आज भी वही स्थिति है।

इन दोनो अण्डरब्रिज में पानी भर जाने के कारण बारिश में आवागमन बंद हो जाने के कारण इसका भी दबाव सुपेला क्राङ्क्षसंग पर ही पड़ता है। लोगों के लगातार मांग के बाद भी आज तक सुपेला रेलवे क्रासिंग पर न तो ओव्हरब्रिज बना और न ही अण्डरब्रिज बना। हां इसके लिए टेस्टिंग कई बार जरूर किया गया लेकिन आज तक ब्रिजें यहा नही बनी। हकीकत तो यही है कि आस पास कितना भी ओव्हरब्रिज और अण्डरब्रिज बन जाये हकीकत यही है कि यहां का दबाव कम नही होने वाला है। तीसरी रेल लाईन बन जाने के बाद यहां ट्रेनों का और अधिक दबाव बन जाने के कारण अधिकांशतर एक बार क्रासिंग बंद होने पर 5-5  ट्रेन पार होने के बाद क्रासिंग खुलता है,

तब तक यहां लोगों के साथ कई बार एम्बुलेंस से लेकर इमरजेंसी में जाने वाले घंटो यहां खड़ा रहकर बहुत ही परेशान तो होते ही है साथ में यहां के सांसदों और विधायकों को भी भारी कोस रहे है। भिलाई इस्पात संयंत्र में डयूटी करने वाले कई बार यहां क्रासिंग बंद होने के कारण डयूटी में लेट होने के कारण बीएसपी के गेट से अंदर नही घुस पाते है।  सुपेला रेलवे क्राङ्क्षसग में कई बार आधा घंटा से भी अधिक क्रासिंग बंद रहती है। इसके आलवा साल में कई बार मेंटनेंटस के नाम पर दो से तीन दिन सुपेला क्रासिंग बंद रहती है, इसके कारण लोगों को काफी घूमकर पटरी पार और टाउनशिप के लोगों को आना जाना पड़ता है। अब देखना यह है कि यहां कब तक ब्रिज बनती है।

या टेक्निकल प्राब्लम बताकर इसे ठंढे बस्ते में डालते है। जानकारी तो यह भी मिल रही है कि यहां रेलवे द्वारा इसके लिए जांच की जा चुकी है लेकिन टेक्निकल कुछ प्राब्लम आ गया है, अब देखना यह है कि यदि कोई टेक्निकल प्राब्लम है तो उसको यहां के दोनो सांसद और जनप्रतिनिधि दूर करवाने का प्रयास करते है या टेक्निकल प्राब्लम होने के कारण यहां ब्रिज बनाने के मामले में मौन धारण कर लेंगे।

वर्सन जनप्रतिनधिगण
केन्द्र सरकार ने योजना बनाई है कि 2024 तक कोई भी ऐसा रेलवे का्रसिंग नही रहेगा जहां अण्डरब्रिज न बने। सुपेला में भी अण्डरब्रिज के लिए स्वीकृति हो गई है। यहां मामला रेलवे और नगर निगम के बीच के होने के कारण देरी हो रही है क्योंकि इसके कारण यहां प्रभावित होने वाले दुकानों और स्थानों का सर्वे नही हुआ है। यह भी जल्द होगा। हर तीन महिने में रेलवे की बैठक होती इस बैठक में मैं स्वंय इस मामले में फीडबैक लेते रहता हूं। मेरी भी कोशिश है कि यहंा जल्द अण्डरब्रिज बने और लोगों को राहत मिले।

विजय बघेल सांसद, दुर्ग लोकसभा
सुपेला में अण्डरब्रिज और ओव्हरब्रिज के लिए स्वीकृति

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