मसाला निर्माण से जुड़कर स्वाभिमान के रास्ते तय कर रही ‘मोरनी स्व-सहायता’ समूह की महिलाएं
कोरोना संकट के दौरान सस्ते दामों पर मास्क एवं राशन बेच कर की लोगों की मदद
कोण्डागांव। आधुनिक भारत में जहां महिलाएं पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर नये भारत की नई कहानी रच रही हैं वहीं ग्रामीण भारत में आज भी महिलाएं पारम्परिक खाने पकाने एवं गृहस्थ सवारने के कार्य में ही पूरा जीवन व्यतीत कर डालती हैं। ऐसे ही जनपद पंचायत माकड़ी की महिलाएं भी प्रतिदिन चूल्हे-चैके के कार्यों में लगी रहतीं थी परन्तु स्वाभिमानपूर्वक जीवन के लिए उन्होंने रसोईयों से बाहर निकलकर उत्पादक कार्यों से जुड़ आगे बढ़ने की ठानी और उन्होंने मोरनी स्व-सहायता समूह का गठन कर मसाला उत्पादन के व्यापार से जुड़ने का सोचा। इसके लिए ग्राम की ही 10 महिलाओं ने मिलकर जिला पंचायत सीईओ डीएन कश्यप के मार्गदर्शन में जिला मिशन प्रबंधक विनय सिंह एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान‘ के अधिकारियों से मिलकर मसाला निर्माण के संबंध में जानकारी ली। बिहान से प्रशिक्षण प्राप्त कर शासन द्वारा रिवाॅल्विंग फण्ड द्वारा प्राप्त 15 हजार रूपये की आर्थिक सहायता एवं सामुदायिक संस्थागत अनुदान से प्राप्त 60 हजार रूपये से क्रेडिट निर्माण के बाद बैंक द्वारा 03 लाख की ऋण की राशि आसान किस्तों में प्राप्त हुई। इस प्राप्त ऋण से उन्होंने सर्वप्रथम 2019-20 में मसाला निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। जिला प्रशासन द्वारा इस समूह द्वारा उत्पादित मसाले एवं राशन को आश्रम-छात्रावासों में वितरित करने की अनुमति प्रदान कर इन्हें प्रशासन एवं सामुदायिक कार्यक्रमों में की जाने वाली राशन सामग्रियों के वितरण से जोड़ा गया। इसके अतिरिक्त समूहों द्वारा माकड़ी विकासखण्ड अंतर्गत साप्ताहिक हाट-बाजारों में केनोपी लगाकर ‘बिहान‘ मार्ट में राशन सामग्री एवं मसालों का विक्रय किया गया।
कोरोना संक्रमण काल में भी मोरनी स्व-सहायता समूह की महिलाएं लगातार जनसेवा में लगी रहीं। इस दौरान जिले में मास्क की कमी को देखते हुए समूह की महिलाओं ने स्वयं मास्क निर्माण कर सस्ते दामों पर लोगों को केनोपी लगाकर विक्रय किया वहीं शासकीय कार्यों में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए शासकीय विभागों को भी मास्क की आपूर्ति की। पिछले 02 वर्षों में समूह को राशन सामग्री एवं मसालों के विक्रय से कुल 05 लाख 53 हजार रूपये की आमदनी हुई। जिसमें से उन्हें 01 लाख 53 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी भी प्राप्त हुई। इस दौरान उन्होंने शासकीय आश्रम-छात्रावासों को अरहर दाल 1260 क्वि., मसूर दाल 1260 क्वि., चना 275 क्वि., मटर 290 क्वि., हल्दी 74 क्वि., मिर्च 76 क्वि., मसाले 72 क्वि., धनिया 57 क्वि. प्रदाय किये। इस प्रकार मोनरी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने चूल्हे-चैकों से निकलकर राशन विक्रय एवं मसाले निर्माण से जुड़कर स्वाभिमान के नये रास्तों पर आगे बढ़ रही हैं।