छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

कर्मचारियों द्वारा हड़ताल में भाग नही लेने चलाना शुरू किया अनुशासन का डंडा

कहा इसमें भाग लेने वालों पर होगी कार्यवाही,जारी किया परिपत्र

भिलाई। केन्द्र सरकार द्वारा लागू श्रमिक विरोधी नीतियों और सेल द्वारा लगातार संयंत्रकर्मियों को सुविधाओं में किये जा रहे कटौती को लेकर श्रमिक संगठनों द्वारा  कल 26 नबंबर को किये जा रहे हड़ताल को असफल करने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन अभी से  अपने कर्मचारियों द्वारा हड़ताल में भाग नही लेने के लिए अनुशासन का डंडा चलाना शुरू कर दिया है। बीएसपी प्रबंधन द्वारा इसके लिए परिपत्र जारी करते हुए कहा है कि जो भी कर्मचारी इस हड़ताल में भाग लेगा उस पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। इसके अलावा इस हड़ताल को असफल करने उन्होंने केन्द्रीय क्षेत्रीय श्रमायुक्त का भी सहारा लिया गया है, और इसके नाम पर भी अपने कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि केन्द्रीय क्षेत्रीय श्रमायुक्त ने भी इस हड़ताल को अवैध घोषित किया है। बीएसपी प्रबंधन ने कहा है कि कुछ श्रमिक संगठनों द्वारा 26 नवंबर,  को हड़ताल करने की सूचना दी गई है। श्रमिक संगठनों द्वारा भेजे गए ज्ञापन के अनुसार अधिकतर मांगे केन्द्र/राज्य सरकार की नीतियों और निगमित कार्यालय, सेल, नई दिल्ली से संबंधित है जिस पर भिलाई इस्पात संयंत्र स्तर पर निर्णय लेना संभव नहीं है।

कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन  एस के दुबे ने कार्मिकों के नाम अपील जारी करते हुए कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र में औद्योगिक शांँति एवं सौहाद्र्र की दीर्घ और गौरवमयी पर परा रही है। बीएसपी बिरादरी उत्पादन के चरम बिंदुओं तक पहुँचने के लिए संकल्पित हैं तथा इस हेतु सभी को हर संभव प्रयास करना होगा। इस आर्थिक संकट की घड़ी में हम सबका प्रयास उच्चतर उत्पादन/उत्पादकता प्राप्त करना होना चाहिए। अत: हड़ताल का आव्हान संयंत्र एवं कार्मिकों के लिए अहितकारी होगा। यह ज्ञात हो कि क्षेत्रीय श्रमायुक्त केन्द्रीय, रायपुर ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अन्तर्गत हड़ताल आव्हान के मुद्दों को कन्सिलीऐशन  में सीज़ कर दिया है। चूँकि भारत सरकार ने लौह एवं इस्पात उद्योग को ‘लोक उपयोगी सेवा’ घोषित किया है, इसलिये औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के प्रावधानों के अनुसार सुलह कार्यवाही लंबित होने के दौरान हड़ताल पर जाना अवैध है।

संयंत्र प्रबंधन द्वारा यह सूचित किया गया है कि दिनाँक 26 नवंबर, 2020 को कार्य से अनुपस्थिति को हड़ताल में भाग लेना माना जाएगा एवं ऐसी अनधिकृत अनुपस्थिति के लिए वेतन कटौती के अतिरिक्त क पनी के स्थाई आदेशों (संयंत्र/खदान), एच.एस.एल. अनुशासन व अपील नियम एवं क पनी के अन्य लागू नियमों के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अत: संयंत्र प्रबंधन अपने सभी कार्मिकों से अपील करती है कि वे भिलाई की गौरवशाली कार्य परंपरा को बनाए रखें एवं 26 नवंबर को अपने कार्य पर उपस्थित होकर उच्चतर उत्पादन एवं उत्पादकता में अपना बहुमूल्य सहयोग देवें।

इस संदर्भ में संयंत्र प्रबंधन ने नियमन-97/2020 परिपत्र भी जारी किया है। जिसके तहत कार्मिकों को सूचित किया जाता है कि वे प्रबंधन की बिना पूर्व लिखित अनुमति के कारखाने की सीमा के भीतर गैर कार्यालयीन बैठकों में भाग न ले एवं कंपनी के वक्र्स एवं स पदा में पोस्टर आदि न चिपकाएं । साथ ही साथ हड़ताल के दिन कार्मिकों से अपील है कि किसी भी कार्मिक को संयंत्र के भीतर प्रवेश हेतु व्यवधान उत्पन्न करने या बलपूर्वक रोकने का प्रयास न करें। इस तरह की घटना को अनुशासनहीनता माना जायेगा और नियमानुसार आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसलिए सभी अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारियों को सूचित किया जाता है कि उनके अधीनस्थ कार्यरत कार्मिकों को 26 नवंबर केवल इस दिन के लिए अवकाश स्वीकृत न किया जाए एवं यदि केवल उक्त दिवस के लिए पूर्व में ही अवकाश स्वीकृत किया जा चुका है तो उसे निरस्त किया जाए। यदि 26 नवंबर का अवकाश बाद में चिकित्सा आधार पर स्वीकृत किया जाता है तो उसे केवल सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर ही स्वीकृत किया जाए न कि स्व-प्रमाणन के आधार पर।

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