दुनिया फिर खतरे में धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है बड़ा उल्कापिंड, The world is moving rapidly towards Earth in danger, big meteorite
साल 2020 में दुनिया को कई स्तर पर परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. क्लाइमेंट चेंज, कोरोना वायरस महामारी जैसी तमाम चीजों ने दुनिया को इस साल में परेशान किया है. अब इस साल के खत्म होने से कुछ समय पहले एक उल्कापिंड के पृथ्वी की तरफ कदम बढ़ा रहा है और ये कोई छोटा-मोटा उल्कापिंड नहीं बल्कि इसका साइज दुनिया की सबसे लंबी बिल्डिंग दुबई की बुर्ज खलीफा जितना है. नासा ने कंफर्म किया है कि 153201 2000 WO107 नाम का ये उल्कापिंड नवंबर 29 यानि रविवार को धरती के पास से गुजरेगा. ये उल्कापिंड 90 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल कर रहा है. इस उल्कापिंड का साइज 820 मीटर के आसपास बताया जा रहा है. बता दें कि बुर्ज खलीफा की हाइट 829 मीटर है और ये दुनिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित स्ट्रक्चर है.
इस उल्कापिंड की गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसी बंदूक से निकली गोली साढे़ चार हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल करती है. पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसत दूरी 3 लाख 85 हजार किलोमीटर की है लेकिन नासा इस दूरी के लगभग 20 गुना रेंज में आने वाली सभी चीजों को मॉनीटर करने को लेकर प्राथमिकता देता है. इस उल्कापिंड के साइज और इसकी गति को देखते हुए चिंता करना लाजमी है और अगर ये पृथ्वी पर गिरता है तो इससे काफी नुकसान होने की संभावना है. हालांकि नासा का साफ कहना है कि इस उल्कापिंड के धरती से टकराने की संभावना नहीं है. नासा ने इस उल्कापिंड को नियर अर्थ ऑब्जेक्ट(एनईओ) की कैटेगिरी में डाला है. नासा के हिसाब से, 4.6 बिलियन साल पहले निर्माण हुए हमारे सोलर सिस्टम के चट्टानी, वायुहीन अवशेषों को उल्कापिंड कहा जाता है. नासा अब तक दस लाख से ज्यादा उल्कापिंडों के बारे में पता लगा चुका है. साल 2020 में कई छोटे बड़े उल्कापिंड धरती के करीब से गुजरे हैं.